जबलपुर। वंदे भारत स्लीपर कोच का प्रोटोटाइप तैयार हो गया है. इस कोच का ट्रायल 160 की स्पीड पर किया जा रहा है. वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस का कोच बेहद सुविधाजनक और लग्जरी तरीके से बनाया गया है. वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस का खासियत यह भी होगी कि इसमें नॉइस रिजाल्विंग यूनिट्स का इस्तेमाल किया गया है. इसका मतलब जब वंदे भारत 160 की स्पीड पर चलेगी तो अंदर बैठे यात्रियों को किसी भी तरह की आवाज या नॉइस नहीं आएगी. सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. 2025 से वंदे भारत की स्लीपर कोच शुरू हो जाएगी.
वंदे भारत एक्सप्रेस की सफलता के बाद भारतीय रेल अब वंदे भारत का स्लीपर कोच लेकर आने वाली है. यह स्लीपर कोच भारतीय रेल सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आ रहा है. भारत के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड संयंत्र में जाकर वंदे भारत के स्लीपर कोच के निर्माण का जायजा लिया.
स्लीपर कोच में केरावेन जैसी सुविधाएं
वंदे भारत की स्लीपर कोच का प्रोटोटाइप बन गया है. इसकी टेस्टिंग जारी है. टेस्टिंग के बाद जो सुविधा इसमें जोड़ी गई है, यदि वे सही पाई जाती हैं, तो इसका निर्माण तेज गति से शुरू हो जाएगा. वंदे भारत की स्लीपर कोच को सफेद पीले और ग्रे रंग से सजाया गया है. यह प्रीमियम क्लास है. इसलिए प्रीमियम क्लास का ध्यान रखते हुए इसकी दूसरी सुख-सुविधाओं को इसमें शामिल किया गया है. अपर बर्थ पर चढ़ने वालों के लिए काफी सुविधाजनक स्टेप्स बनाई गई हैं. लोवर और मिडिल बर्थ भी काफी सुविधाजनक है. वंदे भारत का स्लीपर कोच में सफेद और ग्रे रंग का इस्तेमाल किया गया है. बर्थ के नंबर के लिए भी डिजिटल डिसप्ले लगाए गए हैं.
ऑटोमेटिक डोर्स (गेट), अत्याधुनिक सुविधाएं
यात्रियों के इस्तेमाल के लिए हर कोच के बाजू में पाउच बनाए गए हैं. हर बर्थ पर मोबाइल चार्जिंग पॉइंट बनाए गए हैं. इस कोच का छत सफेद रखा गया है. वंदे भारत की स्लीपर कोच में इंटर कम्युनिकेशन डोर्स (गेट) जब एक्सप्रेस चले तो उसमें आवाज ना आए. इसके लिए नॉइस रिजाल्विंग यूनिट्स लगाए गए हैं. कोच का टॉयलेट भी बेहद अत्याधुनिक है. वंदे भारत एक्सप्रेस की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. इसलिए इसमें जो सुविधा लगाई गई हैं. उन्हें 160 किलोमीटर की स्पीड पर जांच कर देखा जा रहा है. हालांकि इसका परीक्षण 160 से ज्यादा रफ्तार पर किया जाएगा, ताकि 160 प्रति घंटे की रफ्तार पर यह सही तरीके से काम कर सके.
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16 कोच की एक्स्प्रेस
16 कोच की इस वंदे भारत ट्रेन में थ्री टियर, 2 टियर और फर्स्ट क्लास एसी भी होगा. यह ट्रेन ज्यादातर रात्रि कालीन यात्रा मार्गों पर चलेगी. अत्यधिक सुख सुविधाओं वाली यह ट्रेन शुरुआत में बड़े महानगरों को मिलेगी. बाद में जैसे-जैसे इसका उत्पादन बढ़ेगा. इसे दूसरे रूट पर भी चलाया जाएगा. वंदे भारत की चेयर कार का अनुभव लोगों का अच्छा रहा है, ऐसी स्थिति में जब बंदे भारत का स्लीपर कोच आएगा, तो यह भारत के प्रीमियम दर्जे के यात्रियों के लिए एक नया अनुभव होगा. जिस तरीके से वंदे भारत थोड़ी महंगी है, सुविधा के लिए यह भी थोड़ी महंगी होगी, लेकिन जो लोग इसके लिए पैसे खर्च करेंगे. उन्हें इस बात का संतोष होगा कि उन्होंने जिस सुविधा के लिए पैसे खर्च किए हैं. वह सुविधा उन्हें मिल रही है.