गिरिडीह: 3 अक्टूबर से आरंभ शारदीय नवरात्र का समापन हो चुका है. समापन होने के बाद शनिवार से प्रतिमा का विसर्जन किया जा रहा है. रविवार को भी गिरिडीह शहरी इलाके के कई स्थानों से मां दुर्गे की प्रतिमा का विसर्जन किया गया. इस दौरान जगह-जगह सिंदूर खेला हुआ. महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाया. वकालत खाना के ठीक बगल में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा का भी विसर्जन रविवार को किया जाना है.
इससे पहले यहां पर महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाया. सिंदूर लगाने के बाद धुनुची नृत्य भी किया गया. परंपरा के अनुसार जब बेटी की विदाई होती है तो सिंदूर लगाया जाता है. क्योंकि 9 दिनों तक मां दुर्गा अपने मायके में रहती हैं और दसवें दिन विदाई होती है. ऐसे में उन्हें सिंदूर लगाया जाता है. यह भी कहा जाता है कि महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर मां दुर्गा से अपने सुहाग की लंबी उम्र की भी कामना करती हैं.
कंधे से माता का विसर्जन
वहीं, दूसरी ओर कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने माता की प्रतिमा को अपने कंधों पर उठाकर विसर्जन किया. ऐसी ही परंपरा का निर्वाहन बरगंडा स्थिर विश्वनाथ मंदिर में किया गया. यहां पर स्थापित मां की प्रतिमा को भक्त अपने कंधे पर लादकर विसर्जन के लिए ले गए.
पपरवाटांड-बनियाडीह में विसर्जन कल
इधर, बताया गया कि जिले के प्रसिद्ध पपरवाटांड और बनियाडीह में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन सोमवार को होगा. दोनों स्थानों पर भव्य तरीके से विसर्जन होगा. विसर्जन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और भी चुस्त किया गया है.
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