नई दिल्ली: दुनिया की दिग्गज रिटेल कंपनी वालमार्ट भारतीय कारोबार में लगातार घाटा झेलने के कारण कारोबार समेटने पर विचार कर रही है.
वॉलमार्ट इंडिया ने अपने 56 शीर्ष अधिकारियों को नौकरी से बाहर निकाल दिया है. इसमें कई डिवीजन के वाइस प्रेसिडेंट तक शामिल हैं. कंपनी ने पिछले हफ्ते आयोजित टाउनहॉल में इसकी घोषणा की है.
वॉलमार्ट होलसेल स्टोर की बजाय ई-कॉमर्स बिजनेस पर फोकस कर रही है. कंपनी ने 2018 में फ्लिपकार्ट की कंट्रोलिंग हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर में खरीदी थी.
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यह ई-कॉमर्स में दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी डील है. वॉलमार्ट भारत में 28 होलसेल स्टोर के जरिए छोटे कारोबारियों को माल बेचती है, लेकिन ज्यादा विस्तार नहीं कर पाई, इसलिए ई-कॉमर्स पर जोर दे रही है.
कंपनी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि हम अपने सदस्यों की सेवा के लिए हमेशा नए-नए रास्तों की तलाश में रहते हैं ताकि अपने सदस्यों की जरूरतें बेहतर तरीके से पूरा कर सकें. प्रवक्ता ने कहा कि यह छंटनी का पहला चरण है और अप्रैल में फिर छंटनी की जा सकती है.