नई दिल्ली/पटना : नियोजित शिक्षकों पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. पटना हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त किया और बिहार सरकार की अपील को माना. इसके बाद से नियोजित शिक्षकों में काफी मायुसी है. कई शिक्षक आस लिए दिल्ली भी पहुंचे थे.
नियोजित शिक्षक सुशील कुमार ने कहा कि कोर्ट के फैसले से हतप्रभ हूं. जिस प्रकार से सुनवाई हुई थी उससे काफी आस लगा रखा था. इस फैसले ने 3.70 लाख शिक्षकों को मायूस किया है. उनके घर में दिया नहीं जलेगी. हम रिव्यू पीटीशन करेंगे. अगर फिर भी हमारे हक में फैसला नहीं आया तो सड़क पर उतरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा.
बोले नियोजित शिक्षक- आज हमारे घरों में दिये नहीं जलेंगे
नियोजित शिक्षक ने कहा कि कोर्ट के फैसले से हतप्रभ हूं. जिस प्रकार से सुनवाई हुई थी उससे काफी आस लगा रखा था. इस फैसले ने 3.70 लाख शिक्षकों को मायूस किया है.
नई दिल्ली/पटना : नियोजित शिक्षकों पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. पटना हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त किया और बिहार सरकार की अपील को माना. इसके बाद से नियोजित शिक्षकों में काफी मायुसी है. कई शिक्षक आस लिए दिल्ली भी पहुंचे थे.
नियोजित शिक्षक सुशील कुमार ने कहा कि कोर्ट के फैसले से हतप्रभ हूं. जिस प्रकार से सुनवाई हुई थी उससे काफी आस लगा रखा था. इस फैसले ने 3.70 लाख शिक्षकों को मायूस किया है. उनके घर में दिया नहीं जलेगी. हम रिव्यू पीटीशन करेंगे. अगर फिर भी हमारे हक में फैसला नहीं आया तो सड़क पर उतरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा.
नई दिल्ली/पटना : नियोजित शिक्षकों पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. पटना हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त किया और बिहार सरकार की अपील को माना. इसके बाद से नियोजित शिक्षकों में काफी मायुसी है. कई शिक्षक आस लिए दिल्ली भी पहुंचे थे.
नियोजित शिक्षक सुशील कुमार ने कहा कि कोर्ट के फैसले से हतप्रद हूं. जिस प्रकार से सुनवाई हुई थी उससे काफी आस लगा रखा था. इस फैसले ने 3.70 लाख शिक्षकों को मायूस किया है. उनके घर में दिया नहीं जलेगी. हम रिव्यू पीटीशन करेंगे. अगर फिर भी हमारे हक में फैसला नहीं आया तो सड़क पर उतरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा.
नियोजित शिक्षक सुनील शर्मा ने कहा कि अगर इसी तरह का फैसला सुनाया जाना था तो फिर इतना वक्त क्यों लिया गया. अगर फैसला पहले सुनाया जाता तो हमें दौड़ना नहीं पड़ता.
वहीं, निरंजन ने कहा कि समान काम समान वेतन संवैधानिक हक है. हमारी तरफ से हर कोशिश की गयी. वकील ने सारे कागजात पेश किए. बावजूद इसके फैसला हमारे विरोध में गया.
Conclusion: