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ADRI ने दी राहत की रिपोर्ट, शराबबंदी के बाद भी नहीं हुआ राजस्व में कोई घाटा

आद्री की रिपोर्ट से पता चलता है कि शराबबंदी के बाद न तो पर्यटक घटे और ना ही राजस्व में कमी आई. यहां तक की साड़ियों की बिक्री में भी 1हजार 785 गुना इजाफा हुआ. पनीर और शहद की बिक्री में 200 से 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

ADRI
शराबबंदी पर ADRI ने दी राहत की रिपोर्ट
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Published : Dec 18, 2019, 9:52 PM IST

पटना: बिहार में 2015 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. इसके मद्देनजर विपक्ष सरकार पर कई तरह के आरोप लगाता रहा है. शराबबंदी पर कई सवाल भी खड़े हुए, लेकिन आद्री की रिपोर्ट सरकार के लिए बड़ी राहत की खबर लेकर आई है. आद्री ने शराबबंदी के बाद जो रिपोर्ट तैयार की है उसके मुताबिक सरकार की शराबबंदी सफल मानी जा सकती है.

शराबबंदी के बाद नहीं हुआ राजस्व में घाटा
आद्री की रिपोर्ट से पता चलता है कि शराबबंदी के बाद न तो पर्यटक घटे और ना ही राजस्व में कमी आई. यहां तक की साड़ियों की बिक्री में भी 1हजार 785 गुना इजाफा हुआ. पनीर और शहद की बिक्री में 200 से 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. दरअसल यह संभावना जताई जा रही थी कि शराबबंदी लागू होने से सरकार के राजस्व में काफी कमी आएगी, क्योंकि 2015 में शराब की बिक्री से 3500 करोड़ राजस्व की आमदनी हो रही थी.

देखें विशेष रिपोर्ट.

उपभोक्ता सामग्री की अधिक बिक्री से हुआ फायदा
बिहार में शराबबंदी को लगभग 4 साल पूरे हो चुके हैं. आद्री ने शराबबंदी के बाद स्टडी के बाद जो रिपोर्ट पेश की है उसमें राज्य के राजस्व में कोई कमी नहीं आई. इसका बड़ा कारण उपभोक्ता सामग्री की अधिक बिक्री होना रहा. आद्री के अर्थशास्त्री पीपी घोष ने कहा शराबबंदी के बाद बिहार का राजस्व नहीं घटा और पर्यटकों की संख्या भी कम नहीं हुई क्योंकि यहां जो पर्यटक आते हैं वह धार्मिक स्वभाव वाले होते हैं. इसके साथ ही घरेलू हिंसा की घटना में भी काफी कमी आई है.

no loss in revenue after liquor ban
पी पी घोष, अर्थशात्री, आद्री

'शराबबंदी के बाद आई ये खबर एक पॉजिटिव संकेत'
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है 2015 में 2 करोड़ 89 लाख पर्यटक बिहार आए थे, लेकिन 2018 में पर्यटकों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 47 लाख हो गई. इसी तरह साड़ियों की बिक्री में 1 हजार 785 गुना वृद्धि देखी गई. पनीर के साथ ही शहद में भी 200 से 300 प्रतिशत बिक्री में इजाफा हुआ. शराबबंदी के बाद आई ये खबर एक पॉजिटिव संकेत है.

no loss in revenue after liquor ban
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन

दूसरे राज्यों के सरकारी नुमांइदे जुटाने आ रहे मॉडल की जानकारी
आद्री की रिपोर्ट से सरकार भी काफी उत्साहित है. जल संसाधन मंत्री संजय झा के मुताबिक इतने लंबे समय तक शराबबंदी कहीं भी सक्सेसफुल नहीं हुई. लेकिन, बिहार में शराबबंदी 4 साल से लागू है और इसके पॉजिटिव परिणाम सामने आ रहे हैं. अब तो राजस्थान सहित दूसरे राज्यों के सरकारी नुमांइदे भी इस मॉडल की जानकारी जुटाने आ रहे हैं.

no loss in revenue after liquor ban
जल संसाधन मंत्री संजय झा

आद्री की रिपोर्ट सरकार के लिए राहत की खबर
शराबबंदी की सफलता पर उठ रहे सवालों के बीच आद्री की ये रिपोर्ट सरकार के लिए राहत की खबर है. हालांकि देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नीतीश कुमार को इससे कितना फायदा पहुंचेगा.

पटना: बिहार में 2015 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. इसके मद्देनजर विपक्ष सरकार पर कई तरह के आरोप लगाता रहा है. शराबबंदी पर कई सवाल भी खड़े हुए, लेकिन आद्री की रिपोर्ट सरकार के लिए बड़ी राहत की खबर लेकर आई है. आद्री ने शराबबंदी के बाद जो रिपोर्ट तैयार की है उसके मुताबिक सरकार की शराबबंदी सफल मानी जा सकती है.

शराबबंदी के बाद नहीं हुआ राजस्व में घाटा
आद्री की रिपोर्ट से पता चलता है कि शराबबंदी के बाद न तो पर्यटक घटे और ना ही राजस्व में कमी आई. यहां तक की साड़ियों की बिक्री में भी 1हजार 785 गुना इजाफा हुआ. पनीर और शहद की बिक्री में 200 से 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. दरअसल यह संभावना जताई जा रही थी कि शराबबंदी लागू होने से सरकार के राजस्व में काफी कमी आएगी, क्योंकि 2015 में शराब की बिक्री से 3500 करोड़ राजस्व की आमदनी हो रही थी.

देखें विशेष रिपोर्ट.

उपभोक्ता सामग्री की अधिक बिक्री से हुआ फायदा
बिहार में शराबबंदी को लगभग 4 साल पूरे हो चुके हैं. आद्री ने शराबबंदी के बाद स्टडी के बाद जो रिपोर्ट पेश की है उसमें राज्य के राजस्व में कोई कमी नहीं आई. इसका बड़ा कारण उपभोक्ता सामग्री की अधिक बिक्री होना रहा. आद्री के अर्थशास्त्री पीपी घोष ने कहा शराबबंदी के बाद बिहार का राजस्व नहीं घटा और पर्यटकों की संख्या भी कम नहीं हुई क्योंकि यहां जो पर्यटक आते हैं वह धार्मिक स्वभाव वाले होते हैं. इसके साथ ही घरेलू हिंसा की घटना में भी काफी कमी आई है.

no loss in revenue after liquor ban
पी पी घोष, अर्थशात्री, आद्री

'शराबबंदी के बाद आई ये खबर एक पॉजिटिव संकेत'
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है 2015 में 2 करोड़ 89 लाख पर्यटक बिहार आए थे, लेकिन 2018 में पर्यटकों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 47 लाख हो गई. इसी तरह साड़ियों की बिक्री में 1 हजार 785 गुना वृद्धि देखी गई. पनीर के साथ ही शहद में भी 200 से 300 प्रतिशत बिक्री में इजाफा हुआ. शराबबंदी के बाद आई ये खबर एक पॉजिटिव संकेत है.

no loss in revenue after liquor ban
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन

दूसरे राज्यों के सरकारी नुमांइदे जुटाने आ रहे मॉडल की जानकारी
आद्री की रिपोर्ट से सरकार भी काफी उत्साहित है. जल संसाधन मंत्री संजय झा के मुताबिक इतने लंबे समय तक शराबबंदी कहीं भी सक्सेसफुल नहीं हुई. लेकिन, बिहार में शराबबंदी 4 साल से लागू है और इसके पॉजिटिव परिणाम सामने आ रहे हैं. अब तो राजस्थान सहित दूसरे राज्यों के सरकारी नुमांइदे भी इस मॉडल की जानकारी जुटाने आ रहे हैं.

no loss in revenue after liquor ban
जल संसाधन मंत्री संजय झा

आद्री की रिपोर्ट सरकार के लिए राहत की खबर
शराबबंदी की सफलता पर उठ रहे सवालों के बीच आद्री की ये रिपोर्ट सरकार के लिए राहत की खबर है. हालांकि देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नीतीश कुमार को इससे कितना फायदा पहुंचेगा.

Intro:पटना-- बिहार में 2016 से पूर्ण शराब बंदी लागू है शराबबंदी को लेकर विपक्ष कई तरह का आरोप लगाता रहा है खुलेआम बिक्री की बात भी करता रहा है लेकिन आदमी की रिपोर्ट सरकार के लिए बड़ी राहत की संकेत दे रहा है आद्री ने शराबबंदी के बाद जो अध्ययन करवाया उसमें यह बात सामने आयी कि न तो पर्यटक घटे और ना ही राजस्व में कमी आई । यहां तक की साड़ियों की बिक्री 1785 गुना बढ़ गया साथ ही पनीर और शहद की बिक्री में 200 से 300 गुना का इजाफा हुआ।
पेश है खास रिपोर्ट---


Body:बिहार में शराबबंदी के सारे 3 साल से अधिक हो चुके हैं पूर्ण शराबबंदी के बाद यह आशंका लगाई जा रही थी कि सरकार के राजस्व में काफी कमी आएगी क्योंकि 2015 में साढे 3000 करोड़ बिहार सरकार को शराब की बिक्री से राजस्व मिल रहा था लेकिन आद्री ने शराबबंदी के बाद अध्ययन किया और अपनी रिपोर्ट तैयार करवाई रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि सरकार के राजस्व में कमी नहीं आई इसका बड़ा कारण उपभोक्ता सामग्री में अधिक बिक्री होना रहा। आद्री में अर्थशास्त्री पीपी घोष ने कहा शराबबंदी के बाद बिहार का राजस्व नही घटा और पर्यटक की संख्या भी नहीं कमी क्योंकि यहां जो पर्यटक आते हैं वह धार्मिक स्वभाव वाले होते हैं। इसके साथ घरेलू हिंसा की घटना में काफी कमी आई।
बाईट-पी पी घोष, अर्थशात्री, आद्री
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है 2015 में 2 करोड़ 89 लाख पर्यटक बिहार आए थे लेकिन 2018 में बढ़कर 3 करोड़ 47 लाख हो गए इसी तरह साड़ियों की बिक्री में 1785 गुना वृद्धि देखा गया और पनीर के साथ शहद में 200 से 300 प्रतिशत बिक्री में इजाफा हुआ यह एक पॉजिटिव संकेत है शराब बंदी के बाद।
बाईट--राजीव रंजन, प्रवक्ता जदयू
आद्री की रिपोर्ट से सरकार काफी उत्साहित है जल संसाधन मंत्री संजय झा का तो यहां तक कहना है कहीं भी इतने लंबे समय तक शराबबंदी सक्सेस नहीं हुआ लेकिन बिहार में अब 4 साल होने वाला है और अब तो राजस्थान सहित दूसरे राज्यों के लोग भी अध्ययन करने आ रहे हैं।
बाईट--संजय झा, मंत्री जल संसाधन


Conclusion: आद्री का रिपोर्ट उन लोगों के लिए एक करारा जवाब है जो शराब बंदी को असफल बता रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री भी कई मौकों पर कहते रहे हैं कि शराबबंदी से जो राजस्व आ रहा था उससे कहीं अधिक राजस्व दूसरे माध्यमों से अब आने लगा है।
अविनाश, पटना।
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