दरभंगा: डीएमसीएच की 73 एकड़ जमीन गायब (Accused of grabbing DMCH land) हो गई है. इसका खुलासा तब हुआ जब दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने लोकसभा से डीएमसीएच की जमीन के संबंध में सूचना मांगी. लोकसभा की लाइब्रेरी ने सांसद को इससे संबंधित जो लिखित सूचना दी, उसके अनुसार दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह (Darbhanga Maharaja Rameshwar Singh) ने 1925 में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 6 लाख रुपये और 300 एकड़ जमीन दान (DMCH land donated by Darbhanga Maharaj) में दी थी.
सांसद ने जब जिला प्रशासन और दरभंगा मेडिकल कॉलेज से इस संबंध में जानकारी मांगी तो पता चला कि मेडिकल कॉलेज के पास सिर्फ 227 एकड़ जमीन ही है. इसमें से 150 एकड़ में एम्स बन है जबकि 77 एकड़ में डीएमसीएच रहेगा. अब सांसद गोपाल जी ठाकुर (MP Darbhanga Gopal Ji Thakur) ने जिला प्रशासन से दरभंगा राज से दान में मिली शेष 73 एकड़ जमीन का हिसाब मांगा है.
ये भी पढ़ें: चोरों ने चुराया करोड़ों का खजाना तो वहीं लगाई 'चार पैग', गोदाम में रातभर चली दारू पार्टी...
उधर, जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने भू-माफियाओं और सरकारी अधिकारियों के गठजोड़ से जमीन हड़पने का आरोप लगाया है. उन्होंने राज्य सरकार से कमेटी बनाकर इस मामले की जांच की मांग की है. सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि उन्होंने लोकसभा से लिखित रूप से जानकारी मांगी थी कि दरभंगा के डीएमसीएच के पास कितनी जमीन है. लोकसभा ने इसके जवाब में उन्हें बताया कि डीएमसीएच की स्थापना 1946 में हुई थी. इसके पहले टेंपले मेडिकल स्कूल के रूप में इसकी स्थापना 1925 में ब्रिटिश सरकार ने महाराजा रामेश्वर सिंह की दान दी हुई 300 एकड़ जमीन पर की थी. महाराजा ने इसके लिए दान में 6 लाख रुपये भी दिए थे.
सांसद ने कहा कि उन्होंने जब दरभंगा मेडिकल कॉलेज और जिला प्रशासन से इसकी जानकारी ली तो पता चला कि डीएमसीएच के पास 227 एकड़ जमीन ही है. उन्होंने कहा कि अगर 300 एकड़ जमीन मिल जाएगी तो 200 एकड़ में एम्स बन जाएगा और शेष 100 एकड़ में डीएमसीएच रहेगा. गायब हुई डीएमसीएच की 73 एकड़ जमीन खोज कर देने के लिए प्रशासन को कहा है.
उधर, दरभंगा के आखिरी महाराज कामेश्वर सिंह के पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि उनके परदादा महाराजा रामेश्वर सिंह ने दरभंगा में टेपले मेडिकल स्कूल की स्थापना के लिए 1925 में 300 एकड़ जमीन और 6 लाख रुपये दान में दिए थे. उसी जमीन पर 1946 में उनके दादा महाराजा कामेश्वर सिंह ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज बनवाया था. राज परिवार को ये जानने का हक है कि 73 एकड़ जमीन कहां गई. उन्होंने प्रशासन से इस जमीन को ढूंढने की मांग की.
ये भी पढ़ें: दरभंगा में कब्रिस्तान को बनाया शराब गोदाम, गंगासागर तालाब को भी नहीं छोड़ा
वहीं, दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. के. एन. मिश्रा ने कहा कि डीएमसीएच की स्थापना के लिए करीब 100 साल पहले दरभंगा राज से जमीन दान में मिली थी. जिला प्रशासन के पास जो उपलब्ध दस्तावेज हैं, उनके अनुसार डीएमसीएच के पास 227 एकड़ जमीन है. इसमें से एम्स के लिए 150 एकड़ जमीन ले ली गई है. बाकी की 77 एकड़ जमीन पर डीएमसीएच रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर 300 एकड़ जमीन मिली होगी तो वह अतिक्रमित हो गई होगी. लोगों ने उस पर घर बनवा लिए होंगे.
उधर, जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि दरभंगा राज की जमीन को भू-माफिया अधिकारियों के साथ मिल कर कब्जा कर चुके हैं. न तो सरकार और न ही दरभंगा राज के वारिसों को इस संपत्ति की चिंता है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को पटना से एक कमेटी बनाकर इस मामले की जांच करवानी चाहिए और जमीन वापस लेनी चाहिए. बता दें कि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद डीएमसीएच की 200 एकड़ जमीन पर एम्स निर्माण की कवायद शुरू हुई.
ये भी पढ़ें: DMCH की छठी मंजिल पर तीन घंटे लिफ्ट में फंसी रही मां, प्यास से बिलखता रहा बच्चा, ऐसे निकली बाहर...
महज 27 एकड़ में डीएमसीएच को चलाने में हो रही दिक्कत को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 दिसंबर को अपने दरभंगा दौरे में एम्स के लिए जमीन 200 एकड़ से घटा कर 150 एकड़ कर दिया था. शेष 77 एकड़ में डीएमसीएच चलाने का निर्देश दिया था. अब डीएमसीएच के पास 300 एकड़ जमीन होने का खुलासा होने के बाद एम्स के लिए 200 एकड़ और डीएमसीएच के लिए 100 एकड़ जमीन की मांग होने लगी है. अब देखना है कि सरकार इसको लेकर किस तरह की कार्रवाई करती है.
विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP