देहरादूनः उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने से संबंधित विधेयक को राज्य के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त गुरमीत सिंह ने मंजूरी दे दी है. सीएम धामी ने विधेयक को मंजूरी मिलने पर खुशी जताते हुए राज्यपाल गुरमीत सिंह का आभार व्यक्त किया है.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी नहीं भूल सकती. राज्य आंदोलनकारी हमारे लिए हमेशा सम्मानीय रहे हैं. हमारी सरकार उनकी सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है.
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आन्दोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की व्यवस्था से संबंधित विधेयक को प्रदेश के राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह द्वारा स्वीकृति प्रदान किये जाने पर प्रसन्न्ता व्यक्त की है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने…
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) August 18, 2024
सीएम ने कहा कि, राज्य सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके सभी आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था और इसका विधेयक विधानसभा में पारित कर राज्यपाल को भेजा गया था. जिस पर उन्होंने अपनी सहमति दे दी है. इससे राज्य आंदोलनकारियों की एक बड़ी लंबित मांग भी पूरी हो गई है.
उन्होंने कहा कि हमने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को पेंशन देने का भी निर्णय लिया है. राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है.
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में 10% क्षैतिज आरक्षण के विधेयक को माननीय राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। माननीय राज्यपाल जी का हृदयतल से आभार!
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 18, 2024
राज्य आन्दोलनकारी हमारे लिए सदैव सम्मानीय रहे हैं, हम उनके सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए प्रतिबद्धता… pic.twitter.com/Y2crNHR2s0
गैरसैंण में हुई थी शुरुआत: गौर है कि 13 मार्च 2023 को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी. जिसमें राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बिल के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसके बाद सदन में पहले बिल को पास कराया गया. उसके बाद बिल को विधेयक के रूप में लाने के लिए विधानसभा की प्रवर समिति को भेजा गया. प्रवर समिति ने 2023 में ही विधेयक विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया था. इसके बाद सदन में विधेयक को भी पास कराया गया था. 7 फरवरी 2024 को विधेयक को राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा गया था. सदन से पास होने के बाद अब विधेयक को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है.
राज्य आंदोलनकारियों के लिए त्योहार: कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण वाले प्रस्ताव पर राज्यपाल की मंजूरी मिलने पर हर्ष जताया है. मंत्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य निर्माण पर आंदोलन कर अपनी भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों के लिए आज का दिन किसी त्योहार से कम नहीं है. वह स्वयं राज्य आंदोलनकारी रहे हैं. राज्य निर्माण के दौरान जो पीड़ा आंदोलनकारियों के साथ हुई है, उसे भलीभांति जानते हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान तत्कालीन यूपी सरकार ने जो बर्बरता उत्तराखंड की महिलाओं, पुरुषों के साथ की, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है.
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