मधुबनी: बिहार में विपक्षी पार्टियां सरकार पर अफसरशाही (bureaucracy in Bihar) को बढ़ावा देने का आरोप लगाती रहती हैं. विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि राज्य में नौकरशाही इस कदर हावी है कि उनकी कोई सुनता ही है लेकिन यहां मामला थोड़ा अलग है. राज्य में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के प्रमुख घटक दल भाजपा के विधायक ने अपनी ही सरकार के अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यहां तक की नौकरशाहों की मनमानी के खिलाफ धरने पर बैठने की घोषणा कर दी.
ये कोई आम विधायक नहीं. ये हैं मधुबनी के झंझारपुर से बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा (Jhanjharpur BJP MLA Nitish Mishra). वे नीतीश कुमार सरकार में मंत्री रह चुके हैं और बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा ने बेटे हैं. वे बीजेपी के एक गंभीर स्वभाव के प्रतिष्ठित नेता माने जाते हैं लेकिन यहां के अफसर उनकी भी सुनते. स्थिति यह हो गयी कि विधायक ने अपनी मांगों को लेकर 23 फरवरी को झंझारपुर एसडीओ के समक्ष धरना देने की घोषणा कर दी. इसके बाद जिला प्रशासन (Madhubani district administration) की नींद खुली और तत्काल बैठक बुलाई गयी है.
ये भी पढ़ें: पूर्व विधायक रामदेव महतो ने फिर से थामा बीजेपी का दामन, बोले- 'पार्टी के आदेशानुसार करूंगा काम'
मधुबनी डीएम अमित कुमार (Madhubani DM Amit Kumar) ने आनन-फानन में पत्र जारी कर झंझारपुर आरएस बाजार एवं कैथिनीया रेलवे गुमटी अंडर पास के पास जलजमाव की समस्या पर विचार-विमर्श के लिए बैठक बुलाई है. यह बैठक आज समाहरणालय सभाकक्ष में होगी. इसमें अपर समाहर्ता मधुबनी, मुख्य अभियंता पूर्व मध्य रेलवे, उप मुख्य अभियंता निर्माण मुजफ्फरपुर, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर, कार्यपालक अभियंता, झंझारपुर एसडीओ, एसडीपीओ, प्रखंड विकास पदाधिकारी, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद और प्रखंड प्रमुख को बुलाया गया है.
इससे पहले नीतीश मिश्रा ने अपने क्षेत्र की इन समस्याओं को लेकर मुख्य सचिव से लेकर डीएम तक को पत्र लिखा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मधुबनी DM को लिखे पत्र में झंझारपुर से विधायक ने कहा था कि रेलवे स्टेशन क्षेत्र में 2016 के बाद आमान परिवर्तन कार्य से आए बदलाव की वजह से जल जमाव होता है लेकिन इसका स्थायी हल नहीं हो सका है. विधायक के प्रयास से 26 जुलाई 2019 को झंझारपुर अनुमंडल कार्यालय में डीएम की अध्यक्षता में जल-जमाव की समस्या को लेकर बैठक हुई थी. मीटिंग में जो फैसला हुआ था उसके मुताबिक रेलवे पदाधिकारियों ने दिसंबर 2020 में अपना कार्य पूरा कर दिया. शेष कार्य स्थानीय प्रशासन को काम कराना था जो अभी तक नहीं किया गया,
उन्होंने बताया कि झंझारपुर रेलवे स्टेशन क्षेत्र में जल-जमाव जैसी गंभीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए बिहार के मुख्य सचिव और मधुबनी के डीएम को भी पत्र दिया था लेकिन इस दिशा में प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की. पिछले वर्ष बरसात में इस क्षेत्र की भयावह स्थिति हो गई थी. मिश्रा ने कहा कि बरसात में आने में मात्र 4 माह बाकी है. झंझारपुर रेलवे स्टेशन क्षेत्र में अनेक व्यवसायिक प्रतिष्ठान, सरकारी कार्यालय, बैंक और बड़ी आबादी है.
ये भी पढ़ें: मधुबनी में 55 लाख रुपये के बैंक घोटाले का मास्टरमाइंड सिलीगुड़ी से गिरफ्तार, 6 वर्षों से था फरार
इसके बाद नीतीश मिश्रा ने 23 फरवरी 2022 को झंझारपुर अनुमंडल कार्यालय परिसर में धरने पर बैठने की घोषणा कर दी. उनके इस ऐलान के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा. डीएम ने जल जमाव की समस्या का समाधान खोजने के लिए आज आनन-फानन में बैठक बुलाई है. अब देखना है कि इस बैठक में जल जमाव की समस्या से निजात पाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाता है या यह भी महज खानापूर्ति ही साबित होती है.
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP