कम पोलिंग से राजनीतिक दलों में चिंता जरूर, लेकिन दावा ये कि उनके पक्ष में ही पड़े वोट - Low Voting In Lok Sabha Election - LOW VOTING IN LOK SABHA ELECTION
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Published : Apr 28, 2024, 6:33 AM IST
|Updated : Apr 28, 2024, 6:42 AM IST
पटना : बिहार में दो चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है. दोनों चरणों में अपेक्षाकृत कम मतदान हुए हैं. ऐसे में तमाम राजनीतिक दलों के नेता इस बात से चिंतित हैं कि लोग घर से बाहर कम क्यों निकल रहे हैं. ऐसे में लोकतंत्र खतरे में पड़ जायेगा. हालांकि कम वोटिंग परसेंटेज सरकार को स्थिर कर देती है. ज्यादा वोटिंग परसेंटेज से बदलाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. हालांकि हर दल का यह दावा है कि उनके लोग घर से बाहर निकले हैं, और वोट किए हैं. सामने वाले दल के लोगों ने वोटिंग के लिए दहलीज से बाहर कदम नहीं रखा.
ईटीवी भारत ने राजनीतिक दलों से इस विषय पर बात की. राजनीतिक दल अपने-अपने दावे पेश करने शुरू कर दिए. आरजेडी का कहना है कि तेजस्वी यादव की करिश्माई व्यक्तित्व की वजह से उनके लोग बाहर निकले हैं और वोटिंग किए हैं. क्योंकि तेजस्वी यादव लगातार लोगों को नौकरी दे रहे हैं और आगे भी नौकरी देंगे. जेडीयू और बीजेपी का मानना है यहां नरेंद्र मोदी का जादू चल रहा है. सबका साथ मिल रहा है सबका विकास होगा.
नीतीश कुमार ने पिछले 17-18 सालों में बिहार के सर जमीन पर अद्भुत काम किया है. इस वजह से बिहार के लोग नीतीश कुमार के नाम पर वोट कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी भी लगातार बिहार की चिंता करते रहे हैं. तो ऐसे में जो पोलिंग हुई है वह एनडीए के पक्ष में हुई है. ईटीवी भारत की बहस आगे बढ़ी तो सत्तारूढ़ दल जदयू-भाजपा और विपक्षी दल राजद में इस बात को लेकर तनातनी बढ़ी कि लालू-राबड़ी-तेजस्वी ने बिहार के लिए क्या किया और नीतीश कुमार ने क्या किया है?
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