न्यूयॉर्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गुरुवार को रुस-यूक्रेन युद्ध की वजह से उत्पन्न खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों पर सदस्यों का ध्यान आकर्षित किया है. भारत ने कहा कि इसके कारण हो रहे व्यवधानों से "वैश्विक दक्षिण और विकासशील देशों पर काफी बूरा प्रभाव" पड़ा है. यूक्रेन पर यूएनएससी ब्रीफिंग में बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, "संघर्ष व्यापक क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर एक अस्थिर प्रभाव डाल रहा है. तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं और खाद्यान्न और उर्वरकों की कमी हो रही है.
तिरुमुर्ति ने कहा कि संघर्ष से उत्पन्न खाद्य सुरक्षा चुनौतियों के लिए हमें उन बाधाओं का समाधान ढूंढ़ना होगा जो वर्तमान में हमारे लिए बाधा है. ऊर्जा सुरक्षा समान रूप से एक गंभीर चिंता है और संयुक्त प्रयासों से इसका हल ढूंढ़ने की जरूरत है. शत्रुता (यूक्रेन में) को पूरी तरह से समाप्त करने और कूटनीतिक मार्ग का एकमात्र रास्ता अपनाने का भारत के आह्वान को पुन: दोहराया. हालांकि, संघर्ष के कारण अनगिनत लोगों की जान गई है, खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत लाखों लोग बेघर हो गए हैं और पड़ोसी देशों में शरणार्थी बनकर रहने को मजबूर हैं.
तिरुमूर्ति ने आगे कहा, "भारत ने बुका में नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा की है और स्वतंत्र जांच की मांग की है." भारतीय दूत ने ब्रीफिंग के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की उपस्थिति और उनकी टिप्पणियों का भी स्वागत किया. "हम महासचिव द्वारा किए गए प्रयासों, विशेष रूप से ग्लोबल क्राइसिस रिस्पांस ग्रुप टास्क टीम के निष्कर्षों को स्वीकार करते हैं. हम तत्काल प्रभाव से खाद्य निर्यात प्रतिबंधों से मानवीय सहायता के लिए डब्ल्यूएफपी (विश्व खाद्य कार्यक्रम) द्वारा भोजन की खरीद को छूट देने की उनकी सिफारिश का स्वागत करते हैं. यह जरूरी है कि सभी सदस्य राज्यों और संबंधित हितधारकों को समान छूट प्रदान की जाए, जो इस वैश्विक मानवीय प्रयास में योगदान दे रहे हैं."
भारत ने गुटेरेस की हाल की मॉस्को और कीव यात्रा और रूसी संघ और यूक्रेन के नेतृत्व के साथ उनके जुड़ाव का भी स्वागत किया. तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत इस बात से सहमत है कि भीषण युद्ध वाले इलाकों से निर्दोष नागरिकों को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जाए. हम मारियुपोल से नागरिकों को निकालने में संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों की सराहना करते हैं. उम्मीद है कि ऐसे प्रयास अन्य क्षेत्रों में भी होंगे. इससे पहले बोलते हुए, गुटेरेस ने कहा, मुझे उम्मीद है कि मॉस्को और कीव के साथ निरंतर समन्वय से और अधिक मानवीय ठहराव आएंगे, जिससे नागरिकों को लड़ाई से सुरक्षित रास्ता मिल सकेगा और गंभीर जरूरत वाले लोगों तक सहायता पहुंचाई जा सकेगी.
यूक्रेन को भारत द्वारा दिए जा रहे मानवीय सहायता के बारे में वताते हुए, तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को मानवीय आपूर्ति भेज रहा है, जिसमें दवाएं और अन्य आवश्यक राहत सामग्री शामिल हैं. हम यूक्रेन को ज्यादा से ज्यादा मेडिकल रिलीफ भेज रहे हैं. भारत मानवीय गलियारों के माध्यम से आवश्यक मानवीय और चिकित्सा आपूर्ति मुहैया करने के लिए सुरक्षित मार्ग की गारंटी के आह्वान का समर्थन करता है. तिरुमु्र्ति ने जोर देते हुए कहा कि मानवीय कार्रवाई हमेशा मानवीय सहायता के सिद्धांतों, यानी मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता द्वारा निर्देशित होनी चाहिए. इन उपायों का कभी भी राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.
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एएनआई