हैदराबाद: भारतीय रिजर्व बैंक सोने में अधिक निवेश कर रहा है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 3 जनवरी, 2020 तक केंद्रीय बैंक का स्वर्ण भंडार 66.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 28.05 अरब डॉलर हो गया.
पिछले एक दशक में फारेक्स रिजर्व बास्केट में सोने की हिस्सेदारी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. बता दें कि दो अक्टूबर, 2009 तक आरबीआई के पास कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 3.67 प्रतिशत यानि 10.31 अरब डॉलर का सोना था.जबकि 3 जनवरी, 2020 तक सोने का शेयर कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 6.08 प्रतिशत यानि 28.05 अरब डॉलर हो गया.
ये भी पढ़ें-औद्योगिक उत्पादन नवंबर में 1.8 प्रतिशत बढ़ा
सोने के अलावा आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ विशेष आहरण अधिकार और आईएमएफ के साथ आरक्षित स्थिति शामिल हैं.
विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन में सोने के घटकों को जोड़ने की घटना आरबीआई तक सीमित नहीं है. 2019 के दौरान 9 केंद्रीय बैंकों ने सोने के स्टॉक में वृद्धि की है. पोलैंड तिमाही में सबसे बड़ा खरीदार था, जो 100 टन था.
पिछले साल 2018 से तेजी से वृद्धि हुई है, जो विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार 50 वर्षों में उच्चतम खरीद देखी गई.
तेजी से अस्थिर वित्तीय बाजारों और भूराजनीतिक अशांति के कारण केंद्रीय बैंकों ने खुद को खतरे में पड़ने से बचाने के लिए यह रास्ता चुना है. भारत ने आईएमएफ से नवंबर 2019 में 200 टन सोने की खरीद की है. यह देश की वित्तीय सुरक्षा की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बैंकों का रणनीतिक कदम है.
बता दें कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन जनवरी को समाप्त सप्ताह में 3.689 अरब डॉलर बढ़कर 461.157 अरब डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.
इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.52 अरब डॉलर बढ़कर 454.948 अरब डॉलर हो गया था. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में वृद्धि की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है.
विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 3.013 अरब डॉलर बढ़कर 427.949 अरब डॉलर हो गयी. इस दौरान स्वर्ण भंडार भी 66.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 28.058 अरब डॉलर हो गया.
आलोच्य सप्ताह के दौरान अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष आहरण अधिकार 70 लाख डॉलर की बढ़त के साथ 1.447 अरब डॉलर हो गया, जबकि आईएमएफ में आरक्षित निधि 30 लाख डॉलर बढ़कर 3.703 अरब डॉलर हो गयी.