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मुजफ्फरपुर: बेबस मां-बाप का दर्द-  हमारे बच्चे 4-5 दिनों से बुखार से तप रहे हैं

बच्चों के परिजनों ने कहा कि 'किसी ने हमें कुछ भी नहीं बताया है, न ही ओआरएस दिया गया. हम एईएस के लक्षणों को नहीं जानते हैं. हमारे बच्चे 4-5 दिनों से बुखार से तप रहे हैं.'

बुखार से तप रहे हैं बच्चे
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Published : Jun 19, 2019, 3:35 PM IST

मुजफ्फरपुर: एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से मरने वालों की संख्या बढ़कर 112 हो गई. श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 93 की मौत हो गई और केजरीवाल अस्पताल में 19 की मौत हो गई.

इस बीच, मुजफ़्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में अपने बच्चों के साथ आए लोगों का कहना है कि उनके बच्चे बुखार से पीड़ित हैं और उनका आरोप है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें कभी कोई ओआरएस नहीं दिया गया था.

'हम एईएस के लक्षणों को नहीं जानते हैं'
वही बीमार बच्चों के माता-पिता का कहना है कि, 'किसी ने हमें कुछ भी नहीं बताया है, न ही ओआरएस दिया गया. हम एईएस के लक्षणों को नहीं जानते हैं. हमारे बच्चे 4-5 दिनों से बुखार से तप रहे हैं. डॉक्टर ने हमें उनके लिए दवाइयां देने के लिए कहा और कहा कि अगर बुखार उसके बाद नहीं उतरता है तो वे उन्हें एडमिट करेंगे. हमारे पास पैसे नहीं है.

पेश है रिपोर्ट

अस्पताल में बिजली कटौती से परेशान लोग
श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में मरीजों और उनके परिजनों ने लगातार हो रही बिजली कटौती की भी शिकायत की. उनका कहना है, 'यहां अक्सर बिजली कटौती होती है. कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, हम हाथ से चलने वाले पंखे का उपयोग कर रहे हैं. बच्चे गर्मी के कारण रो रहे हैं.'

चमकी से अब तक 157 बच्चों की मौत
बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक बिहार में अब तक 157 बच्चों की मौत हो चुकी है.

muzaffarpur
बुखार से तप रहे हैं बच्चे

देश में AES से अब तक कुल बच्चों की मौत
बता दें कि 1977 के दौरान इंसेफेलाइटिस बीमारी सामने आई थी. तब से अब तक पूरे देश में एक लाख से अधिक बच्चे इसके शिकार हो चुके हैं. सबसे अधिक पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और असम इलाके के बच्चे इसके शिकार हुए हैं. वर्ष 2017 के दौरान पूर्वी उत्तरप्रदेश में 400 से अधिक बच्चों की इस बीमारी के कारण मौत हो गई थी. यह बीमारी खासकर 15 साल तक के बच्चों में होती है.

सोमवार को मुजफ्फरपुर मामले पर 'सुप्रीम' सुनवाई
आपका बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.

क्या हैं चमकी बुखार के लक्षण?
एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) और जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) को उत्तरी बिहार में चमकी बुखार कहते हैं. इससे पीड़ित बच्चों को तेज बुखार आता है और शरीर में ऐंठन होती है. इसके बाद बच्चे बेहोश हो जाते हैं. बच्चों को उलटी और चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी रहती है.

मुजफ्फरपुर: एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से मरने वालों की संख्या बढ़कर 112 हो गई. श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 93 की मौत हो गई और केजरीवाल अस्पताल में 19 की मौत हो गई.

इस बीच, मुजफ़्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में अपने बच्चों के साथ आए लोगों का कहना है कि उनके बच्चे बुखार से पीड़ित हैं और उनका आरोप है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें कभी कोई ओआरएस नहीं दिया गया था.

'हम एईएस के लक्षणों को नहीं जानते हैं'
वही बीमार बच्चों के माता-पिता का कहना है कि, 'किसी ने हमें कुछ भी नहीं बताया है, न ही ओआरएस दिया गया. हम एईएस के लक्षणों को नहीं जानते हैं. हमारे बच्चे 4-5 दिनों से बुखार से तप रहे हैं. डॉक्टर ने हमें उनके लिए दवाइयां देने के लिए कहा और कहा कि अगर बुखार उसके बाद नहीं उतरता है तो वे उन्हें एडमिट करेंगे. हमारे पास पैसे नहीं है.

पेश है रिपोर्ट

अस्पताल में बिजली कटौती से परेशान लोग
श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में मरीजों और उनके परिजनों ने लगातार हो रही बिजली कटौती की भी शिकायत की. उनका कहना है, 'यहां अक्सर बिजली कटौती होती है. कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, हम हाथ से चलने वाले पंखे का उपयोग कर रहे हैं. बच्चे गर्मी के कारण रो रहे हैं.'

चमकी से अब तक 157 बच्चों की मौत
बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक बिहार में अब तक 157 बच्चों की मौत हो चुकी है.

muzaffarpur
बुखार से तप रहे हैं बच्चे

देश में AES से अब तक कुल बच्चों की मौत
बता दें कि 1977 के दौरान इंसेफेलाइटिस बीमारी सामने आई थी. तब से अब तक पूरे देश में एक लाख से अधिक बच्चे इसके शिकार हो चुके हैं. सबसे अधिक पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और असम इलाके के बच्चे इसके शिकार हुए हैं. वर्ष 2017 के दौरान पूर्वी उत्तरप्रदेश में 400 से अधिक बच्चों की इस बीमारी के कारण मौत हो गई थी. यह बीमारी खासकर 15 साल तक के बच्चों में होती है.

सोमवार को मुजफ्फरपुर मामले पर 'सुप्रीम' सुनवाई
आपका बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.

क्या हैं चमकी बुखार के लक्षण?
एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) और जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) को उत्तरी बिहार में चमकी बुखार कहते हैं. इससे पीड़ित बच्चों को तेज बुखार आता है और शरीर में ऐंठन होती है. इसके बाद बच्चे बेहोश हो जाते हैं. बच्चों को उलटी और चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी रहती है.

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