कोरिया में वेतन नहीं मिलने से बिजली विभाग के ऑपरेटर परेशान, काम बंद करने दी चेतावनी - Korea Electricity department
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कोरिया : जिले में बिजली विभाग सब स्टेशनों में काम करने वाले करीब 100 ऑपरेटरों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है. इससे ऑपरेटर आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे हैं. परेशान ऑपरेटरों ने बिजली विभाग को सामुहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी दी है. ऐसे में यदि ऑपरेटरों ने काम बंद कर दिया तो 24 से ज्यादा सब स्टेशनों में काम प्रभावित होगा.
ऑपरेटर के समने रोजी रोटी का संकट : कोरिया जिले में सब-स्टेशनों का संचालन ठेका के जरिए हो रहा है. ठेकेदार के ऑपरेटर बिजली सब-स्टेशनों का संचालन करते हैं. ऑपरेटरों के अनुसार, ठेकेदार ने पिछले तीन माह से वेतन नहीं दिया है. बिजली विभाग के अधिकारी भी कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. वेतन नहीं मिलने से ऑपरेटर के समने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इससे परेशान होकर ऑपरेटरों ने सामुहिक छुट्टी पर जाने की चेतावनी दी है. ऑपरेटरों ने बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता से शिकायत कर जल्द वेतन भुगतान की मांग की है.
"हमें साढ़े 8 हजार के वेतन पर काम करना पड़ रहा है. सालभर से बोनस का भुगतान भी नहीं हुआ है. ऑपरेटरों को फरवरी, मार्च, अप्रैल महीने का भुगतान भी नहीं किया गया है. मई महीना भी बीतने को है, लेकिन अब तक वेतन नहीं मिला है. वेतन नहीं मिलने से ऑपरेटरों के सामने आर्थिक परेशानी खड़ी हो गई है." - शिवकुमार राठिया, ऑपरेटर
बिजली विभाग के एसई के सामने रखी मांग : ऑपरेटरों ने बिजली विभाग के एसई से मुलाकात कर समस्या को सुलझाने की मांग की है. ऑपरेटरों ने बताया कि जीबीएस कंपनी ने उन्हें ठेके पर रखा है. ठेकेदार का कहना है कि तकनीकी कारणों से बिल का भुगतान नहीं हुआ है.
3-4 दिन के भीतर भुगतान का किया दावा : सीएसपीडीसीएल के एसई रमेश ठाकुर ने कहा, "3-4 दिन के भीतर सब स्टेशन ऑपरेटरों को 2 महीने के वेतन का भुगतान हो जाएगा. वेतन का भुगतान ठेकेदार के माध्यम से किया जाता है. ठेकेदार ने वेतन नहीं दिया है तो विभाग के माध्यम से वेतन का भुगतान कराया जाएगा."
कोरिया और एमसीबी समेत सूरजपुर के ऑपरेटरों को वेतन नहीं मिला है. बिजली विभाग के अनुसार, कोरिया और एमसीबी समेत सूरजपुर जिले के शहरी व ग्रामीण इलाके में 50 सब स्टेशन हैं. इन 50 सब-स्टेशनों में 4-4 ऑपरेटर तैनात किए गए हैं. इनके काम पर बिजली विभाग की निगरानी रहती है. हालांकि बिजली सब-स्टेशन पूरी तरह से ऑपरेटरों पर ही निर्भर है. इसके बाद भी ठेका कंपनी द्वारा इन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है.