वैशाली: बिहार के हाजीपुर के पातालेश्वर नाथ मंदिर से निकलने वाली प्राचीन शिव बारात भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकाली जाएगी. एक बार फिर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शिव बारात के गाड़ीवान बनेंगे. शिव बारात बाबा पातालेश्वर नाथ मंदिर से निकलेगी जो 6 किलोमीटर लंबी होगी.
शोभा यात्रा की तैयारी पूरी: शोभायात्रा को लेकर पातालेश्वर नाथ मंदिर के सचिव अनिल चंद्र कुशवाहा ने बताया कि पातालेश्वर नाथ मंदिर से शोभायात्रा आकर्षक ढंग से निकाली जाएगी. 100 झांकी के साथ बैंड बाजा, भांगड़ा के साथ झांकी निकाली जाएगी.
इस तरह निकलती है शिव बारात: शिव बारात सबसे आगे भूत बेताल होते हैं. दर्जनों की संख्या में स्थानीय लोग भूत बेताल बन शिव बारात से लगभग 200 मीटर आगे आगे चलते हैं. इनके हाथों में खोपड़ी और शरीर पर भूत-बेताल की तरह आकृति होती है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक भूत बेताल बनते हैं. इसकी तैयारी 15 दिनों पहले से ही की जाती है पातालेश्वर नाथ मंदिर कमेटी इसका चयन भी करता है.

"झांकी का एक छोड़ मंदिर में और दूसरा छोड़ स्टेडियम में होता है. करीब 6 किलोमीटर का झांकी होता है. मत्री नित्यानंद राय गाड़ीवान बनते हुए इस परंपरा को निभा रहे हैं."- अनिल चंद कुशवाहा, सचिव पातालेश्वर नाथ मंदिर समिति.
इन रास्ते से होकर गुजरेगी शिव बारात: यह भव्य शोभायात्रा बाबा पातालेश्वर नाथ से निकलकर कटरा मोहल्ला होते हुए मस्जिद चौक पहुंचती है.जहां से थाना चौक, गुदरी, राजेंद्र चौक, यादव चौक, अनवरपुर चौक होते हुए डाक बंगला रोड से स्टेडियम तक जाती है. इस दौरान शोभा यात्रा देखने के लिए सड़कों पर लोगों की भारी भीड़ मौजूद होती है.
"चार पीढ़ी से हमारे दादा भी इस झांकी के लिए भोले शंकर का मूर्ति बनते थे. उसके बाद हमारे पिताजी बनाएं. अब इसका सौभाग्य प्राप्त हुआ है. मैं अपना जीवन बाबा को समर्पित किए हैं और यह संकल्प लिए हैं कि जब तक हमारा शरीर रहेगा तब तक मैं अपने हाथों से शंकर भगवान का शोभायात्रा में फ्री ऑफ कॉस्ट मूर्ति का निर्माण करता रहूंगा. मैं कभी भी महाशिवरात्रि के समय हाजीपुर नगर को छोड़कर कहीं नहीं जाता हूं"- बैजू पंडित, स्थानीय मूर्तिकार
इस तरह सामने आए थे बाबा पातालेश्वर: पातालेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी नीरज तिवारी ने बताया कि बाबा पातालेश्वर नाथ मंदिर स्वयं है. इनकी कोई स्थापना नहीं हुई है स्वयं यहां प्रकट हुए हैं. यहां पहले बहुत विशाल जंगल था. यहां कुछ प्रकाश निकलता था. उस प्रकाश के बारे में जब पता चला तो लोग प्रकाश देखने आते थे. फिर देखा गया एक बटवृक्ष के नीचे एक प्रकाश जैसा था. वहां खुदाई की गई तो बाबा निकले एक छोटे से पत्थर के रूप में.
ये भी पढ़ें
बाबा गरीब नाथ धाम में लाखों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक, महाशिवरात्रि पर निकाली गई शिव बारात