पटना: बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन (Bihar Primary Teacher Recruitment) संघ ने पटना हाईकोर्ट से सीटीईटी एक्ट मामले (Patna High Court on CTET Act) पर जल्द निर्णय लेने की गुहार लगाई है. संघ के अध्यक्ष सौरभ कुमार ने बताया कि यह पूरा मामला शिक्षक की बहाली से जुड़ा हुआ है. अगर हाईकोर्ट का इस पर निर्णय आता है तो इससे बहाली पर भी असर पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार गवर्मेंट सीटेट लेती है.
ये भी पढ़ें: पटनाः नव नियुक्त टीचर्स का BRC पर आरोप, विवरणी भेजने के नाम पर की जा रही रुपये की मांग
उन्होंने कहा कि 2011 व 2017 की बहाली में इसका आयोजन किया गया था. 2011 में सरकार ने सूबे में शिक्षकों की संख्या में हो रहे गैप को देखते हुए सीटीईटी क्लियर कर चुके अभ्यर्थियों (CTET Cleared Candidates) को भी बहाली में लेने का निर्णय लिया. 2019-20 तक इसके लिए बनायी गयी नियमावली भी प्रभावी रही.
सौरभ ने बताया कि 2011 में बहाली प्रक्रिया में बिहार टीईटी को पास कर चुके वैसे छात्र जिनका मेरिट कम था, जब वह चयनित नहीं हुए. इसके उन्होंने कोर्ट से गुहार लगाई कि जब बिहार टीईटी को स्वीकार किया जा रहा है तो फिर सीटीईटी को क्यों लिया जा रहा है. उन्होंने यह भी गुहार लगाई कि पहले बिहार टीईटी को लिया जाए. उसके बाद सीटीीटी को. इसके बाद एक आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर विचार होगा. सरकार से जानकारी ली जायेगी.
ये भी पढ़ें: सातवें चरण के शिक्षक नियोजन की काउंसिलिंग के लिए आंदोलन तेज, CTET छात्रों ने दी आत्मदाह की चेतावनी
कोर्ट द्वारा यह भी कहा गया कि जो भी फैसला आएगा, वह बहाली में भी प्रभावी होगा. ज्ञात हो कि 2011 नियमावली से अब तक छह चरण की बहाली सरकार पूर्ण करवा चुकी है. जिसमें बिहार सरकार ने सीटेट और बिहार टेट को बराबर की मान्यता दे रखी है. संघ ने गुहार लगाई कि नवनियुक्त शिक्षकों को अब कोर्ट कचहरी से बेवजह परेशान न किया जाये. केस का जल्द निष्पादन हो.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP