ETV Bharat / briefs

सहरसा: 19 लाख की आबादी पर मात्र 32 डॉक्टर, सरकार को भेजा जा चुका है त्राहिमाम संदेश - civil surgeon

सहरसा जिले को 222 डॉक्टरों की जरूरत है लेकिन यहां सिर्फ 32 डॉक्टरों की तैनाती है. इस बावत सिविल सर्जन डॉ. ललन सिंह ने सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा है.

सिविल सर्जन ने सरकार को भेजा त्राहिमाम संदेश
author img

By

Published : Jun 24, 2019, 8:17 PM IST

सहरसा: सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने की चाहे लाख दावे कर ले पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सहरसा जिले में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बदहाल है. जिले के सरकारी अस्पतालों में जहां 222 चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिये, वहां 32 डॉक्टरों के सहारे अस्पताल चल रहा है. हालांकि सिविल सर्जन डॉ. ललन प्रसाद सिंह ने डॉक्टरों की कमी को लेकर सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा है.

सरकार की उदासीनता
सहरसा जिले की जनसंख्या लगभग 19 लाख है. लोगों के इलाज के लिए सदर अस्पताल के अलावे सिमरी बख्तियारपुर में एक अनुमंडलीय अस्पताल है. सभी दस प्रखंडों में एक-एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 14 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी है. इतनी बड़ी आबादी पर मात्र 32 डॉक्टर ही तैनात हैं.

saharsa
अस्पतालों में डॉक्टरों की है घोर कमी

222 की जगह महज 32 डॉक्टर तैनात
डॉक्टर की कमी को लेकर समाजसेवी प्रवीण आनंद ने बताया कि दस प्रखंड के इस जिले को 222 डॉक्टरों की जरूरत है, लेकिन यहां सिर्फ 32 डॉक्टरों की तैनाती है. यहां एक ड्रेसर का पद लगभग पंद्रह साल से खाली है. आज तक एक भी ड्रेसर की बहाली नहीं की गई. प्रवीण आनंद ने चिंता जताते हुए कहा कि आखिर 32 डॉक्टरों के सहारे पूरे जिले का अस्पताल कैसे चलेगा?

जानकारी देते सिविल सर्जन

नीतीश सरकार पर हमला
राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए समाज सेवी प्रवीण आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए. स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है. गरीबी की मार झेल रहे मरीजों के लिए निजी नर्सिंग होम में इलाज कराना कठिन है. इतनी बड़ी आबादी के बीच कम डॉक्टर होने की एक मात्र वजह सरकार की उदासीनता और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मनमानी है.

saharsa
डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा अस्पताल

सरकार को भेजा गया त्राहिमाम संदेश
वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन डॉ. ललन सिंह ने बताया कि जिले में वैसे तो 67 डॉक्टर पोस्टेड हैं. लेकिन कुछ लंबी छुट्टी पर चले गए हैं, तो कुछ एजुकेशनल लीव पर हैं. ऐसे में पूरे जिले को चलाना बहुत मुश्किल है. इस बावत सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा गया है.

सहरसा: सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने की चाहे लाख दावे कर ले पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सहरसा जिले में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बदहाल है. जिले के सरकारी अस्पतालों में जहां 222 चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिये, वहां 32 डॉक्टरों के सहारे अस्पताल चल रहा है. हालांकि सिविल सर्जन डॉ. ललन प्रसाद सिंह ने डॉक्टरों की कमी को लेकर सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा है.

सरकार की उदासीनता
सहरसा जिले की जनसंख्या लगभग 19 लाख है. लोगों के इलाज के लिए सदर अस्पताल के अलावे सिमरी बख्तियारपुर में एक अनुमंडलीय अस्पताल है. सभी दस प्रखंडों में एक-एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 14 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी है. इतनी बड़ी आबादी पर मात्र 32 डॉक्टर ही तैनात हैं.

saharsa
अस्पतालों में डॉक्टरों की है घोर कमी

222 की जगह महज 32 डॉक्टर तैनात
डॉक्टर की कमी को लेकर समाजसेवी प्रवीण आनंद ने बताया कि दस प्रखंड के इस जिले को 222 डॉक्टरों की जरूरत है, लेकिन यहां सिर्फ 32 डॉक्टरों की तैनाती है. यहां एक ड्रेसर का पद लगभग पंद्रह साल से खाली है. आज तक एक भी ड्रेसर की बहाली नहीं की गई. प्रवीण आनंद ने चिंता जताते हुए कहा कि आखिर 32 डॉक्टरों के सहारे पूरे जिले का अस्पताल कैसे चलेगा?

जानकारी देते सिविल सर्जन

नीतीश सरकार पर हमला
राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए समाज सेवी प्रवीण आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए. स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है. गरीबी की मार झेल रहे मरीजों के लिए निजी नर्सिंग होम में इलाज कराना कठिन है. इतनी बड़ी आबादी के बीच कम डॉक्टर होने की एक मात्र वजह सरकार की उदासीनता और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मनमानी है.

saharsa
डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा अस्पताल

सरकार को भेजा गया त्राहिमाम संदेश
वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन डॉ. ललन सिंह ने बताया कि जिले में वैसे तो 67 डॉक्टर पोस्टेड हैं. लेकिन कुछ लंबी छुट्टी पर चले गए हैं, तो कुछ एजुकेशनल लीव पर हैं. ऐसे में पूरे जिले को चलाना बहुत मुश्किल है. इस बावत सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा गया है.

Intro:सहरसा..सरकार चाहे लाख दावे कर ले बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने की पर जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है।जी हां ऐसा ही कुछ सहरसा जिले की स्वास्थ्य सेवा की बदहाल हालत है। जिले के सरकारी अस्पतालों में जहाँ 222 चिकित्सको की तैनाती होनी चाहिये,वही 32 डॉक्टर के सहारे चलाया जा रहा है जिले भर का अस्पताल।सहरसा के सिविल सर्जन डॉ.ललन प्रसाद सिंह ने डॉक्टर की कमी को लेकर सरकार को भेजा त्राहिमाम संदेश।


Body:सहरसा जिले की संख्या लगभग 19 लाख है,और इतने लोगो की इलाज के लिए जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल के अलावे सिमरीबख्तियारपुर में एक अनुमंडलीय अस्पताल और सभी दस प्रखंड में एक एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 14 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है।इतनी बड़ी आबादी पर मात्र 222 डॉक्टर ही तैनात है।डॉक्टर की कमी को लेकर समाजसेवी प्रवीण आनंद ने बताया कि यह सहरसा जिला है और यहां दस प्रखंड है और यहाँ 222 डॉक्टर की जरूरत है लेकिन यहां सिर्फ 32 डॉक्टर पर पूरा जिला चलता है।यहां एक ड्रेसर का पद लगभग पंद्रह साल से खाली है आज तक एक ड्रेसर का बहाली नही हो पाया है।आखिर 32 डॉक्टर पर जिले का अस्पताल कैसे चलेगा।शर्म आनी चाहिये नीतीश कुमार को।इतने कम डॉक्टर पर कही अस्पताल चलेगा।हॉस्पिटल के नाम पर सरकार लोगो को बेवकूफ बना रही है।वही इस बाबत सिविल सर्जन डॉ ललन सिंह ने बताया कि जिले में 222 डॉक्टर की जरूरत है जिसमे मात्र 32 डॉक्टर कार्यरत है।और दिखलाने के लिए 67 डॉक्टर यहां पोस्टेड है।लेकिन बहुत डॉक्टर यहाँ से बिना सूचना के गायब है वैसे डॉक्टर पर विभागीय कारवाई के लिए लिखी गयी है।कुछ लोग लंबी छुट्टी में चले गए है और कुछ लोग एजुकेशन लिव में चले गए है।अभी सिर्फ 32 डॉक्टर कार्यरत है और इस पर पूरे जिले को चलाना बहुत मुश्किल है।इसके लिए हमने सरकार को त्राहिमाम संदेश भेज दिया है।


Conclusion:सच मायने में कोशी क्षेत्र के लोग जहाँ प्रत्येक वर्ष कोशी की तबाही झेलती हुई अपना सब कुछ पल भर में गवां कर कंगाल हो जाते है ऐसे में गरीबी की मार झेल रहे मरीजो के लिए निजी नरसिंग होम में इलाज करवाना कठिन है।इतनी बड़ी आबादी के बीच इतना कम डॉक्टर होने का एक मात्र वजह सरकारी उदासीनता एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की इच्छाशक्ति का अभाव है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.