पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट की तैयारी शुरू कर दी है. बजट (Bihar Budget) का खाका तैयार करने के लिए वित्त विभाग के अधिकारी एक-एक कर सभी विभागों के साथ आज से मंथन करेंगे. यह प्रक्रिया 1 सप्ताह तक चलेगी. इसके साथ ही राजस्व प्राप्त करने वाले सभी विभागों को अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य बताने का निर्देश दिया भी गया है. वित्त विभाग की ओर से 47 विभागों और निकायों को इसके लिए पत्र भेजा गया है. 19 नवंबर तक बजट संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा के आधार पर 2022-23 के बजट का खाका तैयार करने की कोशिश होगी.
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अगले साल पेश होने वाले बजट को लेकर अब वित्त विभाग हरकत में दिखने लगा है. ऐसे तो अभी 3 महीने का समय है लेकिन बजट की तैयारी पहले से करनी होती है. वित्त विभाग तैयारी में जुट गया है.
1. पहले चरण में वित्त विभाग 19 नवंबर तक 47 विभागों और निकायों के साथ राजस्व उगाही को लेकर चर्चा करेगा.
2. राजस्व एवं पूंजीगत दोनों तरह की प्राप्तियों के विस्तार पर चर्चा होगी.
3. स्थापना व्यय एवं प्रतिबद्ध व्यय को लेकर भी विभागों की ओर से प्रस्ताव मांगा गया है.
4. इसी तरह केंद्रीय एवं केंद्र प्रायोजित योजनाओं से मिलने वाली संभावित राशि को लेकर भी चर्चा की जाएगी.
बिहार सरकार के जिन 47 विभागों के बजट पर )Bihar government budge) चर्चा होगी उसमें भवन निर्माण विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग, जल संसाधन, उद्योग विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग
निर्वाचन, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, निगरानी, बीपीएससी, विधान सभा विधान परिषद, संसदीय कार्य, गन्ना उद्योग, खान भूतत्व, सूचना जनसंपर्क, खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पिछड़ा वर्ग विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, लघु जल संसाधन, राजस्व एवं भूमि सुधार, सामान्य प्रशासन, ऊर्जा, अल्पसंख्यक कल्याण नगर विकास एवं आवास समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण, योजना एवं विकास, पंचायती राज विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी, राज्यपाल सचिवालय, मंत्रिमंडल सचिवालय, श्रम संसाधन, उत्पाद एवं निबंधन, सहकारिता विभाग, विधि विभाग, वाणिज्य कर, पर्यटन, पथ निर्माण, परिवहन, वन एवं जलवायु परिवर्तन, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, गृह विभाग और वित्त विभाग शामिल हैं.
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बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 विभागों को जो बजट दिया गया था उसकी क्या स्थिति है, उस पर भी चर्चा होगी. बचे महीनों में शेष राशि को कैसे खर्च किया जाए उस पर भी मंथन होगा. इसके अलावा राजस्व प्राप्ति वाले विभागों को जो लक्ष्य दिया गया था, उसकी क्या स्थिति है और लक्ष्य के अनुरूप बचे हुए राजस्व को कैसे प्राप्त किया जाए, उसकी भी रणनीति तैयार होगी.
कोरोना की मार के कारण राजस्व उगाई पर असर पड़ा है. इसके अलावा बाढ़ से भी बिहार को बहुत नुकसान हुआ है. कई विभागों की बड़ी योजनाओं पर बजट का असर पड़ा है. कई योजनाओं के विलंब होने के कारण लागत बढ़ी है. ऐसे में वित्त विभाग राजस्व उगाही के साथ विभागों के खर्च को लेकर भी विस्तृत चर्चा 19 नवंबर तक करेगा. उसके आधार पर फिर अगले साल का बजट तैयार होगा. बजट तैयार होने से पहले डिप्टी सीएम व वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से सुझाव भी लेंगे.
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