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गया कोर्ट में गिरफ्तार 3 आतंकियों की तत्कालीन SHO ने की पहचान

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के आरोपी आतंकी तौसीफ पठान समेत तीन आरोपियों को गया न्यायालय में चल रहे एक मामले में पेश किया गया. जहां सिविल लाइन थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष हरि ओझा ने गवाही दी, साथ ही उन्होंने आतंकी तौसीफ पठान (Police Officer identified arrested terrorists in Gaya Court) समेत तीनों आरोपियों की पहचान कर ली.

आतंकी तौसीफ पठान
आतंकी तौसीफ पठान
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Published : Apr 4, 2022, 10:35 PM IST

गया: गया व्यवहार न्यायालय में सोमवार को आतंकी तौसीफ पठान (Terrorist Tauseef Pathan) समेत तीन आरोपियों की सिविल लाइन थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष हरि ओझा ने पहचान कर ली है. गौरतलब है कि अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट (Ahmedabad Serial Blast) में आरोपित आतंकी तौसीफ को फांसी की सजा अहमदाबाद कोर्ट द्वारा सुनाई जा चुकी है. आतंकी पठान तौसीफ खान के खिलाफ गया न्यायालय में चल रहे एक मामले में सोमवार को सिविल लाइन थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष हरि ओझा ने गवाही दी है.

ये भी पढ़ें- Terrorist Attack in Kashmir: आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित को मारी गोली, हालत गंभीर

कोर्ट में गवाहों का हुआ परीक्षण: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय संगम सिंह की अदालत में सूचक सह सिविल लाइन थानाध्यक्ष हरि ओझा की गवाही हुई. उन्होंने गवाही के दौरान न्यायालय में उपस्थित पठान तौसीफ खान, शहंशाह उर्फ सना खान और गुलाम सरवर की पहचान की है. गवाह का परीक्षण अपर लोक अभियोजक अंबुज कुमार सिन्हा और राखी कुमारी ने कराया.

आतंकी तौसीफ की थानाध्यक्ष ने की पहचान: न्यायालय में थानाध्यक्ष ने कहा कि 13 सितंबर 2017 को वह सिविल लाइन थाना में पदस्थापित था. वरीय पदाधिकारी द्वारा दी गई सूचना के आधार पर शहीद भगत सिंह चौक के निकट से पठान तौफीक खान और शहंशाह उर्फ सना खान के पास से बरामद कागजात के आधार पर उसे गिरफ्तार किया था और जब्ती सूची भी बनाई गई थी. मामले में सिविल लाइन थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष हरि ओझा के द्वारा ही प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे प्रदर्शित किया गया.

साइबर कैफे के संचालक की मदद से पकड़ाया: गौरतलब है कि पठान तौसीफ खान को अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने 26 जुलाई 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में 18 फरवरी 2022 को फांसी की सजा सुनाई थी. मामले में 77 आरोपियों में से 38 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसमें पठान तौसीफ खान भी शामिल था. आतंकी तौसीफ की गिरफ्तारी गया शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र से हुई थी. बड़े ही नाटकीय तरीके से साइबर कैफे के संचालक अनुराग बसु की मदद के कारण यह कुख्यात आतंकी सिविल लाइन थाना की पुलिस की गिरफ्त में आया था. यह गया में शिक्षक बनकर छिपकर 8 सालों से रह रहा था.

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गया: गया व्यवहार न्यायालय में सोमवार को आतंकी तौसीफ पठान (Terrorist Tauseef Pathan) समेत तीन आरोपियों की सिविल लाइन थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष हरि ओझा ने पहचान कर ली है. गौरतलब है कि अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट (Ahmedabad Serial Blast) में आरोपित आतंकी तौसीफ को फांसी की सजा अहमदाबाद कोर्ट द्वारा सुनाई जा चुकी है. आतंकी पठान तौसीफ खान के खिलाफ गया न्यायालय में चल रहे एक मामले में सोमवार को सिविल लाइन थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष हरि ओझा ने गवाही दी है.

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कोर्ट में गवाहों का हुआ परीक्षण: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय संगम सिंह की अदालत में सूचक सह सिविल लाइन थानाध्यक्ष हरि ओझा की गवाही हुई. उन्होंने गवाही के दौरान न्यायालय में उपस्थित पठान तौसीफ खान, शहंशाह उर्फ सना खान और गुलाम सरवर की पहचान की है. गवाह का परीक्षण अपर लोक अभियोजक अंबुज कुमार सिन्हा और राखी कुमारी ने कराया.

आतंकी तौसीफ की थानाध्यक्ष ने की पहचान: न्यायालय में थानाध्यक्ष ने कहा कि 13 सितंबर 2017 को वह सिविल लाइन थाना में पदस्थापित था. वरीय पदाधिकारी द्वारा दी गई सूचना के आधार पर शहीद भगत सिंह चौक के निकट से पठान तौफीक खान और शहंशाह उर्फ सना खान के पास से बरामद कागजात के आधार पर उसे गिरफ्तार किया था और जब्ती सूची भी बनाई गई थी. मामले में सिविल लाइन थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष हरि ओझा के द्वारा ही प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे प्रदर्शित किया गया.

साइबर कैफे के संचालक की मदद से पकड़ाया: गौरतलब है कि पठान तौसीफ खान को अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने 26 जुलाई 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में 18 फरवरी 2022 को फांसी की सजा सुनाई थी. मामले में 77 आरोपियों में से 38 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसमें पठान तौसीफ खान भी शामिल था. आतंकी तौसीफ की गिरफ्तारी गया शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र से हुई थी. बड़े ही नाटकीय तरीके से साइबर कैफे के संचालक अनुराग बसु की मदद के कारण यह कुख्यात आतंकी सिविल लाइन थाना की पुलिस की गिरफ्त में आया था. यह गया में शिक्षक बनकर छिपकर 8 सालों से रह रहा था.

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