शिमला: हिमाचल प्रदेश का आर्थिक संकट किसी से छिपा नहीं है. सीएम सुक्खू ने इससे निपटने के लिए आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्व बढ़ोतरी को बढ़ाने के लिए सरकार अलग-अलग कदम उठा रही है.
सीएम ने इस दौरान डीजल के दाम बढ़ाने की ओर इशारा किया. इससे जाहिर है कि प्रदेश सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए डीजल पर वैट बढ़ा सकती है. इससे डीजल के दाम बढ़ सकते हैं. अगर प्रदेश सरकार डीजल के दाम बढ़ाती है तो इसका असर आम लोगों की जिंदगी पर देखने को मिल सकता है. इससे बसों के किराये बढ़ सकते हैं और दैनिक उपयोग का सामान महंगा हो सकता है.
वहीं, सीएम ने शराब के ठेकों से हुई नीलामी से मिलने वाले राजस्व का भी जिक्र किया है. सीएम ने बीते दिन भी कहा था कि शराब के ठेकों की नीलामी से प्रदेश सरकार ने एक साल में 485 करोड़ रुपये कमाया है.
सीएम ने कहा कुछ लोग अपनी इच्छा से बिजली का बिल देना चाहते हैं. इसको लेकर कुछ लोग मुझसे संपर्क कर चुके हैं. ऐसे में बिजली के बिल में एकरूपता लाई जाएगी. हिमाचल प्रदेश के ग्रामीणों इलाकों में सरकार ने एक महीने का 100 रुपये बिल कर दिया है. यह बिल उन लोगों के लिए किया गया है जिनकी सालाना आय 50 हजार रुपये है. 50 हजार रुपये से कम सालाना आय के लोगों के लिए पानी का बिल अभी भी माफ है.
मुख्यमंत्री ने कहा हम हिमाचल प्रदेश पर आए आर्थिक संकट को धीरे-धीरे कम करने पर लगे हुए हैं. सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से आर्थिक संकट को कम कर लेगी. बता दें कि हिमाचल प्रदेश इस बार अगस्त महीने की सैलरी व पेंशन प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों को नहीं मिल पाई है. हिमाचल प्रदेश का इश्यू अब नेशनल बना चुका है.
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