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'चमकी' ने ली 8 और मासूमों की जान, आंकड़ा पहुंचा 168

चमकी बुखार से लगातार बच्चों की मौत हो रही है. प्रदेश के कई जिलों में इसका असर देखा जा रहा है.

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Published : Jun 20, 2019, 8:13 AM IST

Updated : Jun 20, 2019, 1:50 PM IST

मृत बच्चे के साथ परिजन.

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर व आसपास के जिले में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. अब तक इस बीमारी से 168 बच्चों की मौत हो चुकी है. 19 वें दिन बुधवार को देर रात तक मुजफ्फरपुर में कुल 8 बच्चों की जान इस बीमारी से चली गई. इनमे से 7 बच्चों की मौत एसकेएमसीएच व एक की केजरीवाल अस्पताल में हुई है.


एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित 32 नए बच्चों को भर्ती किया गया है. एसकेएमसीएच में 24 व केजरीवाल अस्पताल में आठ नए मरीजों का एईएस के तय प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है. मुजफ्फरपुर में बीते 19 दिनों में एईएस के 461 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 152 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि स्वास्थय विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फरपुर में बुधवार देर रात तक 95 बच्चों की मौत बताई गई है.

muzaffarpur
अस्पताल में बच्चे के साथ मां.


मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.

muzaffarpur
चिकित्सा करते डॉक्टर.
जानिए क्या हैं इसके लक्षण :
  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
    muzaffarpur
    चिकित्सा करते डॉक्टर.

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर व आसपास के जिले में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. अब तक इस बीमारी से 168 बच्चों की मौत हो चुकी है. 19 वें दिन बुधवार को देर रात तक मुजफ्फरपुर में कुल 8 बच्चों की जान इस बीमारी से चली गई. इनमे से 7 बच्चों की मौत एसकेएमसीएच व एक की केजरीवाल अस्पताल में हुई है.


एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित 32 नए बच्चों को भर्ती किया गया है. एसकेएमसीएच में 24 व केजरीवाल अस्पताल में आठ नए मरीजों का एईएस के तय प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है. मुजफ्फरपुर में बीते 19 दिनों में एईएस के 461 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 152 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि स्वास्थय विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फरपुर में बुधवार देर रात तक 95 बच्चों की मौत बताई गई है.

muzaffarpur
अस्पताल में बच्चे के साथ मां.


मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.

muzaffarpur
चिकित्सा करते डॉक्टर.
जानिए क्या हैं इसके लक्षण :
  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
    muzaffarpur
    चिकित्सा करते डॉक्टर.

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.
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Last Updated : Jun 20, 2019, 1:50 PM IST
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