ETV Bharat / state

स्थापना के 19 साल बाद भी एक कमरे से आगे नहीं बढ़ पाया स्कूल, 10x10 के कमरे चलती हैं 5 कक्षाएं - Ujjain Single Room Primary School

उज्जैन में 2005 में स्थापित हुए एक कमरे के स्कूल में आज तक कमरों की संख्या नहीं बढ़ाई गई. बच्चों की संख्या अधिक होने के कारण बच्चे बाहर खुले में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

UJJAIN SINGLE ROOM PRIMARY SCHOOL
19 साल से एक कमरे में चल रहा स्कूल (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 7:45 PM IST

उज्जैन: जिले के जवाहर नगर में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय की स्थिति बहुत गंभीर है. यहां बच्चों के बैठने के लिए कमरा तक नहीं है. बच्चे खुले आसमान में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल पहली से पांचवीं कक्षा तक का है. यह स्कूल केवल 10x10 के एक छोटे से कमरे में चलता है. जहां दो कक्षाओं के बच्चे एक साथ कमरे में बैठकर पढ़ाई करते हैं, वहीं बाकी की तीनों क्लास के बच्चों को बाहर बैठ कर पढ़ना पड़ता है. बारिश और गर्मी के मौसम में बच्चों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. धूप और बारिश से अक्सर उनकी पढ़ाई बाधित रहती है.

एडीपीसी ने जल्द भवन निर्माण की बात कही (ETV Bharat)

19 साल से एक कमरे से आगे नहीं बढ़ा स्कूल

इस शासकीय प्राथमिक विद्यालय की शुरुआत 2005 में हुई थी. स्कूल की शुरूआत 10x10 के एक कमरे से हुई थी. उस समय बच्चों की संख्या कम थी तो उसके हिसाब से यह कमरा बच्चों के लिए पर्याप्त था. अब बच्चों की संख्या बढ़कर 70 हो गई है. दो कक्षाओं के बच्चे अन्दर बैठकर पढ़ते हैं, बाकि की तीन कक्षाओं के बच्चे बाहर बैठते हैं. बारिश और गर्मी के समय बच्चों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. बारिश आ जाने पर सभी बच्चों को एक छोटे से कमरे में बैठना पड़ता है जो किसी चुनौती से कम नहीं है. कमरे में किताबों और खाने-पीने की चीजों सहित काफी सारा सामान भी रखा है, जिससे कमरे में जगह और कम हो गई है.

पास से बहता है नाला, आती है बदबू

स्कूल के बगल में ही नाला है, जिसमें पास में स्थित धर्मशाला का पानी बहता है. नाले की कभी सफाई नहीं होती जिससे बहुत बदबू आती है, बच्चों का बाहर भी बैठना बहुत मुश्किल हो जाता है. स्कूल में शौचालय भी नहीं है जिससे बच्चों को खुले में जाना पड़ता है. 2005 में स्थापित स्कूल स्थापना के 19 साल बाद भी विकास की राह देख रहा है. स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया, यहां पर पढ़ाई बहुत अच्छी होती है. शायद अच्छी पढ़ाई ही इस एक कमरे के स्कूल में छात्रों की इतनी संख्या होने की एक मात्र वजह है.

स्कूल शिक्षिका को मुख्यमंत्री से है उम्मीद

स्कूल की सहायक टीचर, निहारिका कोठारी ने बताया कि, 'इसकी शिकायत हमने शिक्षा विभाग के अलावा राजधानी भोपाल तक की. स्कूल के आसपास की जमीन पुलिस विभाग की है जिस वजह से मामला फंस रहा है.' निहारिका कोठारी को मुख्यमंत्री मोहन यादव से बहुत उम्मीद है. उन्होंने बताया कि, 'मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव हमारी बात सुनेंगे और बहुत जल्द स्कूल को एक नया भवन मिलेगा, जिसमें बच्चे बैठकर अच्छे से पढ़ाई कर सकेंगे.'

यह भी पढ़ें:

बारिश में 'बह' रही बच्चों की पढ़ाई, ये क्या नौबत आई, टपकती छत के नीचे पॉलिथीन का सहारा

चलती क्लास में भरभराकर गिरा छज्जा, चपेट में आए 11 छात्र, स्कूल शिक्षा मंत्री के गृह जिले की घटना

'स्कूल भवन निर्माण जल्द होगा शुरू'

शिक्षा विभाग के एडीपीसी, गिरीश तिवारी ने बताया कि, 'कलेक्टर द्वारा की गई समीक्षा बैठक में पुलिस विभाग से सहमति मिल गई है. जल्द ही नए स्कूल भवन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह स्थिति उज्जैन के शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती है, लेकिन नई उम्मीदें और समाधान की प्रक्रिया चल रही है, जिससे बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सकेगा.'

उज्जैन: जिले के जवाहर नगर में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय की स्थिति बहुत गंभीर है. यहां बच्चों के बैठने के लिए कमरा तक नहीं है. बच्चे खुले आसमान में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल पहली से पांचवीं कक्षा तक का है. यह स्कूल केवल 10x10 के एक छोटे से कमरे में चलता है. जहां दो कक्षाओं के बच्चे एक साथ कमरे में बैठकर पढ़ाई करते हैं, वहीं बाकी की तीनों क्लास के बच्चों को बाहर बैठ कर पढ़ना पड़ता है. बारिश और गर्मी के मौसम में बच्चों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. धूप और बारिश से अक्सर उनकी पढ़ाई बाधित रहती है.

एडीपीसी ने जल्द भवन निर्माण की बात कही (ETV Bharat)

19 साल से एक कमरे से आगे नहीं बढ़ा स्कूल

इस शासकीय प्राथमिक विद्यालय की शुरुआत 2005 में हुई थी. स्कूल की शुरूआत 10x10 के एक कमरे से हुई थी. उस समय बच्चों की संख्या कम थी तो उसके हिसाब से यह कमरा बच्चों के लिए पर्याप्त था. अब बच्चों की संख्या बढ़कर 70 हो गई है. दो कक्षाओं के बच्चे अन्दर बैठकर पढ़ते हैं, बाकि की तीन कक्षाओं के बच्चे बाहर बैठते हैं. बारिश और गर्मी के समय बच्चों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. बारिश आ जाने पर सभी बच्चों को एक छोटे से कमरे में बैठना पड़ता है जो किसी चुनौती से कम नहीं है. कमरे में किताबों और खाने-पीने की चीजों सहित काफी सारा सामान भी रखा है, जिससे कमरे में जगह और कम हो गई है.

पास से बहता है नाला, आती है बदबू

स्कूल के बगल में ही नाला है, जिसमें पास में स्थित धर्मशाला का पानी बहता है. नाले की कभी सफाई नहीं होती जिससे बहुत बदबू आती है, बच्चों का बाहर भी बैठना बहुत मुश्किल हो जाता है. स्कूल में शौचालय भी नहीं है जिससे बच्चों को खुले में जाना पड़ता है. 2005 में स्थापित स्कूल स्थापना के 19 साल बाद भी विकास की राह देख रहा है. स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया, यहां पर पढ़ाई बहुत अच्छी होती है. शायद अच्छी पढ़ाई ही इस एक कमरे के स्कूल में छात्रों की इतनी संख्या होने की एक मात्र वजह है.

स्कूल शिक्षिका को मुख्यमंत्री से है उम्मीद

स्कूल की सहायक टीचर, निहारिका कोठारी ने बताया कि, 'इसकी शिकायत हमने शिक्षा विभाग के अलावा राजधानी भोपाल तक की. स्कूल के आसपास की जमीन पुलिस विभाग की है जिस वजह से मामला फंस रहा है.' निहारिका कोठारी को मुख्यमंत्री मोहन यादव से बहुत उम्मीद है. उन्होंने बताया कि, 'मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव हमारी बात सुनेंगे और बहुत जल्द स्कूल को एक नया भवन मिलेगा, जिसमें बच्चे बैठकर अच्छे से पढ़ाई कर सकेंगे.'

यह भी पढ़ें:

बारिश में 'बह' रही बच्चों की पढ़ाई, ये क्या नौबत आई, टपकती छत के नीचे पॉलिथीन का सहारा

चलती क्लास में भरभराकर गिरा छज्जा, चपेट में आए 11 छात्र, स्कूल शिक्षा मंत्री के गृह जिले की घटना

'स्कूल भवन निर्माण जल्द होगा शुरू'

शिक्षा विभाग के एडीपीसी, गिरीश तिवारी ने बताया कि, 'कलेक्टर द्वारा की गई समीक्षा बैठक में पुलिस विभाग से सहमति मिल गई है. जल्द ही नए स्कूल भवन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह स्थिति उज्जैन के शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती है, लेकिन नई उम्मीदें और समाधान की प्रक्रिया चल रही है, जिससे बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सकेगा.'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.