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बेगूसराय में रंग उत्सव 2019 का आयोजन, सुष्मिता मुखर्जी के नाटक ने मोहा दर्शकों का मन - प्रतिष्ठित नाटकों का मंचन

सुष्मिता मुखर्जी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हर इंसान के अंदर कला और कलाकार छिपा होता है. सिर्फ उसे तराशने की जरूरत है. उन्होंने सरकार के जरिए रंगमंच और नाटक से जुड़े कलाकारों को प्रमोट करने के लिए कोई कारगर नीति नहीं बनाने पर दुख व्यक्त किया.

रंग उत्सव 2019
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Published : Sep 19, 2019, 1:29 PM IST

बेगूसराय: जिले के दिनकर कला भवन में द प्लेयर्स एक्ट संस्था के जरिए चार दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह रंग उत्सव 2019 का आयोजन किया गया है. बुधवार को चर्चित फिल्म अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. चार दिवसीय कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित नाटकों का मंचन किया जाएगा.

बेगूसराय में हुआ रंग उत्सव 2019 का आयोजन

'हर इंसान में छिपा है कलाकार'
कार्यक्रम के पहले दिन फिल्म अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी के जरिए 'नारी बाई' नाटक का मंचन किया गया. उनके इस नाटक ने सभी का मन मोह लिया. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हर इंसान के अंदर कला और कलाकार छिपा होता है. सिर्फ उसे तराशने की जरूरत है. उन्होंने सरकार के जरिए रंगमंच और नाटक से जुड़े कलाकारों को प्रमोट करने के लिए कोई कारगर नीति नहीं बनाने पर दुख व्यक्त किया.

Begusarai
'नारी बाई' नाटक का मंचन करतीं सुष्मिता मुखर्जी

कलाकारों की उपेक्षा से आहत सुष्मिता
उन्होंने कहा कि धारावाहिक और फिल्म में काम करने में भले ही पैसा काफी मिलता है. लेकिन संतुष्टि तो उन्हें रंगमंच से ही मिलती है. उन्होंने कहा कि फिल्म डेड एनर्जी देती है. रियल एनर्जी देने का काम नाटक करता है. नाटक देखने वाले लोग वैचारिक रूप से भी काफी प्रबुद्ध संवेदनशील और साधक की तरह होते हैं. वहीं, सरकारों के जरिए रंगमंच और नाट्य कला से जुड़े लोगों की उपेक्षा से वो काफी आहत दिखीं.

Begusarai
सुष्मिता मुखर्जी, फिल्म अभिनेत्री

बेगूसराय: जिले के दिनकर कला भवन में द प्लेयर्स एक्ट संस्था के जरिए चार दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह रंग उत्सव 2019 का आयोजन किया गया है. बुधवार को चर्चित फिल्म अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. चार दिवसीय कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित नाटकों का मंचन किया जाएगा.

बेगूसराय में हुआ रंग उत्सव 2019 का आयोजन

'हर इंसान में छिपा है कलाकार'
कार्यक्रम के पहले दिन फिल्म अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी के जरिए 'नारी बाई' नाटक का मंचन किया गया. उनके इस नाटक ने सभी का मन मोह लिया. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हर इंसान के अंदर कला और कलाकार छिपा होता है. सिर्फ उसे तराशने की जरूरत है. उन्होंने सरकार के जरिए रंगमंच और नाटक से जुड़े कलाकारों को प्रमोट करने के लिए कोई कारगर नीति नहीं बनाने पर दुख व्यक्त किया.

Begusarai
'नारी बाई' नाटक का मंचन करतीं सुष्मिता मुखर्जी

कलाकारों की उपेक्षा से आहत सुष्मिता
उन्होंने कहा कि धारावाहिक और फिल्म में काम करने में भले ही पैसा काफी मिलता है. लेकिन संतुष्टि तो उन्हें रंगमंच से ही मिलती है. उन्होंने कहा कि फिल्म डेड एनर्जी देती है. रियल एनर्जी देने का काम नाटक करता है. नाटक देखने वाले लोग वैचारिक रूप से भी काफी प्रबुद्ध संवेदनशील और साधक की तरह होते हैं. वहीं, सरकारों के जरिए रंगमंच और नाट्य कला से जुड़े लोगों की उपेक्षा से वो काफी आहत दिखीं.

Begusarai
सुष्मिता मुखर्जी, फिल्म अभिनेत्री
Intro:एंकर- एक कार्यक्रम के सिलसिले में बेगूसराय पहुची चर्चित फिल्म अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी ने मीडिया कर्मियों से वार्ता के दौरान कहा की हर इंसान के अंदर कला और कलाकार छिपा होता है जरूरत है उसे तराशने की। वही सुष्मिता मुखर्जी ने सरकार द्वारा रंगमंच और नाटक से जुड़े कलाकारों को प्रमोट करने के लिए कोई कारगर नीति नहीं बनाने पर दुख व्यक्त किया है। सुष्मिता मुखर्जी द प्लेयर्स एक्ट संस्था के द्वारा आयोजित नाट्य समारोह में शिरकत करने बेगूसराय आई हैं।


Body:vo- बेगूसराय में द प्लेयर्स एक्ट संस्था के द्वारा चार दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह रंग उत्सव 2019 का आयोजन किया गया है। रंग उत्सव 18 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान देश के कई प्रतिष्ठित नाटकों का मंचन बेगूसराय के दिनकर कला भवन में किया जाएगा ।आज पहले दिन चर्चित फिल्म अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी के द्वारा नारी बाई नाटक का मंचन किया जाएगा। नाटक में हिस्सा लेने आई सुष्मिता मुखर्जी ने आज पत्रकारों से भी बातचीत की सुष्मिता मुखर्जी ने कहा कि धारावाहिक एवं फिल्म में काम करने से भले ही पैसा काफी मिलता है लेकिन संतुष्टि तो उन्हें रंगमंच से ही मिलता है उन्होंने कहा कि फिल्म डेड एनर्जी देती है रियल एनर्जी देने का काम नाटक करता है ।नाटक देखने वाले लोग वैचारिक रूप से भी काफी प्रबुद्ध संवेदनशील एवं साधक की तरह होते हैं।वही सरकारों द्वारा रंगमंच और नाट्य कला से जुड़े लोगों की उपेक्षा से वो काफी आहत दिखीं।
बाइट-सुष्मिता मुखर्जी, रंगमंच कलाकार,सह फ़िल्म अदाकारा


Conclusion:fvo- बाहर हाल जो भी हो मृत प्राय हो रहे रंगमंच और नाट्य कला को जिंदा रखने के लिए अगर सुष्मिता मुखर्जी जैसे लोग सामने आकर इस कला को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं तो निश्चित तौर पर यह काबिले तारीफ काम है खासतौर पर द प्लेयर्स एक संस्था के द्वारा बेगूसराय में इस तरह के आयोजन से निश्चित रूप से रंगमंच और नाटक से जुड़े कलाकारों को नई दिशा मिल पाएगी।
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