मुजफ्फरपुर: महाराष्ट्र के पुणे में 96 लाख गबन के आरोपित दंपति को दबोचने गयी ब्रह्मपुरा पुलिस टीम (Brahmapura Police Team Of Muzaffarpur) की सिपाही कविता की मानसिक तनाव की वजह से मौत हुई है. उक्त बातें उनके पिता विरज कुमार ने कही है. दरअसल सोमवार को कविता की डेड बॉडी बैरिया स्थित पुलिस लाइन पहुंची, वहां उन्हें श्रदांजलि दी गई. इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के बीच गम का माहौल था. इसी बीच मृतका के पिता ने कहा कि पुणे जाने से पहले कविता की थोड़ी तबीयत खराब थी. वह जाना नहीं चाह रही थी, इसके बावजूद वह चली गई. इस दौरान वह मानसिक तनाव में आ गई, जिसके वजह से उसने फांसी लगाई (Constable Kavita Singh Commits Suicide In Pune) होगी. उन्होंने वरीय अधिकारियों से जांच की भी गुहार लगाई है.
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'पुत्री की मौत की निष्पक्ष जांच हो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामला स्पष्ट हो पायेगा. सूचना मिली थी तो वे लोग पुणे पहुंचे. जिस होटल के कमरे में पुत्री ने फांसी लगाई थी, वे उसे भी देखे हैं. कविता के पुणे जाने से पहले बातचीत हुई थी. उसने बताया था कि पुणे जाना है, लेकिन थोड़ी तबीयत खराब है.' - विरज कुमार, मृतक कविता सिंह के पिता
सिपाह कविता ने की खुदकुशी : विरज सिंह इस दौरान फफक-फफक कर रोने लगे. उन्होंने बताया कि वे मूल रूप से आरा के कोइलवर के रहने वाले हैं. 18 फरवरी 2022 को उन्होंने वन विभाग में कार्यरत भूपेंद्र कुमार से पुत्री की शादी किया था. घटना के बाद से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है. पिता ने बताया कि कविता के पुणे जाने से पहले बातचीत हुई थी. उसने बताया था कि पुणे जाना है, लेकिन थोड़ी तबीयत खराब है. वहीं उसके पति का कहना था कि फंदे पर लटकने के से पहले यानी 10 अगस्त की रात को उनकी लंबी बातचीत हुई. करीब 53 मिनट 2 सेकेंड बात हुई. इस दौरान वह वहां हो रही परेशानी या दिक्कत के संबंध में किसी प्रकार की बात नहीं कही. हालांकि, नहाने, खाने आदि की परेशानी से पति को अवगत जरुर कराया था. बताया जा रहा है कि कविता एक माह की गर्भवती भी थी.
11 अगस्त को कविता ने किया था पति को कॉल : मिली जानकारी के अनुसार, 10 अगस्त की रात बातचीत होने के बाद कविता सो गई. 11 अगस्त की सुबह जब कविता ने अपने पति भूपेंद्र कुमार को कॉल किया तो बातचीत नहीं हो पायी. वह किसी काम की वहज से बाहर था, जब वह लौटा तो कविता के कॉल पर रिप्लाई किया. लेकिन कविता ने कॉल रिसिव नहीं किया. इस पर वह कई दफा कॉल किया. लेकिन बात नहीं हुई. इसके बाद जिस पदाधिकारी के साथ वह पुणे गयी थी, उनसे संपर्क साधाने का प्रयास किया. काफी प्रयास के बाद पदाधिकारी ने कॉल रिसिव किया और हादसे की जानकारी दी.