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'सिंघम मोड' में वैशाली एसपी: 18 पुलिस अधिकारियों के वेतन पर रोक, कई पर FIR की तैयारी, जानिए वजह - Vaishali SP

police officers salary stopped वैशाली एसपी के सिंघम मोड में आने से पुलिस महकमा में हड़कंप. वैशाली एसपी ने लापरवाही और सुस्ती बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. 18 पुलिस अधिकारियों की वेतन पर रोक लगाते ही लंबित मामले में फटाफट कार्रवाई होने लगी. एसपी अपने ही पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर भी कर सकते हैं. जानिए क्या है पूरा मामला.

हरकिशोर राय
हरकिशोर राय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 20, 2024, 4:39 PM IST

हर किशोर राय, वैशाली एसपी (ETV Bharat)

वैशाली: वैशाली एसपी हर किशोर राय 'सिंघम मोड' में नजर आ रहे हैं. पुलिस विभाग में अधिकारियों की लापरवाही और लंबित मामलों के निष्पादन में सुस्ती पर कड़ा रुख अपनाते हुए, एसपी ने 18 पुलिस अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी है. पुलिस विभाग में इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. पुलिस अधिकारी तेजी से मामलों का निष्पादन कर रहे हैं.

लंबित मामले के निपटारे में आयी तेजीः वैशाली एसपी ने बताया कि जिले में कुल लंबित मामलों की संख्या 9 हजार के आसपास है. घटकर 8 हजार आया है. इस मामले में अधिकारियों, डीएसपी और पुलिस अधीक्षक के स्तर पर कांडों के समीक्षा की जा रही है. इस क्रम में पता चला कि 800 के करीब कांड प्रभार देने की वजह से लंबित हैं. हाल ही में जो अधिकारियों के ट्रांसफर हुए थे उसकी वजह से भी लंबित हैं. जिले में एक थाने से दूसरे थाने और एक अनुमंडल से दूसरे अनुमंडल में भी ट्रांसफर होने से प्रभार लंबित थे जिसकी वजह से अनुसंधान नहीं हो पाया था.

समीक्षा की जा रही हैः इसमें कुछ पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. 70% प्रभार दे दिया गया है. डेली बेसिस पर समीक्षा की जा रही है कि जल्दी-जल्दी प्रभार दिया जाए. अभी भी 200 के करीब कांड प्रभार देने की वजह से लंबित है. इस मामले में पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई की जा रही है. ऐसी नौबत आती है कि नियमपूर्वक अगर प्रभार नहीं दिया जाता है तो प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान है तो उसका प्रयोग करेंगे. जिससे टोटल कांड का प्रभार मिल सके अनुसंधान में तेजी आए. डीजीपी का निर्देश है कि 75 दिनों में अनुसंधान पूर्ण करना है.

"यहां पर वैशाली जिले में कुल कांड लंबित है उनकी संख्या 9 हजार के आसपास है. हम लोगों का प्रयास हुआ है तो 9 हजार 5 सौ से घाट के 8 हजार आया है. इस मामले में अधिकारियों, डीएसपी और पुलिस अधीक्षक के स्तर पर कांडों के समीक्षा की जा रही है." - हर किशोर राय, वैशाली एसपी

केस पेंडिंग होने के कारणः मामलों के निष्पादन में देरी का एक प्रमुख कारण यह भी होता है कि अधिकारियों का ट्रांसफर हो जाता है और वो लंबित मामले का प्रभार नहीं सौंपते हैं. इसके अलावा बहुत ज्यादा केस एक ही अधिकारी के पास होने से भी मामले लंबित रहते हैं. जांच अधिकारी की सुस्ती और लापरवाही की वजह से मामले लंबित होते हैं. इन वजहों से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वैशाली पुलिस ने ऐसे लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है. इस कदम का उद्देश्य मामलों के त्वरित निपटान को सुनिश्चित करना और आम जनता को राहत प्रदान करना है.

इसे भी पढ़ेंः बेउर जेल में रची थी पूर्व विधायक के भाई के मर्डर की साजिश, पुलिस ने तीन अपराधियों को किया गिरफ्तार - expose of murder case in Vaishali

इसे भी पढ़ेंः Vaishali Police Encounter: लोगों ने कहा- 'यूपी मॉडल की शुरुआत' तो कइयों ने कहा - 'पुलिस मारी गयी तो हुई कार्रवाई'

हर किशोर राय, वैशाली एसपी (ETV Bharat)

वैशाली: वैशाली एसपी हर किशोर राय 'सिंघम मोड' में नजर आ रहे हैं. पुलिस विभाग में अधिकारियों की लापरवाही और लंबित मामलों के निष्पादन में सुस्ती पर कड़ा रुख अपनाते हुए, एसपी ने 18 पुलिस अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी है. पुलिस विभाग में इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. पुलिस अधिकारी तेजी से मामलों का निष्पादन कर रहे हैं.

लंबित मामले के निपटारे में आयी तेजीः वैशाली एसपी ने बताया कि जिले में कुल लंबित मामलों की संख्या 9 हजार के आसपास है. घटकर 8 हजार आया है. इस मामले में अधिकारियों, डीएसपी और पुलिस अधीक्षक के स्तर पर कांडों के समीक्षा की जा रही है. इस क्रम में पता चला कि 800 के करीब कांड प्रभार देने की वजह से लंबित हैं. हाल ही में जो अधिकारियों के ट्रांसफर हुए थे उसकी वजह से भी लंबित हैं. जिले में एक थाने से दूसरे थाने और एक अनुमंडल से दूसरे अनुमंडल में भी ट्रांसफर होने से प्रभार लंबित थे जिसकी वजह से अनुसंधान नहीं हो पाया था.

समीक्षा की जा रही हैः इसमें कुछ पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. 70% प्रभार दे दिया गया है. डेली बेसिस पर समीक्षा की जा रही है कि जल्दी-जल्दी प्रभार दिया जाए. अभी भी 200 के करीब कांड प्रभार देने की वजह से लंबित है. इस मामले में पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई की जा रही है. ऐसी नौबत आती है कि नियमपूर्वक अगर प्रभार नहीं दिया जाता है तो प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान है तो उसका प्रयोग करेंगे. जिससे टोटल कांड का प्रभार मिल सके अनुसंधान में तेजी आए. डीजीपी का निर्देश है कि 75 दिनों में अनुसंधान पूर्ण करना है.

"यहां पर वैशाली जिले में कुल कांड लंबित है उनकी संख्या 9 हजार के आसपास है. हम लोगों का प्रयास हुआ है तो 9 हजार 5 सौ से घाट के 8 हजार आया है. इस मामले में अधिकारियों, डीएसपी और पुलिस अधीक्षक के स्तर पर कांडों के समीक्षा की जा रही है." - हर किशोर राय, वैशाली एसपी

केस पेंडिंग होने के कारणः मामलों के निष्पादन में देरी का एक प्रमुख कारण यह भी होता है कि अधिकारियों का ट्रांसफर हो जाता है और वो लंबित मामले का प्रभार नहीं सौंपते हैं. इसके अलावा बहुत ज्यादा केस एक ही अधिकारी के पास होने से भी मामले लंबित रहते हैं. जांच अधिकारी की सुस्ती और लापरवाही की वजह से मामले लंबित होते हैं. इन वजहों से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वैशाली पुलिस ने ऐसे लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है. इस कदम का उद्देश्य मामलों के त्वरित निपटान को सुनिश्चित करना और आम जनता को राहत प्रदान करना है.

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