पटना: राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में एक बार फिर संवेदनहीनता देखने को मिली है. चंद पैसों के लिए दर्द से तड़प रही महिला को ट्रॉली तक नसीब नहीं हुआ. महिला बार-बार बेहोश होकर जमीन पर गिर रही थी लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की.
पीएमसीएच की शर्मनाक तस्वीर
सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच को सुपरस्पेशलिटी का दर्जा दिया गया है. सुपरस्पेशलिटी का दर्जा उस अस्पताल को दिया जाता है जो तमाम सुविधाओं से लैस हो. लेकिन यहां मरीजों को क्या सुविधा मिल रही है ये बयां करने के लिए यह तस्वीर ही काफी है.
दर्द से तड़प रही महिला को नहीं मिली ट्रॉली
महिला मरीज जो दर्द से तड़प रही है और बार-बार बेहोश होकर जमीन पर गिर रही है. लेकिन उसे एक ट्रॉली तक नसीब नहीं हुई. बताया जाता है कि ट्रॉली वाले ने उससे 100 रूपये की मांग की थी लेकिन महिला के परिजनों के पास महज 30 ही रुपए थे. इस कारण ट्रॉली वाले ने ट्रॉली देने से मना कर दिया. मजबूरन महिला के पति ने अपने कंधे का सहारा देकर उसे वार्ड में शिफ्ट कराने आया.
दोषियों पर होगी कार्रवाई
इस मामले पर जब अस्पताल उपाधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बावत उन्हें कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा है तो दोषी स्वास्थ्यकर्मियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी.
महिला ने जुड़वे बच्चे को दिया था जन्म
बताया जा रहा है कि महिला छपरा की रहने वाली है. डिलीवरी कराने के लिए उसे पीएमसीएच में एडमिट कराया गया था. कल शाम में महिला ने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया जिसमें से एक बच्चे की मौत हो गई वहीं दूसरा बच्चा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है.
मीडिया की पहल के बाद हरकत मे आया अस्पताल
एक तरफ बच्चे की मौत का गम और दूसरी तरफ अस्पताल की संवेदनहीनता ने इस दंपति को झकझोर कर रख दिया. हालांकि मीडिया की पहल के बाद पीएमसीएच ने उसे अविलंब एडमिट करते हुए बेहतर सुविधा बहाल करने का भरोसा जताया.