विदिशा। अपर लोक अभियोजक दीपक कुमार सेन ने बताया कि 23 सितंबर 2020 को कमल सेवकानी का शव सिविल लाइन थाना क्षेत्र में मिला था. उसी दिन कमल की पत्नी कविता सेवकानी ने विदिशा के थाना सिविल लाइन में पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. कविता ने पुलिस को बताया कि पति कमल सेवकानी, बेटे अंकित व दोस्त लक्ष्मीनारायण कार से विदिशा आए थे. कमल सेवकानी ने अपने लड़के अंकित से कहा था कि वह पप्पन सिंधी के यहां पैसे देने जा रहा है. दोपहर 1:25 बजे कमल ने अपनी पत्नी कविता सेवकानी से फोन पर बातचीत की और कहा कि पप्पन की पत्नी रानी को मैंने पैसे दे दिए हैं. इसके बाद कमल का फोन बंद आ रहा था.
चार लोगों ने मिलकर की कमल की हत्या
कमल सेवकानी का फोन स्विच ऑफ होने पर कविता भोपाल से विदिशा आ गई थी. इसके बाद सभी लोग हलाली कॉलोनी में बने रानी के घर पहुंचे, जहां रानी के घर का शटर आधा बंद था. घर के अंदर कविता ने देखा कि डबल बेड की पलंग पेटी में उसके पति कमल सेवकानी का शव पड़ा हुआ है. इसके बाद कविता सेवकानी ने सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने रानी से पूछताछ कि तब पुलिस को पता चला कि कमल सेवकानी की हत्या रानी लालवानी, अंकित अहिरवार, सतीश मेहरा, बिट्टू उर्फ मोहन रघुवंशी ने मिलकर की है. मृतक से पैसे के लेनदेन को लेकर इनके बीच काफी समय से विवाद चल रहा था.
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पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या के दौरान प्रयोग किए गए हथियारों को जब्त किया. इसके बाद शासकीय अधिवक्ता दीपक सेन व एडिशनल डीपीओ मनीष केथोरिया के द्वारा प्रस्तुत किए साक्ष्य और तर्कों से सहमत होकर न्यायालय ने मृतक कमल सेवकानी की हत्या करने वाले आरोपी रानी ललवानी, अंकित अहिरवार, सतीश मेहरा, बिट्टू उर्फ मोहन रघुवंशी को दोषी पाकर आजीवन कारावास और 5000-5000 के अर्थदंड से दंडित किया.