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नालंदा में 22 दिनों से CAA का विरोध जारी, प्रदर्शनकारियों ने निकाला कैंडल मार्च - नागरिकता संशोधन कानून

नालंदा में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 22 दिनों से आंदोलन जारी है. प्रदर्शनकारियों ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया.

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Published : Feb 8, 2020, 11:36 AM IST

Updated : Feb 8, 2020, 1:28 PM IST

नालंदा: जिले में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पिछले 22 दिनों से सीएए के विरोध में धरना जारी है. इसके विरोध में बिहारशरीफ के कोनासराय मोहल्ले से कैंडल मार्च भी निकाला गया और सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की गई.

बिहारशरीफ के 11 जगहों पर विरोध
दिल्ली के शाहिन बाग के तर्ज पर सीएए के विरोध में बिहारशरीफ के 11 जगहों पर धरना दिया जा रहा है. शहर के सोहडीह, खसगंज, कागजी मोहल्ला, बारादरी सहित अन्य जगहों पर धरना दिया जा रहा है. लोगों का कहना है कि जबतक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेगी, तबतक यह विरोध जारी रहेगा.

पेश है रिपोर्ट

केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन
इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने सीएए को संविधान और राष्ट्र विरोधी बताया. संविधान भारत के हर व्यक्ति को बराबरी का हक देती है, जिसे केंद्र सरकार खत्म करना चाहती है. देश में हर दिन विरोध प्रदर्शन जारी है, लेकिन केंद्र सरकार आंखों पर काली पट्टी बांधकर बैठी हुई है. देश की एक बड़ी आबादी केंद्र सरकार के बनाए गए काले कानून के विरोध कर रही है.

यह भी पढ़ें- BSEB कार्यालय के पास लोगों को खूब भा रहा घुघनी और चूड़ा, 30 वर्षों से चल रही दुकान

नालंदा: जिले में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पिछले 22 दिनों से सीएए के विरोध में धरना जारी है. इसके विरोध में बिहारशरीफ के कोनासराय मोहल्ले से कैंडल मार्च भी निकाला गया और सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की गई.

बिहारशरीफ के 11 जगहों पर विरोध
दिल्ली के शाहिन बाग के तर्ज पर सीएए के विरोध में बिहारशरीफ के 11 जगहों पर धरना दिया जा रहा है. शहर के सोहडीह, खसगंज, कागजी मोहल्ला, बारादरी सहित अन्य जगहों पर धरना दिया जा रहा है. लोगों का कहना है कि जबतक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेगी, तबतक यह विरोध जारी रहेगा.

पेश है रिपोर्ट

केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन
इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने सीएए को संविधान और राष्ट्र विरोधी बताया. संविधान भारत के हर व्यक्ति को बराबरी का हक देती है, जिसे केंद्र सरकार खत्म करना चाहती है. देश में हर दिन विरोध प्रदर्शन जारी है, लेकिन केंद्र सरकार आंखों पर काली पट्टी बांधकर बैठी हुई है. देश की एक बड़ी आबादी केंद्र सरकार के बनाए गए काले कानून के विरोध कर रही है.

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Intro:नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 22 दिनों से आंदोलन कैंडल मार्च निकाल कर जताया विरोध नालंदा। नालंदा जिले में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध थमने के बजाय और बढ़ता ही जा रहा है । जिले में विगत 22 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में धरना जारी है। लोग लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं । शहर के कोनासराय मोहल्ले से एक कैंडल मार्च भी निकाला गया और सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की गई । यह कैंडल मार्च शहर के सोगरा कॉलेज होते हुए नदी मोड़ तक पहुंचा। इस कैंडल मार्च में महिलाओं की भी अच्छी भागीदारी देखने को मिली।


Body:नालंदा जिले में दिल्ली के शाहिन बाग के तर्ज पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आंदोलन चल रहा है। बिहार शरीफ के 11 जगहों पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना दिया जा रहा है । शहर के सोहडीह, खसगंज, कागजी मोहल्ला, बारादरी, शेखाना, सकुनत, चैनपुरा, महलपर, कांटा पर, काशीतकिया शाहीन बाग की तर्ज़ पर धरना दिया जा रहा है। धरना के माध्यम से लोग अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं । लोगों का कहना है कि उन लोगों का यह आंदोलन एक दिन, एक हफ्ते का नहीं बल्कि जब तक यह कानून को सरकार वापस नहीं ले लेती है, तब तक उन लोगों का यह आंदोलन इसी प्रकार जारी रहेगा ।


Conclusion:इस मौके पर नागरिकता संशोधन कानून को संविधान एवं राष्ट्र विरोधी बताया । संविधान भारत के हर एक व्यक्ति को बराबरी का हक देती है, जिसे केंद्र सरकार उस हक को खत्म करना चाहती है। यही वजह है कि देश में हर दिन विरोध प्रदर्शन जारी है लेकिन केंद्र सरकार आंखों पर काली पट्टी बांधकर बैठी हुई है। देश की एक बड़ी आबादी केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए काले कानून के विरोध कर रही है। बाइट। मो फ़ैज़ अख्तर, प्रदर्शनकारी बाइट। अमरीन ज़ेबा, प्रदर्शनकारी
Last Updated : Feb 8, 2020, 1:28 PM IST
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