नई दिल्ली: राहुल गांधी अभी भी अपनी बात पर अडिग हैं. उन्होंने ये साफ कर दिया है कि पार्टी को नया अध्यक्ष जल्द से जल्द तलाश लेना चाहिए. वे अध्यक्ष पद से इस्तीफा पहले ही दे चुके हैं और औपचारिक तौर पर राहुल का इस्तीफा ट्वीट के माध्यम से जनता के बीच आ चुका है.
अटकले लगाई जा रही हैं कि मोतीलाल वोहरा अगले अध्यक्ष हो सकते हैं. वे राज्यसभा सदस्य हैं.
राहुल गांधी का कहना है कि पार्टी को नए अध्यक्ष की तलाश जल्द से जल्द पूरी कर लेनी चाहिए. इसमें अब और देरी नहीं होनी चाहिए. मैंने पहले ही इस्तीफा दे दिया है और मैं अब पार्टी अध्यक्ष नहीं हूं.
आगे वे कहते हैं कि ये अब कांग्रेस वर्किंग कमेटी का काम है कि वे जल्द से जल्द बैठक करें और इसका हल निकाले.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर के अपने इस्तीफे की पुष्टि कर दी है. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'मेरे लिए कांग्रेस पार्टी की सेवा करना एक सम्मान की बात है. पार्टी के मूल्यों और आदर्शों ने हमारे सुंदर राष्ट्र की जीवनधारा के रूप में काम किया है. मैं देश और अपने संगठन को बहुत प्यार करता हूं, साथ ही आभार भी व्यक्त करता हूं. मैं पार्टी और देश का कर्जदार हूं. जय हिंद.'
राहुल ने पत्र में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए ये फैसला लिया है. उनका कहना है कि मैं 2019 चुनाव की हार के लिए जिम्मेदार हूं. पार्टी के लिए जवाबदेही जरूरी है. इसी के चलते मैं इस्तीफा दे रहा हूं.
राहुल का इस्तीफा सामने आते ही नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री और राहुल को उनके गढ़ में हराने वाली स्मृति ईरानी ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए 'जय श्री राम' कहा है.
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राहुल गांधी ने पार्टी को इस्तीफा सौंप दिया था. चुनाव में खराब प्रदर्शन का हवाला देते हुए ऐसा किया गया.
राहुल का इस्तीफा आने के बाद सीडब्लूसी की बैठक भी हुई, जिसके बाद भी राहुल का फैसला नहीं बदला. वहीं राहुल का बयान सामने आया कि सभी को हार की सामूहिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
मामले उठने के बाद से कांग्रेसी खेमे में हड़कंप मच गया है. कार्यकर्ताओं की मांग है कि राहुल अपना इस्तीफा वापस लें. वहीं दूसरी ओर सामूहिक जिम्मेदारी के नाम पर पार्टी में लोगों के इस्तीफे के तांते लगे हैं. बहरहाल राहुल गांधी अब भी अपने फैसले पर अड़ें हैं.