देहरादून: राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए गए है. इस मौके पर उत्तराखंड सरकार ने भी गुरुवार को देहरादून राजभवन में शिक्षकों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया और बेहतरीन काम करने वाले शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने 19 शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया.
इसी दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा किया कि शैलेश मटियानी पुरस्कार के तहत मिलने वाली धनराशि को 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार किया जाएगा. वहीं, राज्यपाल सेवानिवृत्ति ले. ज. गुरमीत सिंह ने कहा कि राज्य की विषम परिस्थितियों और दुर्गम क्षेत्रों में भी विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने में योगदान देने वाले शिक्षक सम्मान के अधिकारी हैं. जीवन में गुरु का स्थान सबसे ऊपर है. शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार के लिए चयनित ये सभी शिक्षक, अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणा बनेंगे.
साथ ही राज्यपाल ने कहा कि आज का दिन विशेष रूप से हर व्यक्ति को अपने स्कूल जीवन की जरूर याद दिलाता है. सभी को अपने शिक्षक याद आते हैं. साथ ही राज्यपाल ने अपने शिक्षकों को याद करते हुए कहा कि गुरुओं की ओर से दिया गया ज्ञान आज भी मार्गदर्शन और प्रेरणा देता है.
वहीं, इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि प्राचीन इतिहास में गुरु शिष्य परंपरा की जानकारी मिलता है. शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित हुए ये सभी शिक्षक अन्य शिक्षकों के लिए मोटिवेशन का काम करेंगे. शिक्षक का काम शिक्षा देने के साथ ही अपने शिष्य के व्यक्तित्व निर्माण, अनुशासन और समाज के प्रति भावनाओं को जगाना भी है.
सीएम धामी ने कहा कि वर्तमान समय में बच्चों में नैतिक शिक्षा की जरूरत है. साथ ही कहा कि धीरे-धीरे समाप्त हो रहे मूल्यों को फिर से जागने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है. आज के इस डिजिटल युग में शिक्षकों की भूमिका और अधिक बढ़ गई है. ऐसे में तकनीकी विकास और वैश्वीकरण के इस दौर में शिक्षक और छात्रों को संस्कृति से जोड़ने का काम करते हैं.
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