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UNION BUDGET 2023 : क्या आप जानते हैं देश का पहला बजट कब और किसने पेश किया था, जानें महत्वपूर्ण बातें

वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश होने में अब कुछ ही दिन का समय बाकी है. इस बजट का इंतजार सभी लोगों को रहता है, लेकिन क्या आप बजट से जुड़े रोचक फैक्ट्स (Interesting Facts About Union Budget) जानते हैं. अगर नहीं, तो इस रिपोर्ट में पढ़िए बजट से जुड़ी कुछ इंटरेस्टिंग बातें.

Interesting Facts About Union Budget
बजट से जुड़ी रोचक बातें
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Published : Jan 25, 2023, 3:59 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को पांचवी बार लोकसभा में भारत का केंद्रीय बजट पेश करेंगी. ये बजट पूरे साल भर के लिए देश के अलग-अलग विभागों के खर्चे के लिए बनता है. देश भर के लोगों को इस बजट का इंतजार रहता है. भारत के दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने के साथ, केंद्रीय बजट दुनिया भर के आर्थिक नीति पर्यवेक्षकों के बीच प्रमुखता से उभरा है. बजट से जुड़ी परंपराओं, प्रथाओं और कुछ बड़े बदलाव और मील के पत्थर के बारे में देखेंगे.

1. भारत का पहला बजट : भारत का सबसे पहला बजट 7 अप्रैल,1860 को पेश किया गया था. उस समय भारत अंग्रेजों के चुगंल से आजाद भी नहीं हुआ था. लेकिन बात करें आजाद भारत के पहले बजट की तो वो 26 नवम्बर 1947 को पेश किया गया था. उस समय वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी थे. उस बजट में भारत की अर्थव्यवस्था का एक बुनियादी ऑब्जर्वेशन था और इसमें कोई बदलाव या प्रस्ताव नहीं किया गया था.

2. सबसे अधिक बजट पेश करने वाले मंत्री : क्या आपको पता है कि एक वित्त मंत्री के रुप में बजट को बार बार पेश करने का मौका किसे मिला है. अगर नहीं तो हम बताते हैं. अबतक पूर्व वित्त मंत्री मोराजी देसाई ने ये रिकार्ड अपने नाम रखा है. उन्होंने सबसे अधिक10 बार केंद्रीय बजट पेश किया है. इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 9 बार, पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आठ-आठ बार आम बजट पेश किया है. वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते हुए कुल 6 बार बजट पेश करने का मौका मिला. बात करें वर्तमान एफएम निर्मला सीतारमण की तो इस बार वह अपना पांचवा बजट पेश करेंगी.

UNION BUDGET 2023
बजट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां

3. केंद्रीय बजट का आइडिया किसका : 1 फरवरी को बजट पेश होता है. ये हमलोग में से ज्यादातर लोग जानते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि बजट का अवधारणा या आइडिया किस व्यक्ति का है. शायद आप में से बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे. प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस केंद्रीय बजट अवधारणा को डिजाइन करने वाले व्यक्ति थे. वह एक भारतीय वैज्ञानिक और एक सांख्यिकीविद् थे. जो भारत के योजना आयोग के मुख्य सदस्यों में से एक थे. भारत में आधुनिक सांख्यिकी के जनक माने जाने वाले पीसी महालनोबिस स्वतंत्र भारत के बजट को डिजाइन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

4. केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले प्रधान मंत्री: केंद्रीय बजट आमतौर पर वित्त मंत्री प्रस्तुत करते हैं. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू वित्त वर्ष 1958-1959 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले पीएम थे. जवाहरलाल नेहरू के अलावा, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी एकमात्र प्रधान मंत्री थे जिन्होंने अपने संबंधित प्रशासन के दौरान बजट पेश किया था.

5. केंद्रीय बजट पेश नहीं करने वाले मंत्री: केसी नियोगी और एचएन बहुगुणा ही ऐसे दो वित्त मंत्री रहे हैं, जिन्होंने भारत का केंद्रीय बजट पेश नहीं किया. ऐसा इसलिए था क्योंकि उन्होंने दो बजट दिनों के बीच इतने कम समय के लिए पद संभाला था कि उनके पास बजट पेश करने का कोई अवसर नहीं मिला. नियोगी जो भारत के दूसरे वित्त मंत्री थे. उन्होंने केवल 35 दिनों के लिए कार्यालय संभाला था.

6. सबसे लंबा बजट और भाषा : अब तक का सबसे लंबा बजट 18,650 शब्दों का था. जो डॉ मनमोहन सिंह द्वारा पेश किया गया 1991 का ऐतिहासिक बजट था. हालांकि, सबसे लंबा बजट भाषण 2020 में निर्मला सीतारमण द्वारा दिया गया था. जो 2 घंटे 17 मिनट तक चला था. वहीं सबसे छोटा बजट भाषण 1977 में हीरूभाई पटेल द्वारा दिया गया था और यह 800 शब्दों का था. बजट के भाषा की बात करें तो 1955-56 से बजट दस्तावेज अंग्रेजी और हिंदी दोनों में छापा जाता है. इससे पहले बजट सिर्फ अंग्रेजी में ही छपता था.

Interesting Facts About Union Budget
बजट से जुड़ी रोचक जानकारियां

7. बजट प्रिंट करने का स्थान : भारतीय केंद्रीय बजट की छपाई 1950 तक राष्ट्रपति भवन में की जाती थी. जब तक यह लीक नहीं हुआ था. लेकिन जब एक बार बजट की छपाई लीक हुई तो इसे नई दिल्ली में मिंटो रोड की तरफ शिफ्ट कर दिया गया. 1980 में एक सरकारी छपाईखाना स्थापित किया गया. जहां आज भी बजट प्रिंट किया जाता है.

8. बजट की टाइमिंग में बदलाव: 1999 तक बजट भाषण शाम 5 बजे दिया जाता था. यह ब्रिटिश काल की निशानी थी, इसलिए लंदन में ब्रिटिश संसद के लिए यहां बजट की प्रस्तुति सुबह 11:30 बजे के आसपास हो सकती है. वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया. पहले 30 वर्षों के लिए, बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द नहीं था. इसे 1900 के बजट में पेश किया गया था.

9. अंतरिम और केंद्रीय बजट: निवर्तमान सरकार द्वारा चुनाव (लोकसभा) वर्ष में एक अंतरिम बजट पेश किया जाता है. अंतरिम बजट को वोट ऑन अकाउंट भी कहा जाता है. अंतरिम बजट सीमित अवधि के लिए खर्च करने के लिए संसद की अनुमति लेने के लिए पेश किया जाता है. चुनावों के बाद, नई सरकार बजट को अंतिम रूप देगी और दूसरा बजट पेश करने का विकल्प चुन सकती है जो पूर्ण बजट है. पूरे वित्तीय वर्ष के लिए पूरा बजट तैयार किया जाता है.

10. पहला पेपरलेस बजट : 1 फरवरी, 2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहला पेपरलेस बजट पेश किया. यह भारत में चल रहे COVID-19 महामारी के कारण किया गया था. उन्होंने एक टैबलेट से बजट पेश किया और इस साल फिर से बजट दस्तावेजों के पूरे मेजबान को प्रिंट करने की प्रथा को खत्म कर दिया. इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला हैं. वह भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं. वहीं पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी वित्त वर्ष 1970-71 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं.

पढ़ें : Union budget 2023: केंद्रीय बजट 2023, हलवा सेरेमनी का आयोजन कल होगा

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को पांचवी बार लोकसभा में भारत का केंद्रीय बजट पेश करेंगी. ये बजट पूरे साल भर के लिए देश के अलग-अलग विभागों के खर्चे के लिए बनता है. देश भर के लोगों को इस बजट का इंतजार रहता है. भारत के दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने के साथ, केंद्रीय बजट दुनिया भर के आर्थिक नीति पर्यवेक्षकों के बीच प्रमुखता से उभरा है. बजट से जुड़ी परंपराओं, प्रथाओं और कुछ बड़े बदलाव और मील के पत्थर के बारे में देखेंगे.

1. भारत का पहला बजट : भारत का सबसे पहला बजट 7 अप्रैल,1860 को पेश किया गया था. उस समय भारत अंग्रेजों के चुगंल से आजाद भी नहीं हुआ था. लेकिन बात करें आजाद भारत के पहले बजट की तो वो 26 नवम्बर 1947 को पेश किया गया था. उस समय वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी थे. उस बजट में भारत की अर्थव्यवस्था का एक बुनियादी ऑब्जर्वेशन था और इसमें कोई बदलाव या प्रस्ताव नहीं किया गया था.

2. सबसे अधिक बजट पेश करने वाले मंत्री : क्या आपको पता है कि एक वित्त मंत्री के रुप में बजट को बार बार पेश करने का मौका किसे मिला है. अगर नहीं तो हम बताते हैं. अबतक पूर्व वित्त मंत्री मोराजी देसाई ने ये रिकार्ड अपने नाम रखा है. उन्होंने सबसे अधिक10 बार केंद्रीय बजट पेश किया है. इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 9 बार, पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आठ-आठ बार आम बजट पेश किया है. वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते हुए कुल 6 बार बजट पेश करने का मौका मिला. बात करें वर्तमान एफएम निर्मला सीतारमण की तो इस बार वह अपना पांचवा बजट पेश करेंगी.

UNION BUDGET 2023
बजट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां

3. केंद्रीय बजट का आइडिया किसका : 1 फरवरी को बजट पेश होता है. ये हमलोग में से ज्यादातर लोग जानते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि बजट का अवधारणा या आइडिया किस व्यक्ति का है. शायद आप में से बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे. प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस केंद्रीय बजट अवधारणा को डिजाइन करने वाले व्यक्ति थे. वह एक भारतीय वैज्ञानिक और एक सांख्यिकीविद् थे. जो भारत के योजना आयोग के मुख्य सदस्यों में से एक थे. भारत में आधुनिक सांख्यिकी के जनक माने जाने वाले पीसी महालनोबिस स्वतंत्र भारत के बजट को डिजाइन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

4. केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले प्रधान मंत्री: केंद्रीय बजट आमतौर पर वित्त मंत्री प्रस्तुत करते हैं. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू वित्त वर्ष 1958-1959 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले पीएम थे. जवाहरलाल नेहरू के अलावा, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी एकमात्र प्रधान मंत्री थे जिन्होंने अपने संबंधित प्रशासन के दौरान बजट पेश किया था.

5. केंद्रीय बजट पेश नहीं करने वाले मंत्री: केसी नियोगी और एचएन बहुगुणा ही ऐसे दो वित्त मंत्री रहे हैं, जिन्होंने भारत का केंद्रीय बजट पेश नहीं किया. ऐसा इसलिए था क्योंकि उन्होंने दो बजट दिनों के बीच इतने कम समय के लिए पद संभाला था कि उनके पास बजट पेश करने का कोई अवसर नहीं मिला. नियोगी जो भारत के दूसरे वित्त मंत्री थे. उन्होंने केवल 35 दिनों के लिए कार्यालय संभाला था.

6. सबसे लंबा बजट और भाषा : अब तक का सबसे लंबा बजट 18,650 शब्दों का था. जो डॉ मनमोहन सिंह द्वारा पेश किया गया 1991 का ऐतिहासिक बजट था. हालांकि, सबसे लंबा बजट भाषण 2020 में निर्मला सीतारमण द्वारा दिया गया था. जो 2 घंटे 17 मिनट तक चला था. वहीं सबसे छोटा बजट भाषण 1977 में हीरूभाई पटेल द्वारा दिया गया था और यह 800 शब्दों का था. बजट के भाषा की बात करें तो 1955-56 से बजट दस्तावेज अंग्रेजी और हिंदी दोनों में छापा जाता है. इससे पहले बजट सिर्फ अंग्रेजी में ही छपता था.

Interesting Facts About Union Budget
बजट से जुड़ी रोचक जानकारियां

7. बजट प्रिंट करने का स्थान : भारतीय केंद्रीय बजट की छपाई 1950 तक राष्ट्रपति भवन में की जाती थी. जब तक यह लीक नहीं हुआ था. लेकिन जब एक बार बजट की छपाई लीक हुई तो इसे नई दिल्ली में मिंटो रोड की तरफ शिफ्ट कर दिया गया. 1980 में एक सरकारी छपाईखाना स्थापित किया गया. जहां आज भी बजट प्रिंट किया जाता है.

8. बजट की टाइमिंग में बदलाव: 1999 तक बजट भाषण शाम 5 बजे दिया जाता था. यह ब्रिटिश काल की निशानी थी, इसलिए लंदन में ब्रिटिश संसद के लिए यहां बजट की प्रस्तुति सुबह 11:30 बजे के आसपास हो सकती है. वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया. पहले 30 वर्षों के लिए, बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द नहीं था. इसे 1900 के बजट में पेश किया गया था.

9. अंतरिम और केंद्रीय बजट: निवर्तमान सरकार द्वारा चुनाव (लोकसभा) वर्ष में एक अंतरिम बजट पेश किया जाता है. अंतरिम बजट को वोट ऑन अकाउंट भी कहा जाता है. अंतरिम बजट सीमित अवधि के लिए खर्च करने के लिए संसद की अनुमति लेने के लिए पेश किया जाता है. चुनावों के बाद, नई सरकार बजट को अंतिम रूप देगी और दूसरा बजट पेश करने का विकल्प चुन सकती है जो पूर्ण बजट है. पूरे वित्तीय वर्ष के लिए पूरा बजट तैयार किया जाता है.

10. पहला पेपरलेस बजट : 1 फरवरी, 2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहला पेपरलेस बजट पेश किया. यह भारत में चल रहे COVID-19 महामारी के कारण किया गया था. उन्होंने एक टैबलेट से बजट पेश किया और इस साल फिर से बजट दस्तावेजों के पूरे मेजबान को प्रिंट करने की प्रथा को खत्म कर दिया. इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला हैं. वह भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं. वहीं पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी वित्त वर्ष 1970-71 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं.

पढ़ें : Union budget 2023: केंद्रीय बजट 2023, हलवा सेरेमनी का आयोजन कल होगा

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