गया : बिहार के गया में विदेशी महिला की काली भक्ति चर्चा का विषय बना हुआ है. दावा है कि बोधगया के मंदिर में रही इसी काली मां ने उन्हें स्वप्न दिया (Maa Kali Came In Dream) था, जिसके बाद वह यहां आकर सनातन धर्म अपनाईं और फिर माता की भक्ति में लीन हैं. आश्चर्य की बात यह है कि विदेशी महिला अरणवी का व्यवहार कभी-कभी ऐसा होता है, जैसे माता काली उसके शरीर पर आई हों. मां काली जैसा गुस्सा, जीभ निकालना भी वह करती हैं.
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भक्त मान रहे हैं काली मां का रूप : थाईलैंड की महिला अरणबी को माता काली का रूप मानकर भक्त पूजा अर्चना व सातो श्रृंगार से सुशोभित किया. बौद्ध की धरती बोधगया की इस काली मां की मंदिर में भक्ति अरणवी करती हैं. कहां जाता है कि मां काली इस विदेशी थाईलैंड की महिला पर इस नवरात्रा पूजा में सवार होती हैं. भक्त आशीर्वाद लेने थाईलैंड की इस महिला के पास उसे काली रूप समझकर पहुंच जाते हैं. इस तरह काफी श्रद्धालुओं की भीड़ अनोखी काली जी (विदेशी महिला) को देखने के लिए उमड़ी हुई है.
सपने में आयी मां काली : विदेशी महिला अरणवी के सहयोगी पुष्कर वर्मा बताते हैं कि विदेशी महिला पर सपने में काली मां आई थी. उसके बाद थाईलैंड छोड़कर भारत में बुद्ध की नगरी में रहने लगी (Thailand Woman Come Bodhgaya) हैं. अब बड़ी मां के नाम से जानी जाती हैं. बौद्ध धर्म छोड़कर सनातन धर्म परंपरा को अपना ली और काली मंदिर के निर्माण में लाखों रुपए खर्च भी कर रही हैं. सेवा भाव आम जनता को देने में लगी है. आज काफी भीड़ के बीच इनसे आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालु काली मंदिर में पहुंचे.
''यह महिला थाईलैंड में थाई देवी के नाम से प्रसिद्ध हैं. इसने गरीबों के हित के लिए कई जगह सेंटर खोले हैं. यह बुद्धिस्ट फैमिली से हैं, लेकिन अब सनातन धर्म अपना ली हैं. इनपर मां काली सवार होती हैं, जिसके बाद मां काली के विभिन्न रूप इनके शरीर पर दिखने लगते हैं. वह भक्तों को आशीर्वाद भी दे रही हैं. वही भक्त भी काफी संख्या में लगातार आ रहे हैं.''- पुष्कर वर्मा, सहयोगी, अरणवी
''मेरे सपने में भारत का दर्शन आया था. भारत के जिस मंदिर का दर्शन आया था, वह बोधगया का यही काली मंदिर था, उसके बाद यहां आई हूं.''- अरणवी, थाइलैंड की महिला
यह आस्था या अंधविश्वास : फिलहाल, विदेशी महिला पर मां काली का आना और भक्तों द्वारा इस विदेशी महिला की पूजा करना जारी है. यह लोग जहां इसे आस्था मान रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे अंधविश्वास भी मान रहे हैं. फिलहाल आस्था और अंधविश्वास के बीच वर्तमान में सैकड़ों भक्त इस विदेशी महिला को काली का रूप मानकर पूजा भी कर रहे हैं. साथ ही आरती उतार रहे हैं और गीत भी गा रहे हैं.