देहरादून: आईएएस अधिकारी मीनाक्षी सुंदरम से हुए दुर्व्यवहार पर सचिवालय संघ आंदोलन के लिए उतरा है, जिसके तहत उत्तराखंड सचिवालय संघ के आवाहन पर आज सचिवालय में आधे दिन तक कार्य बहिष्कार किया. हैरानी की बात ये है कि करीब 1200 से ज्यादा कर्मचारी वाले सचिवालय में 100- 150 कर्मचारी ही धरनास्थल पर पहुंचे. बाकी कर्मचारी या तो अपने कार्यालय में ही डटे रहे या फिर सचिवालय के बाहर के काम निपटाते रहे. उत्तराखंड सचिवालय संघ के पदाधिकारी भी सचिवालय कर्मियों की बेहद कम संख्या से चिंतित दिखाई दिए. संघ की आमसभा में इस बात को बार-बार दोहराया जाता रहा.
आईएएस मीनाक्षी सुंदरम और उनके स्टाफ को न्याय दिलाने से शुरू हुई सचिवालय संघ की यह लड़ाई आपसी खटपट पर सिमटती हुई दिखाई दी. कभी मंच पर माइक पकड़कर कुछ कर्मचारी एक दूसरे पर टिप्पणी करते दिखाई दिए, तो कुछ कर्मचारियों ने आमसभा में नहीं आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ ही बयान देने शुरू कर दिया. इतना ही नहीं आमसभा में दूसरे कुछ मुद्दों को लेकर भी कर्मचारी माइक पर गरजते हुए दिखाई दिए.
आमसभा के दौरानआईएएस अधिकारी मीनाक्षी सुंदरम,वरिष्ठ निजी सचिव कपिल कुमार और उनके दूसरे स्टाफ ने भी अपनी बात रखी और घटनाक्रम की पूरी जानकारी कर्मचारियों को दी. इस दौरान कुछ कर्मचारी आक्रामक रुख के साथ भविष्य में बड़ा कदम उठाने की पेशकश करते रहे. वहीं, उत्तराखंड सचिवालय संघ के पदाधिकारियों का रुख वेट एंड वॉच की स्थिति में दिखाई दिया. हालांकि इसके बाद सचिवालय संघ ने अपना एक मांग पत्र मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भी सौंपा.
शाम होते-होते मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय कर्मचारियों के लिए एक आदेश जारी कर दिया. इस आदेश में मुख्य सचिव ने सचिवालय के कर्मचारियों को अपना पहचान पत्र लेकर ही सचिवालय आने की नसीहत दी. वैसे तो सचिवालय के कर्मचारियों को पहचान पत्र इसीलिए दिया गया है कि वह सचिवालय में पहचान पत्र के साथ आए, लेकिन हैरत की बात यह है कि सचिवालय कर्मचारियों को बार-बार मुख्य सचिव द्वारा इस सामान्य नियम की भी जानकारी देने के लिए आदेश करना पड़ रहा है.उत्तराखंड सचिवालय संघ ने बॉबी पवार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और ऐसा नहीं करने पर भविष्य में आंदोलन को आगे बढ़ाने की भी चेतावनी दे दी है.
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