जयपुर. 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग (फेफडे) कैंसर के रूप में मनाया जाता है. इसका मकसद लंग कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक करना है. फेफड़े यानी लंग कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए दुनिया भर में सबसे अधिक मौत का कारण है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों की बात करें तो ब्रेस्ट कैंसर के बाद लंग कैंसर के मामले दुनिया भर में सबसे अधिक सामने आते हैं और प्रदेश की बात करें तो अस्पतालों में आने वाले विभिन्न कैंसर के मामलों में लंग कैंसर के मामले 20 फीसदी है, जो काफी गंभीर है. RUHS अस्पताल के अधीक्षक, पल्मनोलॉजिस्ट और एलर्जी अस्थमा के विशेषज्ञ डॉक्टर अजीत सिंह का कहना है कि पिछले कुछ सालों में लंग कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है और अस्पताल में आने वाले कैंसर के मरीजों में लंग कैंसर के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं.
डब्लूएचओ की रिपोर्ट डरावनी : वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी डब्लूएचओ के आंकड़ों की बात करे तो वर्ष 2020 के आंकड़ों के अनुसार लंग कैंसर के 2.21 मिलियन केस सामने आए थे जो ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे अधिक है. इस बीमारी से 1.80 मिलियन डेथ रिकॉर्ड की गई है. ये आंकड़े काफी डराने वाले हैं. डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि लंग कैंसर मरीजों में मौत का एक प्रमुख कारण बन रहा है और उनके पास आने वाले मरीजों में काफी बड़ी संख्या ऐसे मरीजों की है जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं.
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लंग कैंसर के कारण : डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि लंग कैंसर का मुख्य कारण सिगरेट, बीड़ी, चिलम आदि का सेवन करना है. इसके अलावा ऐसे मरीजों की संख्या भी काफी अधिक है जो ऐसी फैक्ट्री में काम करते हैं, जहां धुंआ निकलता रहता है. साथ ही ऐसे मरीज भी सामने आते हैं जिन्होंने स्मोकिंग छोड़ दी है, लेकिन काफी समय बाद उनमें लंग कैंसर के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, इसके अलावा सेकंड हैंड स्मोकिंग यानी आप धूम्रपान नहीं करते हैं लेकिन धूम्रपान के संपर्क में आते हैं तब भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
लंग कैंसर के लक्षण : लंग कैंसर के लक्षणों को लेकर डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि यदि मरीज को सांस लेने में कठिनाई हो, खांसी के साथ खून आएं, छाती में तरल पदार्थ का जमे, छाती में दर्द हो तो ये प्रमुख लक्षण हैं. डॉक्टर सिंह का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत चिकित्सकीय परामर्श की आवश्यकता है.