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यूपी में ये कैसा मानसून; कहीं सूखा तो कहीं बाढ़, क्यों बदल रहा बारिश का पैटर्न, जानिए क्या सितंबर में भी होगी तेज बरसात - UP Weather News - UP WEATHER NEWS

अब एक बार फिर मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तेज बारिश की संभावना है. अभी तक हुई बारिश की बात की जाए तो पूरे प्रदेश में सामान्य से 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है.

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यूपी में एक-दो दिन में फिर से तेज बारिश का अनुमान. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 24, 2024, 10:22 AM IST

Updated : Aug 24, 2024, 10:41 AM IST

लखनऊ: प्रदेश में मानसून सक्रिय है. प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की तो कुछ इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है. लेकिन, आंकड़ों की बात करें तो 22 अगस्त तक 52 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई. वहीं, 22 जिलों में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश हुई है.

अब एक बार फिर मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तेज बारिश की संभावना है. अभी तक हुई बारिश की बात की जाए तो पूरे प्रदेश में सामान्य से 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है.

यूपी में बारिश के पैटर्न के बारे में बताते लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रो. ध्रुव सेन सिंह (Video Credit; ETV Bharat)

मौसम विभाग के वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में देखा जा रहा है कि बारिश होने के तरीके में बदलाव हुआ है. जिसे मौसम विभाग की भाषा में बारिश का पैटर्न कहा जाता है. इसमें होता यह है कि कुछ क्षेत्रों में बारिश होती है तो वहीं कुछ क्षेत्रों में बिल्कुल भी नहीं होती है. किसी जिले में बाढ़ आ जाती है तो वहीं उससे 10 किलोमीटर की दूरी वाले जिले में सूखा पड़ जाता है.

जिस हिसाब से बारिश के पैटर्न में बदलाव हो रहा है, उसके चलते बहुत सारे जिलों में सामान्य से कम बारिश हो रही है. सामान्य बारिश 823 से 860 मिलीमीटर होती है. लेकिन, कुछ जिलों में बारिश सामान्य से बेहद कम हुई है.

उन्होंने बताया कि इस बार पूर्वी यूपी के 42 जिलों में से 30 जिलों में कम बारिश हुई. इनमें सबसे कम बारिश फतेहपुर में हुई. वहीं, सबसे ज्यादा बारिश बलरामपुर में हुई है. इसके अलावा पश्चिमी यूपी के 33 में से 20 जिलों में औसत से कम बारिश हुई. यहां सबसे कम बारिश शामली में हुई. जबकि, सबसे ज्यादा बारिश औरैया में हुई. प्रदेश में अभी तक 21 लोगों की मौत हुई है.

यूपी में मानसून को ऐसे समझें.
यूपी में मानसून को ऐसे समझें. (Photo Credit; ETV Bharat)

यूपी के कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां बाढ़ के चलते काफी दिक्कत हुई है. जिनमें सबसे पहले कानपुर जिले का नाम शामिल है. कानपुर में गंगा नदी डेंजर लाइन पर है. उन्नाव में भी गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. लखीमपुर खीरी के ढाई सौ घरों में शारदा नदी का पानी भर गया है.

वाराणसी में पिछले दिनों गंगा का जलस्तर डेंजर लाइन के बराबर पहुंच चुका है. करीब 40 घाट गंगा में डूब गए हैं. मोहम्मद दानिश ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सामान्य बारिश नहीं हो रही है. जिसके चलते कुछ जिलों में बाढ़ आ रही है. वहीं, कुछ जिलों में बारिश नहीं हो रही है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि यह सच बात है कि पिछले कुछ वर्षों में मानसून में काफी बदलाव हुआ है. मानसून का पैटर्न बदल गया है और देखा जा रहा है कि अब मौसम एक महीना आगे शिफ्ट हो गया है. यानी जो बारिश जुलाई अगस्त महीने में होनी चाहिए थी, वह बारिश अब सितंबर महीने में होती है.

ऐसे में देखा जाता है कि कुछ जिलों में आवश्यकता से अधिक बारिश होगी तो वहीं कुछ जिलों में बेहद कम बारिश दर्ज हुई. वर्ष 2021, 2022 और 2023 में इसी पैटर्न में बारिश हुई थी. वर्ष 2024 में यह देखा गया है कि जितनी अधिक बारिश हुई उतनी जल्दी समय से मानसून आ गया.

हालांकि जुलाई में बारिश नहीं होने के कारण लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा. उसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भयानक बारिश हुई. वहीं, कुछ दिनों में मानसून का ट्रैफिक नहीं बन पाने के कारण अच्छी बारिश नहीं हुई.

किस जिले में कितनी हुई बारिश: शामली 80 प्रतिशत, गौतमबुद्ध नगर 77 प्रतिशत, फतेहपुर 61 प्रतिशत, अमेठी और जौनपुर 56 प्रतिशत, अमरोहा 55 प्रतिशत, सहारनपुर 53 प्रतिशत, चंदौली 52 प्रतिशत, रायबरेली 47 प्रतिशत, देवरिया 51 प्रतिशत, रायबरेली 41 प्रतिशत, उन्नाव 45 प्रतिशत, औरैया 98 प्रतिशत, एटा 64 प्रतिशत, बस्ती 63 प्रतिशत, बरेली 29 प्रतिशत, बहराइच 29 प्रतिशत ,मुरादाबाद 25 प्रतिशत, ललितपुर 24 प्रतिशत, आगरा 22 प्रतिशत, जालौन 21 प्रतिशत बारिश हुई.

बाढ़ से प्रभावित शहर: ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि कुछ जिले ऐसे हैं जहां पर बारिश की वजह से समस्याएं बढ़ गई हैं. बारिश के पैटर्न में बदलाव के नतीजतन लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, बाराबंकी, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, हरदोई, अयोध्या, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, बलरामपुर, बस्ती, बरेली, बदायूं, फर्रुखाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, कानपुर देहात, सीतापुर, उन्नाव, महाराजगंज, बहराइच, गोंडा, पीलीभीत, सहारनपुर, बिजनौर, बांदा, हापुड़, बुलंदशहर, प्रयागराज, वाराणसी एवं जालौन में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है.

आगामी दिनों में होगी अच्छी बारिश: ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि आगामी दिनों में अच्छी बारिश होने की संभावना है. पिछले पांच वर्षों से उत्तर प्रदेश में बहुत अच्छी बारिश नहीं हुई थी. इस बार जिस तरह से भीषण गर्मी पड़ी उसके कारण मानसून की शुरुआत अच्छी हुई और इस बार बहुत अच्छी बारिश होगी. कुछ ऐसे जिले हैं जहां पर ट्रफ नहीं बन पाया, जिसके कारण उन जिलों में अधिक बारिश नहीं हुई. हालांकि, आगामी दिनों में संभावना है कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में अच्छी बारिश होगी. दिन में बीच-बीच में हल्की धूप रहेगी. रात में भारी बारिश होगी. धूप छांव के साथ हल्की बारिश रहेगी. मौसम खुशनुमा बना रहेगा.

ये भी पढ़ेंः जन्माष्टमी से पहले मथुरा में भारी बारिश; शहर में हर तरफ पानी ही पानी, बसें-JCB जलभराव में बंद पड़ीं

लखनऊ: प्रदेश में मानसून सक्रिय है. प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की तो कुछ इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है. लेकिन, आंकड़ों की बात करें तो 22 अगस्त तक 52 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई. वहीं, 22 जिलों में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश हुई है.

अब एक बार फिर मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तेज बारिश की संभावना है. अभी तक हुई बारिश की बात की जाए तो पूरे प्रदेश में सामान्य से 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है.

यूपी में बारिश के पैटर्न के बारे में बताते लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रो. ध्रुव सेन सिंह (Video Credit; ETV Bharat)

मौसम विभाग के वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में देखा जा रहा है कि बारिश होने के तरीके में बदलाव हुआ है. जिसे मौसम विभाग की भाषा में बारिश का पैटर्न कहा जाता है. इसमें होता यह है कि कुछ क्षेत्रों में बारिश होती है तो वहीं कुछ क्षेत्रों में बिल्कुल भी नहीं होती है. किसी जिले में बाढ़ आ जाती है तो वहीं उससे 10 किलोमीटर की दूरी वाले जिले में सूखा पड़ जाता है.

जिस हिसाब से बारिश के पैटर्न में बदलाव हो रहा है, उसके चलते बहुत सारे जिलों में सामान्य से कम बारिश हो रही है. सामान्य बारिश 823 से 860 मिलीमीटर होती है. लेकिन, कुछ जिलों में बारिश सामान्य से बेहद कम हुई है.

उन्होंने बताया कि इस बार पूर्वी यूपी के 42 जिलों में से 30 जिलों में कम बारिश हुई. इनमें सबसे कम बारिश फतेहपुर में हुई. वहीं, सबसे ज्यादा बारिश बलरामपुर में हुई है. इसके अलावा पश्चिमी यूपी के 33 में से 20 जिलों में औसत से कम बारिश हुई. यहां सबसे कम बारिश शामली में हुई. जबकि, सबसे ज्यादा बारिश औरैया में हुई. प्रदेश में अभी तक 21 लोगों की मौत हुई है.

यूपी में मानसून को ऐसे समझें.
यूपी में मानसून को ऐसे समझें. (Photo Credit; ETV Bharat)

यूपी के कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां बाढ़ के चलते काफी दिक्कत हुई है. जिनमें सबसे पहले कानपुर जिले का नाम शामिल है. कानपुर में गंगा नदी डेंजर लाइन पर है. उन्नाव में भी गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. लखीमपुर खीरी के ढाई सौ घरों में शारदा नदी का पानी भर गया है.

वाराणसी में पिछले दिनों गंगा का जलस्तर डेंजर लाइन के बराबर पहुंच चुका है. करीब 40 घाट गंगा में डूब गए हैं. मोहम्मद दानिश ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सामान्य बारिश नहीं हो रही है. जिसके चलते कुछ जिलों में बाढ़ आ रही है. वहीं, कुछ जिलों में बारिश नहीं हो रही है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि यह सच बात है कि पिछले कुछ वर्षों में मानसून में काफी बदलाव हुआ है. मानसून का पैटर्न बदल गया है और देखा जा रहा है कि अब मौसम एक महीना आगे शिफ्ट हो गया है. यानी जो बारिश जुलाई अगस्त महीने में होनी चाहिए थी, वह बारिश अब सितंबर महीने में होती है.

ऐसे में देखा जाता है कि कुछ जिलों में आवश्यकता से अधिक बारिश होगी तो वहीं कुछ जिलों में बेहद कम बारिश दर्ज हुई. वर्ष 2021, 2022 और 2023 में इसी पैटर्न में बारिश हुई थी. वर्ष 2024 में यह देखा गया है कि जितनी अधिक बारिश हुई उतनी जल्दी समय से मानसून आ गया.

हालांकि जुलाई में बारिश नहीं होने के कारण लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा. उसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भयानक बारिश हुई. वहीं, कुछ दिनों में मानसून का ट्रैफिक नहीं बन पाने के कारण अच्छी बारिश नहीं हुई.

किस जिले में कितनी हुई बारिश: शामली 80 प्रतिशत, गौतमबुद्ध नगर 77 प्रतिशत, फतेहपुर 61 प्रतिशत, अमेठी और जौनपुर 56 प्रतिशत, अमरोहा 55 प्रतिशत, सहारनपुर 53 प्रतिशत, चंदौली 52 प्रतिशत, रायबरेली 47 प्रतिशत, देवरिया 51 प्रतिशत, रायबरेली 41 प्रतिशत, उन्नाव 45 प्रतिशत, औरैया 98 प्रतिशत, एटा 64 प्रतिशत, बस्ती 63 प्रतिशत, बरेली 29 प्रतिशत, बहराइच 29 प्रतिशत ,मुरादाबाद 25 प्रतिशत, ललितपुर 24 प्रतिशत, आगरा 22 प्रतिशत, जालौन 21 प्रतिशत बारिश हुई.

बाढ़ से प्रभावित शहर: ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि कुछ जिले ऐसे हैं जहां पर बारिश की वजह से समस्याएं बढ़ गई हैं. बारिश के पैटर्न में बदलाव के नतीजतन लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, बाराबंकी, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, हरदोई, अयोध्या, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, बलरामपुर, बस्ती, बरेली, बदायूं, फर्रुखाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, कानपुर देहात, सीतापुर, उन्नाव, महाराजगंज, बहराइच, गोंडा, पीलीभीत, सहारनपुर, बिजनौर, बांदा, हापुड़, बुलंदशहर, प्रयागराज, वाराणसी एवं जालौन में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है.

आगामी दिनों में होगी अच्छी बारिश: ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि आगामी दिनों में अच्छी बारिश होने की संभावना है. पिछले पांच वर्षों से उत्तर प्रदेश में बहुत अच्छी बारिश नहीं हुई थी. इस बार जिस तरह से भीषण गर्मी पड़ी उसके कारण मानसून की शुरुआत अच्छी हुई और इस बार बहुत अच्छी बारिश होगी. कुछ ऐसे जिले हैं जहां पर ट्रफ नहीं बन पाया, जिसके कारण उन जिलों में अधिक बारिश नहीं हुई. हालांकि, आगामी दिनों में संभावना है कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में अच्छी बारिश होगी. दिन में बीच-बीच में हल्की धूप रहेगी. रात में भारी बारिश होगी. धूप छांव के साथ हल्की बारिश रहेगी. मौसम खुशनुमा बना रहेगा.

ये भी पढ़ेंः जन्माष्टमी से पहले मथुरा में भारी बारिश; शहर में हर तरफ पानी ही पानी, बसें-JCB जलभराव में बंद पड़ीं

Last Updated : Aug 24, 2024, 10:41 AM IST
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