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मुजफ्फरपुर: फिल्म निर्देशक मणिरत्नम सहित 49 फिल्म कलाकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

सीजेएम कोर्ट में मुख्यन्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी की अदालत में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने अभिनेत्री अपर्णा सेन, सौमित्र चटर्जी, श्याम बेनेगल सहित 49 फिल्म कलाकारों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है.

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Published : Oct 3, 2019, 5:29 PM IST

मुजफ्फरपुर: जिले के सीजेएम कोर्ट में असहिष्णुता मामले में 27 जुलाई 2019 को फिल्म निर्देशक मणिरत्नम सहित 49 फिल्म कलाकारों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया था. इस मामले में कोर्ट के आदेश पर सदर थाना पुलिस ने प्राथमिकि दर्ज कर ली है.

49 फिल्म कलाकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

49 फिल्म कलाकारों पर देशद्रोह का मुकदमा
सीजेएम कोर्ट में मुख्यन्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी की अदालत में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने अभिनेत्री अपर्णा सेन, सौमित्र चटर्जी, श्याम बेनेगल सहित 49 फिल्म कलाकारों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि इन लोगों ने मॉब लिंचिंग और असहिष्णुता को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, और इस बात की गोपनीयता को भंग करते हुए इसका काफी प्रचार-प्रसार भी किया था. इससे विदेशों में देश की छवि खराब हुई. उनलोगों ने अलगाववादियों के साथ मिलकर देश को विखंडित करने का काम किया है.

मुजफ्फरपुर
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा

'देश को विभाजित करने की कोशिश'
याचिकाकर्ता ने बताया कि इन 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि इन दिनों ‘जय श्री राम’ हिंसा भड़काने का एक नारा बन गया है. इसके नाम पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं. इन मामलों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. यही नहीं, इसमें मुसलमानों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ हुई लिंचिंग का जिक्र करते हुए एनसीआरबी के एक डाटा का भी हवाला दिया गया था. इस पत्र के माध्यम से देश को विभाजित करने की कोशिश की गई है. कोर्ट के आदेश पर सदर थाना ने सभी के खिलाफ प्राथमिकि दर्ज कर ली है.

मुजफ्फरपुर: जिले के सीजेएम कोर्ट में असहिष्णुता मामले में 27 जुलाई 2019 को फिल्म निर्देशक मणिरत्नम सहित 49 फिल्म कलाकारों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया था. इस मामले में कोर्ट के आदेश पर सदर थाना पुलिस ने प्राथमिकि दर्ज कर ली है.

49 फिल्म कलाकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

49 फिल्म कलाकारों पर देशद्रोह का मुकदमा
सीजेएम कोर्ट में मुख्यन्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी की अदालत में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने अभिनेत्री अपर्णा सेन, सौमित्र चटर्जी, श्याम बेनेगल सहित 49 फिल्म कलाकारों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि इन लोगों ने मॉब लिंचिंग और असहिष्णुता को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, और इस बात की गोपनीयता को भंग करते हुए इसका काफी प्रचार-प्रसार भी किया था. इससे विदेशों में देश की छवि खराब हुई. उनलोगों ने अलगाववादियों के साथ मिलकर देश को विखंडित करने का काम किया है.

मुजफ्फरपुर
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा

'देश को विभाजित करने की कोशिश'
याचिकाकर्ता ने बताया कि इन 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि इन दिनों ‘जय श्री राम’ हिंसा भड़काने का एक नारा बन गया है. इसके नाम पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं. इन मामलों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. यही नहीं, इसमें मुसलमानों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ हुई लिंचिंग का जिक्र करते हुए एनसीआरबी के एक डाटा का भी हवाला दिया गया था. इस पत्र के माध्यम से देश को विभाजित करने की कोशिश की गई है. कोर्ट के आदेश पर सदर थाना ने सभी के खिलाफ प्राथमिकि दर्ज कर ली है.

Intro:मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में असहिष्णुता मामले में बीते 27 जुलाई 2019 को मणिरत्नम सहित 49 फ़िल्म कलाकारों के खिलाफ दर्ज परिवाद मामले में कोर्ट के आदेश पर सदर थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली हैBody:मुज़फ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में मुख्यन्यायिक दंडाधिकारी सूर्य कांत तिवारी की अदालत में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने अभिनेत्री अर्पणा सेन सौमित्र चटर्जी श्याम बेनेगल समेत 49 फ़िल्म कलाकारों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि इन लोगों के द्वारा प्रधान मंत्री को लिखे गए पत्र से न बल्कि देश की छबि विदेशों में खराब हुई है बल्कि अलगावादियों से मिलकर देश को खंड खंड विखंडित करने का काम किया गया था।
गौरतलब है कि इन 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था.जिसमें कहा गया कि इन दिनों ‘जय श्री राम’ हिंसा भड़काने का एक नारा बन गया है.और इसके नाम पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं.यह दुखद है.इन मामलों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. यही नहीं इसमें मुसलमानों दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ हुई लिंचिंग का जिक्र करते हुए एनसीआरबी के एक डाटा का हवाला दिया गया था.
बाइट सुधीर ओझा , परिवादी Conclusion:याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि इन लोगों के द्वारा पीएम को लिखे गए पत्र से न केवल देश की छवि विदेशों में खराब हुई है बल्कि अलगाववादियों से मिलकर देश को विभाजित करने की कोशिश की गई है। कोर्ट के आदेश पर सदर थाना ने सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली
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