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जनता दरबार में CM नीतीश कुमार सुन रहे थे शिकायतें, फरियादी ने कहा- 'मुझे ब्लैक फंगस है'

नीतीश कुमार के काफी दिनों बाद लगाए गए जनता दरबार में फरियादियों की संख्या भी खूब देखी गई. लोगों की अधिकांश शिकायत शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को लेकर देखी गई. कई लोगों ने रोजगार को लेकर भी समस्याएं रखी. लेकिन इस दौरान एक अजीबोगरीब मामला मुख्यमंत्री के सामने आया. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

CM Nitish in Janta Drabar
CM Nitish in Janta Drabar
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Published : Jul 12, 2021, 6:47 PM IST

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार में सोमवार ब्लैक फंगस (Black Fungus) से संक्रमित होने का दावा करने वाला एक व्यक्ति उनके सामने पहुंचा. फरियादी के इस बात को सुनते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी असहज दिखे और उसे जल्द स्वास्थ्य विभाग के पास भेज दिया गया.

दरअसल, जनता दरबार में पहुंचे एक फरियादी ने अपना कागज मुख्यमंत्री को सौंपा. मुख्यमंत्री ने कागज पढ़ा और कहा, 'इसे तो ब्लैक फंगस हो गया है', तभी वहां खड़े अधिकारियों ने फरियादी से पूछा कि किसको ब्लैक फंगस है तो उसने ब्लैक फंगस के लक्षण की आशंका जताई, जिसके बाद मुख्यमंत्री भी असहज हो गए. बाद में फरियादी ने कहा कि उसको ब्लैक फंगस के लक्षण लग रहे हैं, समुचित इलाज करवाया जाए.

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मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण, विज्ञान और प्रावैधिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन और सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़े मामलों पर शिकायतें सुनी. इस जनता दरबार में इन विभागों के मंत्री और अधिकारी भी मौजूद थे.

महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सुना जाएगा. महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की बारी आएगी.

जबकि तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्या का निदान होगा.

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इस बार जनता दरबार के लिए आवेदकों को आरटीपीसीआर जांच और टीकाकरण कराया जा रहा है. कोविड-19 पाए जाने वाले आवेदकों को ही जिला प्रशासन विशेष व्यवस्था कर वाहन से जनता दरबार पहुंचाएगा. मुख्यमंत्री 300 से 400 आवेदकों से 1 दिन में मिलेंगे और उनकी शिकायत सुनेंगे जिसे ऑनस्पॉट दूर किया जाएगा. लोगों के लिए मोबाइल ऐप से समस्या शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था होगी. जिनके पास मोबाइल की सुविधा नहीं है.

बता दें कि 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद मुख्यमंत्री ने जनता दरबार बंद कर दिया था. उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि अब जनता दरबार की कोई जरूरत नहीं है, लोगों को कानून बनाकर हमने दे दिया है. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री ने फिर से जनता दरबार शुरू करने का ऐलान किया है.

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विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू का खराब परफॉर्मेंस गया था. पार्टी को केवल 43 सीट मिला. बिहार में तीसरे स्थान पर पार्टी पहुंच गई. जेडीयू के खराब परफॉर्मेंस का बड़ा कारण नीतीश कुमार की लोगों से दूरियां बढ़ती रही. पार्टी नेताओं और विभिन्न स्तरों पर फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से लोगों से जुड़ने के लिए जनता दरबार शुरू करने का फैसला लिया है.

सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2006 में जनता दरबार शुरू किया था. 10 सालों तक जनता दरबार कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. मई, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद नीतीश कुमार ने जनता दरबार कार्यक्रम को बंद कर दिया. 10 सालों में 241 जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. 10 सालों में 2,77,249 मामले सामने आए जिसका निष्पादन किया गया है. 5 साल बाद फिर जनता दरबार कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार में सोमवार ब्लैक फंगस (Black Fungus) से संक्रमित होने का दावा करने वाला एक व्यक्ति उनके सामने पहुंचा. फरियादी के इस बात को सुनते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी असहज दिखे और उसे जल्द स्वास्थ्य विभाग के पास भेज दिया गया.

दरअसल, जनता दरबार में पहुंचे एक फरियादी ने अपना कागज मुख्यमंत्री को सौंपा. मुख्यमंत्री ने कागज पढ़ा और कहा, 'इसे तो ब्लैक फंगस हो गया है', तभी वहां खड़े अधिकारियों ने फरियादी से पूछा कि किसको ब्लैक फंगस है तो उसने ब्लैक फंगस के लक्षण की आशंका जताई, जिसके बाद मुख्यमंत्री भी असहज हो गए. बाद में फरियादी ने कहा कि उसको ब्लैक फंगस के लक्षण लग रहे हैं, समुचित इलाज करवाया जाए.

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मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण, विज्ञान और प्रावैधिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन और सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़े मामलों पर शिकायतें सुनी. इस जनता दरबार में इन विभागों के मंत्री और अधिकारी भी मौजूद थे.

महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सुना जाएगा. महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की बारी आएगी.

जबकि तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्या का निदान होगा.

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इस बार जनता दरबार के लिए आवेदकों को आरटीपीसीआर जांच और टीकाकरण कराया जा रहा है. कोविड-19 पाए जाने वाले आवेदकों को ही जिला प्रशासन विशेष व्यवस्था कर वाहन से जनता दरबार पहुंचाएगा. मुख्यमंत्री 300 से 400 आवेदकों से 1 दिन में मिलेंगे और उनकी शिकायत सुनेंगे जिसे ऑनस्पॉट दूर किया जाएगा. लोगों के लिए मोबाइल ऐप से समस्या शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था होगी. जिनके पास मोबाइल की सुविधा नहीं है.

बता दें कि 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद मुख्यमंत्री ने जनता दरबार बंद कर दिया था. उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि अब जनता दरबार की कोई जरूरत नहीं है, लोगों को कानून बनाकर हमने दे दिया है. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री ने फिर से जनता दरबार शुरू करने का ऐलान किया है.

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विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू का खराब परफॉर्मेंस गया था. पार्टी को केवल 43 सीट मिला. बिहार में तीसरे स्थान पर पार्टी पहुंच गई. जेडीयू के खराब परफॉर्मेंस का बड़ा कारण नीतीश कुमार की लोगों से दूरियां बढ़ती रही. पार्टी नेताओं और विभिन्न स्तरों पर फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से लोगों से जुड़ने के लिए जनता दरबार शुरू करने का फैसला लिया है.

सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2006 में जनता दरबार शुरू किया था. 10 सालों तक जनता दरबार कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. मई, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद नीतीश कुमार ने जनता दरबार कार्यक्रम को बंद कर दिया. 10 सालों में 241 जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. 10 सालों में 2,77,249 मामले सामने आए जिसका निष्पादन किया गया है. 5 साल बाद फिर जनता दरबार कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है.

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