विदिशा: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में बड़ा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया. आमतौर पर पैसेंजर वेटिंग रूम का इस्तेमाल यात्री करते हैं. जहां यात्री बैठकर अपनी बस का इंतजार करते हैं. आपको ये जानकर बड़ी हैरानी होगी कि विदिशा के परसोरा हवेली गांव में मौजूद पैसेंजर वेटिंग रूम यानि की यात्री प्रतीक्षालय में सरकारी स्कूल संचालित हो रहा है. यात्री प्रतीक्षालय के एक कमरे में बैठकर छोटे-छोटे बच्चे शिक्षा का ज्ञान ले रहे हैं और अपना भविष्य संवार रहे हैं. हालांकि महिला एवं बाल विकास अधिकारी जल्द भवन तैयार होने का आश्वासन दे रहे हैं.
आंगनबाड़ी भी खस्ताहाल, पंचायत भवन में संचालित
इसके साथ ही इस गांव में मौजूद आंगनबाड़ी केंद्र की हालत भी खस्ता है. आंगनबाड़ी भवन नहीं होने कारण बच्चों के साथ स्टाफ भी परेशान है. आंगनबाड़ी का खुद का भवन न होने के कारण इसे पंचायत भवन में लगाया जा रहा है. इस मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ने बताया कि "2009 से वह यहां पदस्थ हैं. तब तक किराए के भवन में आंगनबाड़ी संचालित होती थी. साल 2016 में पंचायत भवन बनने के बाद यहां आंगनबाड़ी संचालित की जा रही है.
एक छोटे से कमरे में कक्षा पहली से 5वीं तक के बच्चे
परसोरा हवेली गांव में भवन न होने के चलते यात्री प्रतीक्षालय में स्कूल लगाया जा रहा है. आपको बता दें एक छोटे से कमरे में कक्षा 1 से लेकर 5 तक के बच्चों को बिठाकर यहां पढ़ाया जा रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पढ़ाई कैसे होती होगी. शिक्षकों ने बताया कि हमने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार सूचना दी है लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई. आंगनबाड़ी केंद्र के साथ ही स्कूल के स्टाफ को टॉयलेट की बड़ी समस्या है.
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स्कूल भवनों के लिए प्रस्ताव भेजने का दावा
इस पूरे मामले को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भारत सिंह राजपूत ने बताया "आंगनबाड़ी भवन के लिए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं. जल्दी ही भवन तैयार कर लिए जाएंगे." वहीं, डीपीसी लखेरा ने बताया "परसोरा हवेली के साथ ही जिलेभर में करीब 53 से ज्यादा स्कूल जर्जर हालत में हैं. इनको लेकर प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं. जैसे ही शासन की तरफ से आदेश मिलेगा, कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा."