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बालाघाट में मारी गई 4 महिला नक्सली थी छत्तीसगढ़ की रहने वाली, 62 लाख का था चारों पर इनाम - 4 WOMEN NAXALS KILLED

एनकाउंटर में महिला नक्सली कमांडर भी मारी गई है.

4 WOMEN NAXALS KILLED
महिला नक्सलियों पर 62 लाख था इनाम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 20, 2025, 9:39 PM IST

रायपुर/बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस मुठभेड़ में मारी गई 4 हार्डकोर नक्सलियों में एक कमांडर भी शामिल थी. मारे गए नक्सली छत्तीसगढ़ के रहने वाली थे. मारे गए महिला माओवादियों पर कुल 62 लाख का इनाम था. इस बात की जानकारी खुद पुलिस से जुड़े अधिकारियों ने दी है. बुधवार को मुठभेड़ में मारे गए माओवादी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में वांछित थे. इनको पकड़ने के लिए पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा था. पुलिस अधिकारी के मुताबिक मारी महिला नक्सली कमांडर आशा पर मध्य प्रदेश में 18 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे.

महिला नक्सली कमांडर भी हुई है ढेर: वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा माओवादियों पर बढ़ते दबाव के कारण, उनमें से कुछ पड़ोसी राज्य में पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए बालाघाट में घुस गए हैं, जहां पिछले कुछ महीनों में मुठभेड़ों में दर्जनों नक्सली मारे गए हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि 29 साल बाद बालाघाट में एक ही मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए हैं. बालाघाट महाराष्ट्र के गोंदिया जिले और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, खैरागढ़ और कवर्धा जिलों की सीमा से लगा हुआ जिला है.

एंटी नक्सल ऑपरेशन से बचने के लिए पहुंचे थे बालाघाट: पुलिस अधिकारी ने बताया कि मारी गई नक्सली रंजीता, शीला और लक्खे मरावी अपनी महिला कमांडर के साथ मध्य प्रदेश के मंडला में कान्हा टाइगर रिजर्व और छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के भोरमदेव वन्यजीव अभयारण्य के में सक्रिय थी. पुलिस के मुताबिक इस माओवादी इकाई को 'केबी' प्रभाग के रूप में भी जाना जाता था. पुलिस के अनुसार केबी डिवीजन की 'कमांडर' आशा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की रहने वाली थी और उसके सिर पर 20 लाख रुपये का इनाम था जबकी महाराष्ट्र में 12 लाख और उसके गृह राज्य में 5 लाख रुपये और मध्य प्रदेश में 3 लाखका इनाम था.

महिला नक्सलियों पर 62 लाख था इनाम: गुरुवार को बालाघाट जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) संजय कुमार ने कहा कि मारे गए तीन अन्य नक्सलियों पर 14 14 लाख रुपये का इनाम था और उनकी पहचान कर ली गई है. उनमें से एक रंजीता उर्फ ​​रामली आलमी छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की रहने वाली थी. उस पर महाराष्ट्र में 6 लाख, छत्तीसगढ़ में 5 लाख, मध्य प्रदेश में 3 लाख का इनाम था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला नक्सलियों के अपराध का रिकार्ड जुटाया जा रहा है. आईजीपी ने कहा कि एक अन्य मृतक कैडर, सरिता उर्फ ​​शीला उर्फ ​​पदम मूल रूप से छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की रहने वाली थी, उस पर महाराष्ट्र में 6 लाख, छत्तीसगढ़ में 5 लाख और मध्य प्रदेश में 3 लाख का इनाम था.

मारे गए नक्सली छत्तीसगढ़ के थे: आईपीएस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए एक महिला नक्सली का नाम लक्खे मरावी है जो सुकमा की रहने वाली थी. मरावी पर महाराष्ट्र में 6 लाख, छत्तीसगढ़ में 5 लाख और मध्य प्रदेश में 3 लाख का इनाम था. मध्य प्रदेश पुलिस की नक्सल विरोधी हॉक फोर्स और स्थानीय पुलिस टीमों ने बालाघाट के जंगल में इस मुठभेड़ को अंजाम दिया. जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर एक स्थान पर दोपहर करीब 12 बजे मुठभेड़ शुरू हुई और शाम को समाप्त हो गई.

मौके से मिले घातक हथियार: पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ 5 से 6 घंटे तक चली, जिसमें पुलिस ने करीब 100 राउंड और माओवादियों ने 180 राउंड से ज्यादा गोलियां चलाईं गई. पुलिस ने मौके से एक इंसास राइफल, एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर) और एक .303 राइफल के अलावा दैनिक उपयोग की जरूरी वस्तुएं बरामद की. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विशेष अभियान इकाई कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (कोबरा) ने मुठभेड़ के दौरान हॉक फोर्स और एमपी पुलिस की मदद की और जंगल की तलाशी ली. कोबरा जंगल युद्ध और गुरिल्ला रणनीति में माहिर है.

(सोर्स पीटीआई)

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रायपुर/बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस मुठभेड़ में मारी गई 4 हार्डकोर नक्सलियों में एक कमांडर भी शामिल थी. मारे गए नक्सली छत्तीसगढ़ के रहने वाली थे. मारे गए महिला माओवादियों पर कुल 62 लाख का इनाम था. इस बात की जानकारी खुद पुलिस से जुड़े अधिकारियों ने दी है. बुधवार को मुठभेड़ में मारे गए माओवादी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में वांछित थे. इनको पकड़ने के लिए पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा था. पुलिस अधिकारी के मुताबिक मारी महिला नक्सली कमांडर आशा पर मध्य प्रदेश में 18 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे.

महिला नक्सली कमांडर भी हुई है ढेर: वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा माओवादियों पर बढ़ते दबाव के कारण, उनमें से कुछ पड़ोसी राज्य में पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए बालाघाट में घुस गए हैं, जहां पिछले कुछ महीनों में मुठभेड़ों में दर्जनों नक्सली मारे गए हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि 29 साल बाद बालाघाट में एक ही मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए हैं. बालाघाट महाराष्ट्र के गोंदिया जिले और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, खैरागढ़ और कवर्धा जिलों की सीमा से लगा हुआ जिला है.

एंटी नक्सल ऑपरेशन से बचने के लिए पहुंचे थे बालाघाट: पुलिस अधिकारी ने बताया कि मारी गई नक्सली रंजीता, शीला और लक्खे मरावी अपनी महिला कमांडर के साथ मध्य प्रदेश के मंडला में कान्हा टाइगर रिजर्व और छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के भोरमदेव वन्यजीव अभयारण्य के में सक्रिय थी. पुलिस के मुताबिक इस माओवादी इकाई को 'केबी' प्रभाग के रूप में भी जाना जाता था. पुलिस के अनुसार केबी डिवीजन की 'कमांडर' आशा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की रहने वाली थी और उसके सिर पर 20 लाख रुपये का इनाम था जबकी महाराष्ट्र में 12 लाख और उसके गृह राज्य में 5 लाख रुपये और मध्य प्रदेश में 3 लाखका इनाम था.

महिला नक्सलियों पर 62 लाख था इनाम: गुरुवार को बालाघाट जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) संजय कुमार ने कहा कि मारे गए तीन अन्य नक्सलियों पर 14 14 लाख रुपये का इनाम था और उनकी पहचान कर ली गई है. उनमें से एक रंजीता उर्फ ​​रामली आलमी छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की रहने वाली थी. उस पर महाराष्ट्र में 6 लाख, छत्तीसगढ़ में 5 लाख, मध्य प्रदेश में 3 लाख का इनाम था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला नक्सलियों के अपराध का रिकार्ड जुटाया जा रहा है. आईजीपी ने कहा कि एक अन्य मृतक कैडर, सरिता उर्फ ​​शीला उर्फ ​​पदम मूल रूप से छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की रहने वाली थी, उस पर महाराष्ट्र में 6 लाख, छत्तीसगढ़ में 5 लाख और मध्य प्रदेश में 3 लाख का इनाम था.

मारे गए नक्सली छत्तीसगढ़ के थे: आईपीएस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए एक महिला नक्सली का नाम लक्खे मरावी है जो सुकमा की रहने वाली थी. मरावी पर महाराष्ट्र में 6 लाख, छत्तीसगढ़ में 5 लाख और मध्य प्रदेश में 3 लाख का इनाम था. मध्य प्रदेश पुलिस की नक्सल विरोधी हॉक फोर्स और स्थानीय पुलिस टीमों ने बालाघाट के जंगल में इस मुठभेड़ को अंजाम दिया. जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर एक स्थान पर दोपहर करीब 12 बजे मुठभेड़ शुरू हुई और शाम को समाप्त हो गई.

मौके से मिले घातक हथियार: पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ 5 से 6 घंटे तक चली, जिसमें पुलिस ने करीब 100 राउंड और माओवादियों ने 180 राउंड से ज्यादा गोलियां चलाईं गई. पुलिस ने मौके से एक इंसास राइफल, एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर) और एक .303 राइफल के अलावा दैनिक उपयोग की जरूरी वस्तुएं बरामद की. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विशेष अभियान इकाई कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (कोबरा) ने मुठभेड़ के दौरान हॉक फोर्स और एमपी पुलिस की मदद की और जंगल की तलाशी ली. कोबरा जंगल युद्ध और गुरिल्ला रणनीति में माहिर है.

(सोर्स पीटीआई)

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