बेगूसरायः महागठबंधन प्रत्याशी तनवीर हसन के लिए प्रचार करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने अपना दर्द बयां किया. चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने मुझे मुख्यमंत्री नहीं बेवकूफ मुख्यमंत्री बनाया. इसका अहसास मुझे सीएम पद ग्रहण करने के 2 घंटे बाद ही हो गया था.
सीतारामपुर गांव में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मुझे भी नीतीश कुमार के उस फैसले पर आश्चर्य हुआ था. जब मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार ने मुझे चुना. सीएम बनने के 2 घंटे बाद ही मुझे यह अहसास हो गया कि मैं मुख्यमंत्री नहीं मूर्ख मुख्यमंत्री हूं. जिसे नीतीश कुमार अपने रिमोट कंट्रोल से चला रहे थे.
'रिमोट कंट्रोल से चला रहे थे नीतीश'
उन्होंने कहा कि किस तरह से मुख्यमंत्री बनने के 2 घंटे बाद ही एक चपरासी के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेरे पास मंत्रियों की एक लिस्ट भेजी और मुझे उस पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा. मैने ऐसे ही किया लेकिन फिर दूसरे ही दिन उसी चपरासी के हाथों एक लिस्ट मिली. जिस पर मंत्रियों के विभाग का आवंटन था. मै समझ गया था कि अपनी सीएम बनने के बाद भी मैं अपनी मर्जी से कोई फैसला नहीं ले सकता.
'खास उद्देश्य के लिए बनाया सीएम'
जीतन राम मांझी ने कहा कि मुझे अहसास हो गया था कि मेरी काबिलियत पर मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है बल्कि मैं दलित हूं इसलिए मुझे यह पद देकर अपने हिसाब से चलाया. मांझी ने यह भी आरोप लगाया कि जब बतौर सीएम उन्होंने राज्य के विकास के लिए कार्य करना शुरू कर दिया तो नीतीश कतुमार को लगा कि मांझी मुझसे आगे चले जाएंगे. इसके बाद मुझे हटा दिया.
'सृजन घोटाला करने वाले बाहर क्यों'
मांझी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सृजन घोटाला करने वाले जेल के बाहर हैं और निर्दोष लालू प्रसाद यादव को जेल में बंद कर दिया गया है.जहां उन्हें ठीक ढंग से मेडिकल ट्रीटमेंट भी नहीं मिल पा रहा है.
अधूरे काम पूरे होंगे
नीतचीश कुमार पर एक के बाद एक हमला करते हुए मांझी ने कहा कि अपने 9 माह के कार्यकाल में ही मैंने गरीबों के उत्थान के लिए बहुत सारे काम किए हैं. अगर एक बार फिर से मौका मिला तो सारे अधूरे काम महागठबंधन की सरकार में पूरे होंगे.