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प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग पर्यावरण के लिए संकट - World Earth Day 2024 - WORLD EARTH DAY 2024

प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग पृथ्वी के पर्यावरण के लिए संकट है. आज विश्व भर में पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है. वर्ष 2024 के पृथ्वी दिवस को ग्रह बनाम प्लास्टिक की थीम के साथ मनाया जा रहा है. पृथ्वी दिवस हर साल मनाने के पीछे मकसद यह है कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर नई योजनाएं बनाई जा सके और पर्यावरण प्रदूषण में कमी लाई जा सके.

WORLD EARTH DAY 2024
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 22, 2024, 2:32 PM IST

प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग

डीडवाना. आज विश्व भर में पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है. वर्ष 2024 के पृथ्वी दिवस को "ग्रह बनाम प्लास्टिक" की थीम के साथ मनाया जा रहा है. पृथ्वी दिवस हर साल मनाने के पीछे मकसद यह है कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर नई योजनाएं बनाई जा सके और पर्यावरण प्रदूषण में कमी लाकर मानव जीवन के अनुकूल बनाया जा सके.

भू वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. अरुण व्यास ने बताया कि पृथ्वी पर मानव के साथ जीव जंतु और पादप जगत के जीवन के लिए उपयुक्त एकमात्र ग्रह पृथ्वी है. यहां आज जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापवृद्धि लगातार हो रही है. इन मुद्दों को विश्व स्तर पर वैज्ञानिक ओर अधिक गंभीरता से लें और इन पर काम करें. इस साल पृथ्वी दिवस 2024 की थीम "ग्रह बनाम प्लास्टिक" है, इस थीम का उद्देश्य पृथ्वी पर बढ़ते प्लास्टिक प्रदुषण के बारे में आमजन को जागरूक करना है.

सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद हो : उन्होंने कहा कि हमें सिंगल-यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करना चाहिए और प्लास्टिक को रिसाइकल करने की व्यवस्था अपनानी चाहिए. प्लास्टिक मुक्त अभियान में सभी को सहभागी बनना चाहिए. प्लास्टिक पैकेजिंग को डिस्करेज करें और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में हम अपनी अहम भूमिका निभाएं. इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की ओर से सुझाए गए रोड मैप पर ठोस कार्रवाई वैश्विक स्तर पर तुरंत करने से ही पृथ्वी पर जीवन संकट के लिए जिम्मेदार कारकों से निजात पाया जा सकेगा.

इसे भी पढ़ें : होली पर जयपुर में बनी गो काष्ठ की 10 राज्यों में डिमांड, दो सौ टन गोबर से बनी लकड़ी को भेजी गई गुजरात

देरी की तो और बिगड़ेंगे हालात : आईपीसीसी रिपोर्ट के अनुसार मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन व्यापक और तीव्र है. यह सभी प्रजातियों के लिए खतरा है. यह हमारे पूरे ग्रह के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. कठोर वैश्विक जलवायु कार्रवाई में और अधिक देरी से हालात बिगड़ जाएंगे, फिर सुधार की गुंजाइश हाथ से निकल जाएगी. हमें इनसे निपटने के लिए रणनीतिक रोडमेप तैयार करना होगा और हमें ठोस वैश्विक कार्य योजना तैयार कर उसकी क्रियान्विति से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करना होगा.

जल-थल और नभ से प्रदूषण हटाना होगा : सामूहिक जिम्मेदारी से पृथ्वी के पर्यावरण को स्वच्छ और संरक्षित करने के लिए भू संसाधनों का नीतिगत तरीकों से इस्तेमाल करना होगा. प्लास्टिक के उपयोग में कमी करते हुए रिसाइकिल और रीयूज कंसेप्ट पर ध्यान देते हुए हमें जल, थल और आकाश में प्रदूषण नियंत्रण में सहयोगी भूमिका निभानी होगी.

प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग

डीडवाना. आज विश्व भर में पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है. वर्ष 2024 के पृथ्वी दिवस को "ग्रह बनाम प्लास्टिक" की थीम के साथ मनाया जा रहा है. पृथ्वी दिवस हर साल मनाने के पीछे मकसद यह है कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर नई योजनाएं बनाई जा सके और पर्यावरण प्रदूषण में कमी लाकर मानव जीवन के अनुकूल बनाया जा सके.

भू वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. अरुण व्यास ने बताया कि पृथ्वी पर मानव के साथ जीव जंतु और पादप जगत के जीवन के लिए उपयुक्त एकमात्र ग्रह पृथ्वी है. यहां आज जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापवृद्धि लगातार हो रही है. इन मुद्दों को विश्व स्तर पर वैज्ञानिक ओर अधिक गंभीरता से लें और इन पर काम करें. इस साल पृथ्वी दिवस 2024 की थीम "ग्रह बनाम प्लास्टिक" है, इस थीम का उद्देश्य पृथ्वी पर बढ़ते प्लास्टिक प्रदुषण के बारे में आमजन को जागरूक करना है.

सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद हो : उन्होंने कहा कि हमें सिंगल-यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करना चाहिए और प्लास्टिक को रिसाइकल करने की व्यवस्था अपनानी चाहिए. प्लास्टिक मुक्त अभियान में सभी को सहभागी बनना चाहिए. प्लास्टिक पैकेजिंग को डिस्करेज करें और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में हम अपनी अहम भूमिका निभाएं. इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की ओर से सुझाए गए रोड मैप पर ठोस कार्रवाई वैश्विक स्तर पर तुरंत करने से ही पृथ्वी पर जीवन संकट के लिए जिम्मेदार कारकों से निजात पाया जा सकेगा.

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देरी की तो और बिगड़ेंगे हालात : आईपीसीसी रिपोर्ट के अनुसार मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन व्यापक और तीव्र है. यह सभी प्रजातियों के लिए खतरा है. यह हमारे पूरे ग्रह के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. कठोर वैश्विक जलवायु कार्रवाई में और अधिक देरी से हालात बिगड़ जाएंगे, फिर सुधार की गुंजाइश हाथ से निकल जाएगी. हमें इनसे निपटने के लिए रणनीतिक रोडमेप तैयार करना होगा और हमें ठोस वैश्विक कार्य योजना तैयार कर उसकी क्रियान्विति से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करना होगा.

जल-थल और नभ से प्रदूषण हटाना होगा : सामूहिक जिम्मेदारी से पृथ्वी के पर्यावरण को स्वच्छ और संरक्षित करने के लिए भू संसाधनों का नीतिगत तरीकों से इस्तेमाल करना होगा. प्लास्टिक के उपयोग में कमी करते हुए रिसाइकिल और रीयूज कंसेप्ट पर ध्यान देते हुए हमें जल, थल और आकाश में प्रदूषण नियंत्रण में सहयोगी भूमिका निभानी होगी.

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