मुजफ्फरपुर: जिले में पोर्टल को हैक कर साइबर फ्रॉड के जरिए जमीन का खाता, खेसरा, रकबा और जमाबंदी मामले की जांच पड़ताल के लिए डीएम ने टीम का गठन किया. दरअसल ऑनलाइन जमाबंदी में साइबर सेंधमारी हो रही है. साइबर ट्रैकिंग से मामला उजागर होने के बाद हड़कम्प मचा हुआ है. डीएम ने 10 बार से अधिक बदली गई जमाबंदी की जांच का आदेश दिया है.
जमाबंदी में साइबर सेंधमारी
सावधान अब आप की जमीन पर भी साइबर फ्रॉड करने वालों की नजर पड़ गई है. ऑनलाइन हो चुकी जमीन की जमाबंदी में भी साइबर सेंधमारी होने लगी है. साइबर फ्रॉड करने वाले आपकी जमीन का खाता, खसरा और रकबा बदल रहे हैं. वह आप की जमीन की जमाबंदी बदलकर उसकी अवैध तरीके से खरीद बिक्री के लिए सक्रिय हो गए हैं. निबंधन कार्यालयों के साथ-साथ राजस्व विभाग में भूस्वामियों की ओर से आ रही लगातार शिकायत के बाद हड़कंप मचा हुआ है. जमाबंदी में किसी प्रकार के बदलाव को गंभीर मामला मानते हुए राजस्व और भूमि सुधार विभाग के अपर सचिव विवेक कुमार सिंह ने ऐसे लोगों की शिनाख्त कर तत्काल कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है.
जमाबंदी पर रखी जा रही नजर
मुजफ्फरपुर डीएम ने भी दोनों डीसीएलआर को जमाबंदी में बार-बार हो रहे बदलाव पर नजर रखने को कहा है. साइबर ट्रैकिंग के माध्यम से विभाग को यह पता चला की जमाबंदी में दर्ज खाता, खसरा संख्या, खसरा और रकबा में कई बार बदलाव किया गया है. बार-बार बदली जा रही ऐसी जमीन की जमाबंदी की जांच की जिम्मेदारी संबंधित डीसीएलआर को सौंपी जाएगी. पहले चरण में 10 बार से ज्यादा बदली गई जमीन की जमाबंदी की जांच की जाएगी. संबंधित डीसीएलआर पता करेंगे कि आखिर उनकी अनुमति के बगैर ऑनलाइन आवेदन में बदलाव कैसे किया जा रहा है.
2017 के बाद डिजिटल कर दिया था ब्योरा
ऑनलाइन दाखिल खारिज सहित अन्य कामों के लिए वर्ष 2017 में आप की जमीन का पूरा ब्योरा डिजिटल कर दिया गया. सत्यापन के बाद राजस्व और भूमि सुधार विभाग के पोर्टल पर इसे अपलोड कर दिया गया. इससे संबंधित भूस्वामी की जमाबंदी पंजी में खाता, खसरा, रकबा, चौहद्दी और लगान सहित अन्य सभी तरह की जानकारी दर्ज है. अधूरा ब्योरे को संशोधित करने के लिए संबंधित अंचलाधिकारी को अधिकृत किया गया. अंचलाधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर से जमाबंदी में सुधार की कार्रवाई की जा सकती है क्योंकि जमाबंदी में किए जा रहे बदलाव पर निगरानी रखने के लिए अपर समाहर्ता और भूमि सुधार उप समाहर्ता को लॉगिन उपलब्ध कराई गई है.
डीएम ने दिए जांच के आदेश
ऐसी ही शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी ने टीम बनाकर जांच के आदेश दिए है. जिलाधिकारी ने ऑनलाइन जमाबंदी को हैक करने की आशंका जताई है. प्रधान सचिव की ओर से साइबर सुरक्षा सतर्कता बरतने का संदेश जारी किया गया है. सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही उनके डिजिटल हस्ताक्षर से ही जमाबंदी बदली जा सकती है. महज कुछ घंटों के अंदर ऑनलाइन जमाबंदी बदलना कई आशंकाओं को बल देता है.