छपरा: बिहार में इन दिनों पंचायत चुनाव (Bihar (Panchayat Election) की प्रक्रिया जारी है. नामांकन से पहले संभावित प्रत्याशियों को कई अहर्ता पूरी करनी पड़ती है. इसमें स्टाम्प टिकट और अन्य एफिडेविट, आधार कार्ड, पैन कार्ड सरीखे कई तरह के आवश्यक कागजातों को जुटाना पड़ता है. उसके बाद ही उनका नामांकन पंचायत चुनाव के लिए किया जाता है. इसके बाद स्कूटनी की प्रक्रिया होती है. उसमें कोई भी जरूरी कागज कम होने पर नामांकन रद्द हो सकता है. इसको लेकर उम्मीदवारों को सभी आवश्यक कागजात उपलब्ध कराने के लिए काफी भागदौड़ भी करनी पड़ती है. तब जाकर अपना नामांकन कर पाते हैं.
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छपरा के कई प्रखंडों में पंचायत चुनाव के लिए इन दिनों नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए सबसे आवश्यक स्टाम्प टिकट होता है. इसे लेने में उम्मीदवारों के पसीने छूट रहे हैं क्योंकि छपरा जिले में यह टिकट स्थानीय सिविल कोर्ट परिसर में स्थित मात्र दो काउंटरों से ही दिया जा रहा है. जिससे पंचायत चुनाव में प्रतिद्वंद्विता करने वाले उम्मीदवारों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर प्रतिदिन हजारों लोगों की भीड़ और लंबी लाइन लग रह रही है. इसके बाद भी उन्हें बहुत मुश्किल से टिकट उपलब्ध हो पा रहा है. यहां के लोगों ने बताया कि पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों के लिए यह टिकट सबसे आवश्यक है.
इस टिकट के लिए 11 से 12 बजे रात से ही भी लोग कतार में लग जा रहे हैं. इसके बावजूद अगले दिन दोपहर बाद 2 के 3 बजे तक टिकट उपलब्ध हो पा रहा है. इसको लेने के लिए हजारों लोगों की कतार छपरा सिविल कोर्ट परिसर में लग रही है. इसमें महिला और पुरुष काफी संख्या होते हैं. चुनाव लड़ने वालों उम्मीदवारों ने सारण के जिलाधिकारी से अधिक संख्या में काउंटर खोलने का अनुरोध किया है जिससे लोगों की परेशानी कुछ कम हो. यहां मात्र दो काउंटर हैं. इससे लोग काफी परेशान हैं.
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