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LNMU के कर्मचारी हड़ताल पर, यूनिवर्सिटी ने प्रदर्शनकारियों को 'नो वर्क नो पे' का आदेश

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में समय से वेतन, कर्मचारियों के लिए तय पद पर कर्मचारियों की नियुक्ति सहित अन्य 11 मांगों के समर्थन में कर्मचारी हड़ताल (Strike IN LNMU) पर चल गये हैं. वहीं विश्वविद्यालय ने कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा रुख अखतियार कर लिया है. पढ़ें पूरी खबर.

LNMU के कर्मचारी हड़ताल पर
LNMU के कर्मचारी हड़ताल पर
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Published : Mar 28, 2022, 7:51 PM IST

दरभंगा: 11 सूत्रीय मांग को लेकर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) के 300 से ज्यादा कर्मचारी सोमवार से 3 दिनों की हड़ताल (LNMU Staff Went On Strike) पर चले गए हैं. हड़ताली कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन, पीजी विभागों और कॉलेजों को बंद कराया. इस कारण विश्वविद्यालय से जुड़े कार्यालयों और विभागों में शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य बाधित रहा. इस दौरान पढ़ाई करने के लिए आये छात्रों और छात्राओं को वापस घर लौटना पड़ा.

ये भी पढ़ें- विवि में एग्जाम पैटर्न के खिलाफ फूटा LNMU छात्रों का गुस्सा, किया भूख हड़ताल

हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ नो वर्क नो पे का दिया आदेशः वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा रुख अखतियार कर लिया है. विश्वविद्यालय ने हड़ताल को गलत बताते हुए कर्मचारियों के लिए 'नो वर्क नो पे' का नोटिफिकेशन (LNMU Issued No Work No Pay Notice ) जारी कर दिया है. इस आदेश के बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे. वहीं बिहार राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है और कर्मचारियों के खिलाफ जारी 'नो वर्क नो पे के आदेश को गलत बताया है. इस बीच हड़ताल के कारण बड़ी संख्या में जरूरी काम से विश्वविद्यालय आये छात्रों को वापस लौटना पड़ा.

11 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल पर हैं कर्माचारीः ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि उनकी 11 सूत्री मांगें हैं. मांगों के समर्थन में वे लोग सोमवार से 3 दिनों की हड़ताल पर हैं. उन्होंने आगे कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में सहायक रजिस्ट्रार एक, दो और तीन, सहायक परीक्षा नियंत्रक और सहायक वित्त पदाधिकारी जैसे कई पद कर्मचारियों के लिए निर्धारित हैं, लेकिन इन पर वर्षों से शिक्षक काबिज हैं. उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के विभागों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी है तो दूसरी तरफ शिक्षकों को कॉलेज और विश्वविद्यालय के विभागों से लाकर अधिकारी बना दिया गया है.

विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया मनमानी का आरोपः विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर प्रसाद सिंह ने कहा आगे कहा कि उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा हमारी मांग है कि हर महीने की 5 तारीख तक कर्मचारियों का वेतन और पेंशन मिल जाए. इसके अलावा छठे और सातवें वेतनमान का बकाया एरियर कर्मचारियों को दिया जाए, लेकिन विवि प्रशासन उनकी जायज मांगें नहीं मान रहा है. उन्होंने आगे कहा कि विवि मनमानी कर रहा है, यह नहीं चलेगा.

वहीं बिहार राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन 'नो वर्क नो पे' का नोटिफिकेशन जारी करके कर्मचारियों को डराने और उनमें फूट डालना चाह रही है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के एक्ट के अनुसार कोई भी कर्मचारी 9 दिनों तक वेतन के साथ हड़ताल पर रह सकता है. 9 दिनों के बाद उनके ईएल (Earn Leave) में हड़ताल के अवधि की कटौती करने का प्रावधान है. उन्होंने आगे कहा कि इस नियम के तहत वे लोग हड़ताल और धरना प्रदर्शन पर तब तक डटे रहेंगे जब तक विश्वविद्यालय उनकी मांगें नहीं मान लेता है.

ये भी पढ़ें- 5 महीनों से वेतन नहीं मिलने से हड़ताल पर गए LNMU के सुरक्षा गार्ड, विवि की सुरक्षा व्यवस्था ठप

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दरभंगा: 11 सूत्रीय मांग को लेकर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) के 300 से ज्यादा कर्मचारी सोमवार से 3 दिनों की हड़ताल (LNMU Staff Went On Strike) पर चले गए हैं. हड़ताली कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन, पीजी विभागों और कॉलेजों को बंद कराया. इस कारण विश्वविद्यालय से जुड़े कार्यालयों और विभागों में शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य बाधित रहा. इस दौरान पढ़ाई करने के लिए आये छात्रों और छात्राओं को वापस घर लौटना पड़ा.

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हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ नो वर्क नो पे का दिया आदेशः वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा रुख अखतियार कर लिया है. विश्वविद्यालय ने हड़ताल को गलत बताते हुए कर्मचारियों के लिए 'नो वर्क नो पे' का नोटिफिकेशन (LNMU Issued No Work No Pay Notice ) जारी कर दिया है. इस आदेश के बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे. वहीं बिहार राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है और कर्मचारियों के खिलाफ जारी 'नो वर्क नो पे के आदेश को गलत बताया है. इस बीच हड़ताल के कारण बड़ी संख्या में जरूरी काम से विश्वविद्यालय आये छात्रों को वापस लौटना पड़ा.

11 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल पर हैं कर्माचारीः ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि उनकी 11 सूत्री मांगें हैं. मांगों के समर्थन में वे लोग सोमवार से 3 दिनों की हड़ताल पर हैं. उन्होंने आगे कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में सहायक रजिस्ट्रार एक, दो और तीन, सहायक परीक्षा नियंत्रक और सहायक वित्त पदाधिकारी जैसे कई पद कर्मचारियों के लिए निर्धारित हैं, लेकिन इन पर वर्षों से शिक्षक काबिज हैं. उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के विभागों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी है तो दूसरी तरफ शिक्षकों को कॉलेज और विश्वविद्यालय के विभागों से लाकर अधिकारी बना दिया गया है.

विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया मनमानी का आरोपः विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर प्रसाद सिंह ने कहा आगे कहा कि उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा हमारी मांग है कि हर महीने की 5 तारीख तक कर्मचारियों का वेतन और पेंशन मिल जाए. इसके अलावा छठे और सातवें वेतनमान का बकाया एरियर कर्मचारियों को दिया जाए, लेकिन विवि प्रशासन उनकी जायज मांगें नहीं मान रहा है. उन्होंने आगे कहा कि विवि मनमानी कर रहा है, यह नहीं चलेगा.

वहीं बिहार राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन 'नो वर्क नो पे' का नोटिफिकेशन जारी करके कर्मचारियों को डराने और उनमें फूट डालना चाह रही है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के एक्ट के अनुसार कोई भी कर्मचारी 9 दिनों तक वेतन के साथ हड़ताल पर रह सकता है. 9 दिनों के बाद उनके ईएल (Earn Leave) में हड़ताल के अवधि की कटौती करने का प्रावधान है. उन्होंने आगे कहा कि इस नियम के तहत वे लोग हड़ताल और धरना प्रदर्शन पर तब तक डटे रहेंगे जब तक विश्वविद्यालय उनकी मांगें नहीं मान लेता है.

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