दरभंगा: बिहार दरभंगा लोकसभा सीट पर वोटिंग खत्म हो गई है. वोटिंग को लेकर मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह दिखा. लोग सुबह से ही अपने-अपने बूथों पर लाइन लगाकर वोटिंग के लिए खड़े नजर आए. चुल 56.63 प्रतिशत मतदान हुआ. दरभंगा लोकसभा सीट पर इस कुल 1785 बूथों पर वोटिंग हुई है.
Darbhanga Lok Sabha Seat:
- दरभंगा में शाम 6 बजे तक 56.63% मतदान
- दरभंगा में शाम 5 बजे तक 54.28% मतदान
- दरभंगा में दोपहर 3 बजे तक 47.61% मतदान
- दरभंगा में दोपहर 1 बजे तक 33.13 प्रतिशत मतदान.
- दरभंगा लोकसभा सीट पर सुबह 11 बजे तक 22.73 फीसदी मतदान.
- दरभंगा लोकसभा सीट पर सुबह 9 बजे तक 11.61 फीसदी मतदान.
- दरभंगा में बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने अपने परिवार संग डाला वोट. उन्होंने लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व में अपना योगदान करने की अपील की.
- दरभंगा में बूथ संख्या 258 पर राज्यसभा सांसद डॉ धर्मशीला गुप्ता ने किया मतदान.
- बहादुरपुर प्रखंड के बूथ नं 120 पर ईवीएम खराब, कुछ देर के लिए मतदान बाधित
- दरभंगा लोकसभा सीट पर सुबह 7 बजे से मतदान शुरू
हर बूथ पर कड़ी सुरक्षाः वोटिंग को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गये हैं ताकि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान में कोई बाधा नहीं आए. पुलिस की असामाजिक तत्वों पर खास नजर है और मतदान में गड़बड़ी पैदा करनेवालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है.
दरभंगा में जातिगत समीकरणः दरभंगा में मतदाताओं की कुल संख्या 17 लाख 74 हजार 656 मतदाता हैं जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 33 हजार 122 है और महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 41 हजार 499 है. इसके अलावा 35 थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं.
सबसे ज्यादा ब्राह्मण वोटर्सः जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां सबसे अधिक करीब साढ़े 4 लाख ब्राह्मण वोटर्स हैं. करीब साढ़े 3 लाख मतदाताओं की संख्या के साथ मुस्लिम दूसरे नंबर पर हैं जबकि 2 लाख के आसपास मल्लाह जाति के भी मतदाता हैं. इसके अलावा एससी-एसटी मिलाकर करीब ढाई लाख और यादव मतदाताओं की संख्या 1 लाख 60 हजार के आसपास है.
ब्राहम्णों का गढ़ है दरभंगा: दरभंगा को ब्राह्मणों का गढ़ कहा जाता है. इस सीट से 9 बार ब्राह्मण जाति के ही सांसद हुए हैं. पिछले तीन चुनावों की भी बात करें तो बीजेपी के टिकट पर ब्राह्मण प्रत्याशियों ने ही जीत का परचम लहराया है. इस बार भी बीजेपी ने मौजूदा सांसद गोपालजी ठाकुर पर भरोसा जताया है तो महागठबंधन ने ललित यादव को मैदान मे उतारकर MY समीकरण को साधने की कोशिश की है.
दरभंगा सीट का इतिहासः 1952 में हुए देश के पहले आम चुनाव में दरभंगा से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से अब्दुल जलील विजयी हुए और दरभंगा के पहले सांसद होने का गौरव प्राप्त किया. हालांकि बाद में कई चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. लेकिन 1980 के बाद इस सीट से कांग्रेस की करीब-करीब विदाई हो गयी और पहले आरजेडी और अब बीजेपी के गढ़ के रूप में उभरा है. पिछले तीन चुनावों से बीजेपी इस सीट पर जीत दर्ज करती आ रही है. 2009 और 2014 में बीजेपी के कीर्ति आजाद ने जीत दर्ज की तो 2019 में बीजेपी के टिकट पर गोपालजी ठाकुर ने जीत का परचम लहराया.
NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्करः बिहार के अधिकतर सीटों की तरह दरभंगा लोकसभा सीट पर भी NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है. NDA ने बीजेपी के मौजूदा सांसद गोपालजी ठाकुर को फिर से मैदान में उतारा है तो महागठबंधन की ओर से आरजेडी के ललित कुमार यादव इस बार चुनौती पेश कर रहे हैं.
बीजेपी के गढ़ के रूप में उभरा है दरभंगाः पिछले कुछ चुनावों पर नजर डालें तो दरभंगा लोकसभा सीट बीजेपी का नया गढ़ बनकर उभरा है.बीजेपी ने सबसे पहले 1999 के लोकसभा चुनाव में दरभंगा सीट से जीत दर्ज की, हालांकि 2004 में यहां बीजेपी की हार हुई लेकिन उसके बाद से बीजेपी यहां जीत की हैट्रिक लगा चुकी है और अब लगातार चौथी जीत की तैयारी कर रही है.
दरभंगा लोकसभा सीटः 2009 से अब तकः इस सीट से 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर बीजेपी के कीर्ति झा आजाद ने आरजेडी के अली अशरफ फातिमी को हराकर 2004 की हार का बदला लिया तो 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के कीर्ति आजाद ने अपनी जीत का सिलसिला जारी रखते हुए आरजेडी के अली अशरफ फातमी को फिर मात दे दी. 2019 में बीजेपी ने जीत की हैट्रिक लगाई. हालांकि इस बार जीतने-हारनेवाले चेहरे बदल चुके थे. इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े गोपालजी ठाकुर ने आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी को भारी अंतर से शिकस्त दी.
दरभंगा आतिथ्य के लिए विख्यातः पूरी दुनिया को मखाना का स्वाद चखानेवाला दरभंगा अपने आतिथ्य के लिए विख्यात है. मखाना, मछली और पान यहां की पहचान है तो ये प्राचीन शहर अपनी लोक संस्कृति और परंपराओं के लिए भी जाना जाता है. बागमती नदी के किनारे बसे इस इलाके का रामायण में भी उल्लेख मिलता है.
दरभंगा में 6 विधानसभा सीटः दरभंगा लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- गौरा बौराम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा ग्रामीण, दरभंगा और बहादुरपुर. जिसमें दरभंगा ग्रामीण को छोड़कर सभी पांच सीटों पर NDA का कब्जा है. दरभंगा ग्रामीण सीट से आरजेडी के ललित प्रसाद यादव विधायक हैं जो फिलहाल दरभंगा लोकसभा सीट से आरजेडी उम्मीदवार हैं.
क्या 2019 दोहरा पाएंगे गोपालजी ठाकुर?: 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के गोपालजी ठाकुर ने आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी को भारी अंतर से मात दी थी. उस समय कुल पड़े वोट में गोपालजी ठाकुर ने 5 लाख 86 हजार 668 वोट हासिल किए. यानी करीब 62.11 फीसदी लोगों ने बीजेपी के पक्ष में वोटिंग की जबकि आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने 33.74 फीसदी हिस्से के साथ 3 लाख 18 हजार 689 वोट प्राप्त किए. इस अंतर को पाटने के लिए महागठबंधन ने इस बार MY समीकरण पर भरोसा जताते हुए ललित प्रसाद यादव को अपना कैंडिडेट बनाया है. अब देखना ये है कि बीजेपी इस चुनौती से कैसे पार पाती है.
जीत के दावे कर रहे हैं दोनों प्रत्याशीः महागठबंधन के प्रत्याशी ललित प्रसाद यादव का कहना है कि दरभंगा में समस्याओं का अंबार है और इस बार वो इस सीट से जीतकर दरभंगा के विकास को नयी दिशा और दशा देंगे. वहीं NDA उम्मीदवार गोपालजी ठाकुर का कहना है दरभंगा में कोई लड़ाई नहीं है और यहां चुनाव औपचारिकता मात्र है.
"दरभंगा का सर्वांगीण विकास, आपसी भाईचारा कायम करना और दरभंगा का देश और दुनिया में जो गौरव है उसे चार चांद लगाएंगे.यहां कल-कारखाने बंद हैं, यहां दो-दो विश्वविद्यालय हैं लेकिन एक को भी केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं है. शहर को जाम और जलजमाव से मुक्ति दिलाएंगे."- ललित प्रसाद यादव, आरजेडी प्रत्याशी
"जो मेरी छवि है और पीएम नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व में कम समय में मैंने जो दरभंगा के लिए विकास के काम किए हैं वो सारी जनता के बीच चर्चा का विषय है. महागठबंधन के प्रत्याशी के खुद के विधानसभा क्षेत्र में भी जो उनका हाल होगा वो 4 जून को देखेंगे."- गोपालजी ठाकुर, बीजेपी प्रत्याशी
कड़ी टक्कर की उम्मीदः जीत की हैट्रिक लगा चुकी बीजेपी को अपने कैडर वोट के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी के मैजिक पर भरोसा है तो महागठबंधन को लग रहा है कि दरभंगा में इस बार उनका MY समीकरण भारी पड़ेगा. अब देखना है कि दरभंगा के मतदाता अपना बहुमूल्य मत देकर किसकी जीत की राह प्रशस्त करते हैं.