पटना: देश में केंद्र सरकार के डिजास्टर इंडेक्स (Disaster Index) में बिहार गुजरात के साथ दूसरे स्थान पर है लेकिन केंद्र से फंड मिलने के मामले में इसकी लगातार उपेक्षा हो रही है. फंड एलोकेशन के मामले में बिहार कई राज्यों से नीचे है. केंद्र सरकार के रवैये को लेकर विपक्षी दलों के साथ विशेषज्ञ भी सवाल खड़े कर रहे हैं. बिहार में हर साल बाढ़ और सूखा के कारण हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होता है. खासकर बाढ़ से तो हर साल एक बड़े हिस्से की आबादी प्रभावित होती है. इसके बावजूद बिहार के साथ लगातार उपेक्षा होती रही है.
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केंद्र सरकार द्वारा तैयार डिजास्टर इंडेक्स में उड़ीसा नंबर एक स्थान पर है. उसके बाद गुजरात के साथ बिहार का स्थान है. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से फंड एलोकेशन की बात करें तो महाराष्ट्र पहले, उत्तर प्रदेश दूसरे, मध्य प्रदेश तीसरे स्थान, उड़ीसा चौथे स्थान और राजस्थान पांचवें स्थान पर है. उसके बाद बिहार का नंबर है. अर्थात बिहार को छठा स्थान दिया गया है.
एएन सिन्हा शोध संस्थान के प्रोफेसर डॉ. विद्यार्थी विकास (AN Sinha Research Institute Professor Dr. Vidyarthi Development) ने केंद्र सरकार के रवैया पर सवाल खड़ा किया है. उनका कहना है कि जब डिजास्टर इंडेक्स में बिहार दूसरे स्थान पर है तो बजट एलोकेशन में भी बिहार को दूसरा स्थान पर रखना चाहिए.
बिहार में मुख्य विपक्षी दल आरजेडी की ओर से लगातार यह आरोप लगाया जाता रहा है कि डबल इंजन की सरकार सिर्फ कहने के लिए है. बिहार को इससे कोई लाभ मिल नहीं पा रहा है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव का तो यहां तक कहना है कि नीतीश कुमार केंद्र सरकार के सामने दंडवत हैं.
हालांकि सत्ताधारी दल जदयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि विपक्ष के पास बोलने के अलावा कुछ नहीं है. बिहार को केंद्र से मदद भी मिल रही है. बिहार सरकार जरूरत के हिसाब से दावा भी करती रही है.
वर्ष राज्य डिजास्टर एलोकेशन (करोड़ में)
2021-22 महाराष्ट्र 4296
उत्तर प्रदेश 2578,
मध्य प्रदेश 2427
उड़ीसा 2139
राजस्थान 1975
बिहार 1888
केंद्र सरकार डिजास्टर इंडेक्स में बाढ़, सुखाड़, गरीबी साइक्लोन सहित अन्य आपदा को लेकर राज्यों की रैंकिंग करती है. साइक्लोन को छोड़ दें तो बिहार गरीबी के मामले में भी विकसित राज्यों से काफी नीचे है. बाढ़ और सूखा से हर साल हजारों करोड़ का नुकसान होता है. इसीलिए बिहार को डिजास्टर इंडेक्स में केंद्र ने गुजरात के साथ दूसरा स्थान दिया भी है.
डिजास्टर एलोकेशन के अलावा बाढ़ से नुकसान की मदद में भी बिहार की हमेशा से केंद्र सरकार की ओर से उपेक्षा होती रही है. हाल के कुछ सालों में मदद जरूर बढ़ा है लेकिन जो नुकसान हो रहा है उस मुकाबले मदद अभी भी नाकाफी है.
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