गया: देश में पहली बार आतंकवाद और उग्रवाद में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए गयाजी में पिंडदान किया गया. समाजसेवी बिमलेन्दु चैतन्य ने यह पिंडदान किया.
पिंडदान के दौरान ये कामना की गई कि मारे गए उग्रवादियों और आतंकवादियों का पुनर्जन्म एक अच्छे इंसान के शरीर में हो. जिससे वे लोग एक अच्छे इंसान के रूप में हिंदुस्तान की समृद्धि, विकास और एकता के लिए काम कर सकें.
आतंकवादियों की आत्मा को मिले शांति
पिंडदान करने के बाद बिमलेन्दु चैतन्य ने कहा कि गयाजी मोक्ष की भूमि है. आतंकवाद और उग्रवाद में मारे गए लोगों की आत्मा के शांति का सोचकर हमने पिंडदान किया है. उन्होंने कहा कि मैंने ईश्वर से कामना की है कि उन्हें एक बार मौका मिले और वे मनुष्य के रूप में जन्म लें. साथ ही, उन्हें प्राश्चित करने का मौका मिले. जिन्होंने देश को तोड़ने और बांटने के लिए लोगों को मारा, उन्हें एक बार प्राश्चित करनी चाहिए.
पुर्नजन्म में है विश्वास
समाजसेवी ने बताया कि वह पुर्नजन्म में विश्वास रखते हैं, इसलिए वह मानते हैं कि पुर्नजन्म यदि हो तो मनुष्य एक अच्छे इंसान के रूप में जनहित के लिए कार्य करें.