ETV Bharat / city

ग्राउंड रिपोर्ट: अन्नदाताओं की गुहार सुन लो सरकार, बाढ़ ने पूरी तरह से कर दिया है तबाह - बाढ़ में डूब गई पूरी फसल

बाढ़ प्रभावित सदर प्रखंड के दिलावरपुर पंचायत के गढ़िया गांव में इस बार 80 एकड़ में धान की रोपनी हुई थी, लेकिन उनमें से मुश्किल से एक एकड़ धान की फसल बची है, बाकी सब डूब गई है. जिससे किसानों की उम्मीदें भी खत्म हो गई.

ग्राउंड रिपोर्ट
ग्राउंड रिपोर्ट
author img

By

Published : Aug 21, 2020, 9:30 PM IST

दरभंगा: बिहार में लोग बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. जिले में 18 में से 15 प्रखंडों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी पर बाढ़ ने कहर ढाया है. लोगों के घर बार डूब गए हैं और सड़क पर गुजारा कर रहे लोग दाने-दाने को तरस रहे हैं.

दरभंगा
गढ़िया गांव है बाढ़ से प्रभावित

इतना ही नहीं इससे बड़े पैमाने पर खरीफ की फसल को नुकसान पहुंचा है और किसानों की उम्मीद उनका साल भर का निवाला भी छिन चुका है. बाढ़ प्रभावित सदर प्रखंड की दिलावरपुर पंचायत के गढ़िया गांव में इस बार 80 एकड़ में धान की रोपनी हुई थी, लेकिन उनमें से मुश्किल से एक एकड़ धान की फसल बची है. बाकी सब डूब गई और इसी के साथ किसानों की उम्मीद भी खत्म हो गई. वहीं अब किसान माथे पर हाथ धरे बैठे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

आस में धान की रोपनी
किसान अब सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि अगर समय पर फसल क्षति का मुआवजा मिल जाए तो दूसरे जिले से बिचड़ा खरीद कर ले और लेट सीजन की धान की रोपनी कर दें, ताकि कुछ फसल हो जाए. लेकिन ऐसा हो पाने की उम्मीद नहीं के बराबर है, क्योंकि जिला प्रशासन की ओर से अब तक फसल क्षति का सर्वेक्षण ही शुरू नहीं हुआ है. ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने गढ़िया गांव में जाकर खेत पर कुछ किसानों से बात की और उनकी तकलीफ जानी है.

बाढ़ में फसल डूब कर हुआ बर्बाद
स्थानीय किसान मुन्ना कुमार पासवान ने कहा कि एक महीना और 2 दिन गांव में बाढ़ का पानी रहा है. गढ़िया गांव के लोगों ने करीब 80 एकड़ धान की रोपनी की थी. उसमें से महज एक एकड़ बची है, बाकी सब डूब गई. उन्होंने कर्ज लेकर 4 बीघा धान की रोपनी की थी. उनकी पूरी फसल डूब कर बर्बाद हो गई. उन्होंने कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं कि दूसरे जिले से बिचड़ा लाकर दोबारा धान की रोपनी कर सकें.

दरभंगा
मुन्ना कुमार पासवान, किसान

अन्नदाता की गुहार सुन ले सरकार
स्थानीय किसान बासुदेव राम ने कहा कि 5 एकड़ धान की रोपनी की थी. सारी फसल डूब कर बर्बाद हो गई. वे सरकार से गुजारिश करते हैं कि फसल क्षति का मुआवजा जल्द मिले. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत की राशि 6 हजार रुपये मिले हैं. अगर फसल क्षति की राशि जल्द मिल जाती तो दोबारा रोपनी कर सकते थे.

दरभंगा
सारी फसल डूब कर बर्बाद

80 से 90 फीसदी फसल का हुआ है नुकसान
इसी गांव के किसान और जदयू महादलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष बलदेव राम ने कहा कि दरभंगा जिले में बाढ़ से 80 से 90 फीसदी फसल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बार की बाढ़ की विपदा बड़ी है। सरकार फसल क्षति का मुआवजा देती है लेकिन अगर इस बार जल्दी मिल जाता तो किसान दोबारा धान की रोपनी कर सकते थे। उन्होंने कहा कि वे खुद भी किसान हैं और उनकी फसल भी पूरी तरह बर्बाद हो गई है। वे मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि मुसीबत के समय किसानों का फसल क्षति का मुआवजा जल्द मिल जाए ताकि वे दूसरे जिलों से बिचड़ा लाकर दोबारा धान की रोपनी कर सकें।

दरभंगा: बिहार में लोग बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. जिले में 18 में से 15 प्रखंडों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी पर बाढ़ ने कहर ढाया है. लोगों के घर बार डूब गए हैं और सड़क पर गुजारा कर रहे लोग दाने-दाने को तरस रहे हैं.

दरभंगा
गढ़िया गांव है बाढ़ से प्रभावित

इतना ही नहीं इससे बड़े पैमाने पर खरीफ की फसल को नुकसान पहुंचा है और किसानों की उम्मीद उनका साल भर का निवाला भी छिन चुका है. बाढ़ प्रभावित सदर प्रखंड की दिलावरपुर पंचायत के गढ़िया गांव में इस बार 80 एकड़ में धान की रोपनी हुई थी, लेकिन उनमें से मुश्किल से एक एकड़ धान की फसल बची है. बाकी सब डूब गई और इसी के साथ किसानों की उम्मीद भी खत्म हो गई. वहीं अब किसान माथे पर हाथ धरे बैठे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

आस में धान की रोपनी
किसान अब सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि अगर समय पर फसल क्षति का मुआवजा मिल जाए तो दूसरे जिले से बिचड़ा खरीद कर ले और लेट सीजन की धान की रोपनी कर दें, ताकि कुछ फसल हो जाए. लेकिन ऐसा हो पाने की उम्मीद नहीं के बराबर है, क्योंकि जिला प्रशासन की ओर से अब तक फसल क्षति का सर्वेक्षण ही शुरू नहीं हुआ है. ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने गढ़िया गांव में जाकर खेत पर कुछ किसानों से बात की और उनकी तकलीफ जानी है.

बाढ़ में फसल डूब कर हुआ बर्बाद
स्थानीय किसान मुन्ना कुमार पासवान ने कहा कि एक महीना और 2 दिन गांव में बाढ़ का पानी रहा है. गढ़िया गांव के लोगों ने करीब 80 एकड़ धान की रोपनी की थी. उसमें से महज एक एकड़ बची है, बाकी सब डूब गई. उन्होंने कर्ज लेकर 4 बीघा धान की रोपनी की थी. उनकी पूरी फसल डूब कर बर्बाद हो गई. उन्होंने कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं कि दूसरे जिले से बिचड़ा लाकर दोबारा धान की रोपनी कर सकें.

दरभंगा
मुन्ना कुमार पासवान, किसान

अन्नदाता की गुहार सुन ले सरकार
स्थानीय किसान बासुदेव राम ने कहा कि 5 एकड़ धान की रोपनी की थी. सारी फसल डूब कर बर्बाद हो गई. वे सरकार से गुजारिश करते हैं कि फसल क्षति का मुआवजा जल्द मिले. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत की राशि 6 हजार रुपये मिले हैं. अगर फसल क्षति की राशि जल्द मिल जाती तो दोबारा रोपनी कर सकते थे.

दरभंगा
सारी फसल डूब कर बर्बाद

80 से 90 फीसदी फसल का हुआ है नुकसान
इसी गांव के किसान और जदयू महादलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष बलदेव राम ने कहा कि दरभंगा जिले में बाढ़ से 80 से 90 फीसदी फसल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बार की बाढ़ की विपदा बड़ी है। सरकार फसल क्षति का मुआवजा देती है लेकिन अगर इस बार जल्दी मिल जाता तो किसान दोबारा धान की रोपनी कर सकते थे। उन्होंने कहा कि वे खुद भी किसान हैं और उनकी फसल भी पूरी तरह बर्बाद हो गई है। वे मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि मुसीबत के समय किसानों का फसल क्षति का मुआवजा जल्द मिल जाए ताकि वे दूसरे जिलों से बिचड़ा लाकर दोबारा धान की रोपनी कर सकें।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.