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'चमकी' ने ली 6 और बच्चों की जान, आंकड़ा पहुंचा 186

सूबे के कई जिलों में बारिश तो हुई है. बावजूद इसके चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या में कमी नहीं आयी है.

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Published : Jun 24, 2019, 9:46 AM IST

बिलखते परिजन

मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर व इसके आसपास के जिलों में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की लगातार मौतें हो रही है. रविवार को देर रात तक एईएस (चमकी बुखार) से 6 और बच्चों की मौत हो गई. अब तक 186 बच्चों की मौत हो चुकी है.

एसकेएमसीएच में ही चार बच्चों ने दम तोड़ा है. हालांकि एसकेएमसीएच प्रशासन एक ही मौत की पुष्टी कर रहा है. वही 24 घंटे में एईएस के 6 और नए मरीज भर्ती हुए हैं. इसके अलवा समस्तीपुर में एईएस से एक बच्चे की हुई मौत हुई है. यहां पर अब तक कुल 9 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा सीवान में भी इसकी वजह एक बच्चे की मौत हुई है.

child died
अस्पताल में पीड़ित बच्चा.

मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.

child died
बिलखते परिजन.


जानिए क्या हैं इसके लक्षण :

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
    child died
    अस्पताल में भर्ती बच्चे.

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.
    child died
    अस्पताल में भर्ती बच्चे.

इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.

मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर व इसके आसपास के जिलों में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की लगातार मौतें हो रही है. रविवार को देर रात तक एईएस (चमकी बुखार) से 6 और बच्चों की मौत हो गई. अब तक 186 बच्चों की मौत हो चुकी है.

एसकेएमसीएच में ही चार बच्चों ने दम तोड़ा है. हालांकि एसकेएमसीएच प्रशासन एक ही मौत की पुष्टी कर रहा है. वही 24 घंटे में एईएस के 6 और नए मरीज भर्ती हुए हैं. इसके अलवा समस्तीपुर में एईएस से एक बच्चे की हुई मौत हुई है. यहां पर अब तक कुल 9 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा सीवान में भी इसकी वजह एक बच्चे की मौत हुई है.

child died
अस्पताल में पीड़ित बच्चा.

मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.

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बिलखते परिजन.


जानिए क्या हैं इसके लक्षण :

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
    child died
    अस्पताल में भर्ती बच्चे.

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.
    child died
    अस्पताल में भर्ती बच्चे.

इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.
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