गया: जिले का एक विद्यालय इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल इस विद्यालय के शिक्षक अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनकी पढ़ाई का पूरा खर्चा उठा रहे हैं. साथ ही बच्चों को सरकारी स्कूल में निजी स्कूल जैसी शिक्षा दे रहे हैं. शिक्षकों के इस कार्य के कारण जिले में उनकी काफी प्रसंशा हो रही है.
अनाथ बच्चों को गोद लेकर करा रहे पढ़ाई
नक्सल प्रभावित क्षेत्र आमस प्रखंड के कोरमथु गांव का यह प्राथमिक विद्यालय मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस स्कूल के 15 शिक्षकों ने मुस्कान फाउंडेशन बनाकर अनाथ बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया है. स्कूल में गांव के आसपास की तीन पंचायतों के 51 अनाथ बच्चों को गोद लेकर उन्हें शिक्षा दी जा रही है.
पढ़ाई छोड़ ठेला लगाने लगा था बच्चा
विद्यालय के शिक्षक इमरोज अली ने बताया कि तीन साल पहले स्कूल के छात्र अमित के पिता की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. पिता की मौत के बाद पैसे नहीं होने के कारण छात्र पढ़ाई छोड़कर अंडे का ठेला लगाने लगा था. जब यह बात उनको पता चली तो, उन्होंने छात्र के घर जाकर उसकी मां से बच्चे की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाने की बात कही. इसी घटना के बाद शिक्षकों का यह कारवां आगे बढ़ता गया. अब शिक्षक 51 अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनकी पूरी पढ़ाई का खर्चा उठा रहे हैं.
बच्ची ने सुनाई दर्द भरी दास्तां
स्कूल की एक छात्रा ने बताया कि तीन साल पहले उसकी मां का निधन हो गया था. मां के नहीं रहने पर पढ़ाई बंद हो गई. जिसके बाद इमरोज सर ने घरवालों से बात कर कपड़े और स्कूल ड्रेस दिलवाई. बच्ची ने कहा कि तीन साल से इन शिक्षकों के प्रयास से पढ़ रही हूं. पढ़ाई का सारा सामान टीचर के जरिए ही दिलवाया जाता है.