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पीएमसीएच में संवेदनहीनता, दर्द से तड़प रही महिला को नहीं मिली ट्रॉली

राजधानी पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच की बेहद शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. जुड़वा बच्चे को जन्म देने के बाद महिला दर्द से तड़प रही थी लेकिन अस्पताल की ओर से उसे ट्रॉली मुहैया नहीं कराई गई.

पीएमसीएच में संवेदनहीनता
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Published : Jul 2, 2019, 5:40 PM IST

पटना: राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में एक बार फिर संवेदनहीनता देखने को मिली है. चंद पैसों के लिए दर्द से तड़प रही महिला को ट्रॉली तक नसीब नहीं हुआ. महिला बार-बार बेहोश होकर जमीन पर गिर रही थी लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की.

पीएमसीएच की शर्मनाक तस्वीर
सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच को सुपरस्पेशलिटी का दर्जा दिया गया है. सुपरस्पेशलिटी का दर्जा उस अस्पताल को दिया जाता है जो तमाम सुविधाओं से लैस हो. लेकिन यहां मरीजों को क्या सुविधा मिल रही है ये बयां करने के लिए यह तस्वीर ही काफी है.

पीएमसीएच की शर्मनाक तस्वीर

दर्द से तड़प रही महिला को नहीं मिली ट्रॉली
महिला मरीज जो दर्द से तड़प रही है और बार-बार बेहोश होकर जमीन पर गिर रही है. लेकिन उसे एक ट्रॉली तक नसीब नहीं हुई. बताया जाता है कि ट्रॉली वाले ने उससे 100 रूपये की मांग की थी लेकिन महिला के परिजनों के पास महज 30 ही रुपए थे. इस कारण ट्रॉली वाले ने ट्रॉली देने से मना कर दिया. मजबूरन महिला के पति ने अपने कंधे का सहारा देकर उसे वार्ड में शिफ्ट कराने आया.

patna
महिला ने जुड़वे बच्चे को दिया था जन्म

दोषियों पर होगी कार्रवाई
इस मामले पर जब अस्पताल उपाधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बावत उन्हें कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा है तो दोषी स्वास्थ्यकर्मियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी.

महिला ने जुड़वे बच्चे को दिया था जन्म
बताया जा रहा है कि महिला छपरा की रहने वाली है. डिलीवरी कराने के लिए उसे पीएमसीएच में एडमिट कराया गया था. कल शाम में महिला ने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया जिसमें से एक बच्चे की मौत हो गई वहीं दूसरा बच्चा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है.

मीडिया की पहल के बाद हरकत मे आया अस्पताल
एक तरफ बच्चे की मौत का गम और दूसरी तरफ अस्पताल की संवेदनहीनता ने इस दंपति को झकझोर कर रख दिया. हालांकि मीडिया की पहल के बाद पीएमसीएच ने उसे अविलंब एडमिट करते हुए बेहतर सुविधा बहाल करने का भरोसा जताया.

पटना: राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में एक बार फिर संवेदनहीनता देखने को मिली है. चंद पैसों के लिए दर्द से तड़प रही महिला को ट्रॉली तक नसीब नहीं हुआ. महिला बार-बार बेहोश होकर जमीन पर गिर रही थी लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की.

पीएमसीएच की शर्मनाक तस्वीर
सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच को सुपरस्पेशलिटी का दर्जा दिया गया है. सुपरस्पेशलिटी का दर्जा उस अस्पताल को दिया जाता है जो तमाम सुविधाओं से लैस हो. लेकिन यहां मरीजों को क्या सुविधा मिल रही है ये बयां करने के लिए यह तस्वीर ही काफी है.

पीएमसीएच की शर्मनाक तस्वीर

दर्द से तड़प रही महिला को नहीं मिली ट्रॉली
महिला मरीज जो दर्द से तड़प रही है और बार-बार बेहोश होकर जमीन पर गिर रही है. लेकिन उसे एक ट्रॉली तक नसीब नहीं हुई. बताया जाता है कि ट्रॉली वाले ने उससे 100 रूपये की मांग की थी लेकिन महिला के परिजनों के पास महज 30 ही रुपए थे. इस कारण ट्रॉली वाले ने ट्रॉली देने से मना कर दिया. मजबूरन महिला के पति ने अपने कंधे का सहारा देकर उसे वार्ड में शिफ्ट कराने आया.

patna
महिला ने जुड़वे बच्चे को दिया था जन्म

दोषियों पर होगी कार्रवाई
इस मामले पर जब अस्पताल उपाधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बावत उन्हें कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा है तो दोषी स्वास्थ्यकर्मियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी.

महिला ने जुड़वे बच्चे को दिया था जन्म
बताया जा रहा है कि महिला छपरा की रहने वाली है. डिलीवरी कराने के लिए उसे पीएमसीएच में एडमिट कराया गया था. कल शाम में महिला ने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया जिसमें से एक बच्चे की मौत हो गई वहीं दूसरा बच्चा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है.

मीडिया की पहल के बाद हरकत मे आया अस्पताल
एक तरफ बच्चे की मौत का गम और दूसरी तरफ अस्पताल की संवेदनहीनता ने इस दंपति को झकझोर कर रख दिया. हालांकि मीडिया की पहल के बाद पीएमसीएच ने उसे अविलंब एडमिट करते हुए बेहतर सुविधा बहाल करने का भरोसा जताया.

Intro:exclusive
सुबह के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में एक बार फिर से दिखी संवेदनहीनता की तस्वीरें जहां एक दर्द से तड़प रही प्रसूति महिला को ट्रॉली तक नसीब नहीं
पटना से शशि तुलस्यान कि खास रिपोर्ट:--


Body:सुबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच कहने को तो सुपरस्पेशलिटी का दर्जा है, जहां पर उन तमाम सारी सुविधाओं से लैस हैं जहां अन्य अस्पतालों में नहीं होती, लेकिन मरीजों को क्या सुविधा मिल रही है यह तस्वीरें ही दिखाने के लिए काफी है जहां एक प्रसूति महिला मरीज को ट्रॉली तक नसीब नहीं हो रहा है, एक प्रसूति महिला मरीज जो दर्द से तड़प रही है और बार-बार बेहोश होकर जमीन पर गिर रही है, लेकिन उसे एक ट्रॉली तक नसीब नहीं हुआ है बताया जाता है कि ट्रॉली वाले ने उससे ₹100 की मांग की थी लेकिन ट्रॉली वाले को देने के लिए इसके पास महज 30 ही रुपए थे, बावजूद इसे ट्रॉली नहीं मिल सका मजबूरन पति अपने पत्नी को कंधे का सहारा देकर उसे वार्ड में शिफ्ट कराने के लिए ले जा रहा है, दरअसल यह महिला मरीज छपरा से शाम को यहां पर एडमिट हुआ था, जुड़वा बच्चे को जन्म दिया जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई और 1 बच्चे जीवन मौत से जूझ रहा है


Conclusion:यह तरफ जहां बच्चे की मौत का गम और दूसरी तरफ अस्पताल की संवेदनहीनता ने भी कोई कसर नहीं छोड़ा है, ऐसे में दो तरफा मार झेल रहे यह दंपति बहुत ही परेशान है हालांकि मीडिया के पहल के बाद उसे अविलंब एडमिट करते हुए सुविधा बहाल करने का भरोसा जताया है वहीं अस्पताल उपाधीक्षक ने उन स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई करने की बात कही है लेकिन सवाल सिर्फ सिस्टम पर है कि जहां राज्य भर के कोने-कोने से मरीज अपनी जान की सुरक्षा के लिए उन डॉक्टरों पर भरोसा करते हैं लेकिन यहां आने पर उनके साथ क्या होता है यह तस्वीरें दिखा रही है


बाईट:--प्रयागराज,पीडीता के परीजन,छपरा निवासी
बाईट:-कुमारी सुषमा, शिशु अस्पताल के अटेंडेंट, पीएमसीएच
बाईट:-रंजीत जैमूआर,उपाधीक्षक,पीएमसीएच
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