पटना: चमकी बुखार से चर्चा में आये लीची ने किसान और व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. लोगों के बीच लीची की डिमांड कम हो गई है. बाजारों में लीची की बिक्री में गिरावट आ गई है. ऐसे में व्यापारियों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसे लेकर सरकार और विपक्ष अब आमने सामने है.
सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
मुजफ्फरपुर में हो रहे बच्चों की मौत की वजह अब भी एक पहेली बनी हुई है. मौत के कारणों की तलाश में डॉक्टर और वैज्ञानिक दिन रात लगे हुए है. इन सब के बीच में लीची की चर्चा ने अब किसान और व्यपारियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. इसे लेकर विपक्ष अब सरकार को घेरने में लगा है.
आरजेडी ने सरकार पर साधा निशाना
मुजफ्फरपुर मामले को लेकर जहां विपक्ष सरकार पर आक्रामक है तो वहीं लीची को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने में लगा है. राजद के वरिष्ठ नेता सह पूर्व मंत्री आलोक मेहता ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिना आधिकारिक जांच किये लीची को लेकर जिस तरह की बात कही जा रही है उससे किसान और व्यवसाईयों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सरकार लीची किसानों को मुआवजा देने की घोषणा करे.
'कृषि वैज्ञानिकों की टीम लीची की करेगी जांच'
हालांकि किसानों के नुकसान की बात को कृषि मंत्री ने साफ नकारा है. मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि इंसेफलाइटिस की मुख्य वजह लीची है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए कृषि विभाग ने मुजफ्फरपुर में कृषि वैज्ञानिकों की टीम भेजा है. रिपोर्ट आने के बाद विभाग एक एडवाइजरी जारी करेगी और लोगों को लीची के कारण हो रहे बीमारी से अवगत कराएगी.